स्वरगोष्ठी – 137 में आज रागों में भक्तिरस – 5 ध्रुवपद अंग में राग भैरव का रंग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-रसिकों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला के आज के अंक में हम आपसे राग भैरव पर चर्चा करेंगे जो भक्तिरस की सृष्टि करने में सबसे उपयुक्त राग है। भारतीय संगीत के इस प्राचीनतम राग में आज हम आपको एक ध्रुवपद रचना सुनवाएँगे। साथ ही इस राग पर आधारित, 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुसाफिर’ से एक मधुर भक्तिगीत प्रस्तुत करेंगे। इ स श्रृंखला के पिछले अंकों में हम यह चर्चा कर चुके हैं कि वर्तमान भारतीय संगीत की परम्परा वैदिक काल से जुड़ी है। उस काल के उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन संगीत का स्वरूप धर्म और आध्यात्म से प्रभावित...