ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 21 दो स्तों, जब मैं कहता हूँ कि "जब जब फूल खिले" तो आपको क्या याद आता है? शशि कपूर और नंदा अभिनीत वो फिल्म, या फिर कश्मीर की वो डल झील, उसमें तैरते शिकारे, या फिर वो गीत "परदेसियों से ना अखियाँ मिलाना"? आप में से ज़्यादातर लोगों को शायद ऐसा ही कुछ ख्याल आता होगा! लेकिन आप में से कुछ ऐसे भी होंगे, जिनके ज़हन में झट से 1953 की फिल्म "शिकस्त" का वो गीत आया होगा जिसे लता मंगेशकर और तलत महमूद ने गाया था. जी हाँ, आप ठीक समझे, आज 'ओल्ड इस गोल्ड' में हम आपको सुनवा रहे हैं "जब जब फूल खिले तुझे याद किया हमने, देख अकेला हमें घेर लिया गम ने". शिकस्त फिल्म बनी थी सन् 1953 में जिसका निर्देशन किया था रमेश सहगल ने. जी हाँ, यह वही रमेश सहगल हैं जिन्होने इससे पहले "शहीद" और "समाधी" जैसे फिल्मों का निर्देशन किया था. दिलीप कुमार और नलिनी जयवंत इस फिल्म में पर्दे पर नज़र आए. उन दिनों दिलीप साहब के लिए तलत महमूद पार्श्वगायन किया करते थे. बाद में मोहम्मद रफ़ी दिलीप कुमार की आवाज़ बने. अगर एकल गीतों की बात करें तो तलत