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ए मेरे हमसफ़र रोक अपनी नज़र...जितनी उत्कृष्ट अभिनेत्री थी नूतन उनकी गायिकी में भी उतना ही क्लास था

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 634/2010/334

प्रिय दोस्तों, नमस्कार और स्वागत है आपका आप ही के इस मनचाहे महफ़िल में जिसका नाम है 'ओल्ड इज़ गोल्ड'। इस स्तंभ में इन दिनों जारी है लघु शृंखला 'सितारों की सरगम' जिसमें हम कुछ ऐसे गीत सुनवा रहे हैं जिन्हें गाया है अभिनेता - अभिनेत्रियों नें। जी नहीं, हम 'सिंगिंग् स्टार्स' की बात नहीं कर रहे, बल्कि हम केवल स्टार्स की बात कर रहे हैं जो मूलतः अभिनेता या अभिनेत्री हैं, लेकिन किसी न किसी फ़िल्म में एक या एकाधिक गीत गाया है। राज कपूर, दिलीप कुमार, और मीना कुमारी के बाद आज बारी है अभिनेत्री नूतन की। अभिनेत्री व फ़िल्म निर्मात्री शोभना समर्थ की बेटी नूतन को शोभना जी नें ही अपनी निर्मित फ़िल्म 'हमारी बेटी' में लौंच किया था, जिसमें नूतन नें एक गीत भी गाया था, जिसके बोल थे "तूने कैसा दुल्हा भाये री बाँकी दुल्हनिया"। 'हमारी बेटी' १९५० की फ़िल्म थी। इसके दस साल बाद, १९६० में शोभना समर्थ नें अपनी छोटी बेटी तनुजा को लौंच करने के लिए बनाई फ़िल्म 'छबिली' जिसमें मुख्य नायिका बनीं नूतन और इस फ़िल्म में संगीतकार स्नेहल भाटकर नें नूतन से ही सारे गीत गवाये जो उन पर फ़िल्माये गये। यह वाक़ई आश्चर्य की बात है कि जिस दौर में संगीतकार लता और आशा को गवाने के लिए तत्पर रहते थे, उस दौर में उन्होंने नूतन को मौका दिया अपने अभिनय के साथ साथ गायन के जोहर दिखाने का भी। और नूतन नें भी क्या कमाल का गायन प्रस्तुत किया था इस फ़िल्म में!

'छबिली' के गीतकार थे एस. रतन। इस फ़िल्म का हेमंत कुमार और नूतन का गाया "लहरों पे लहर उल्फ़त है जवाँ" हम 'गीत अपना धुन पराई' शृंखला में सुनवा चुके हैं। इस फ़िल्म का दूसरा सब से लोकप्रिय गीत है नूतन की एकल आवाज़ में "ऐ मेरे हमसफ़र, रोक अपनी नज़र" और जब भी नूतन के गायन प्रतिभा की बात चलती है तो सब से पहले इसी गीत का ज़िक्र किया जाता है। इसलिए आज की कड़ी में हम इसी गीत को बजा रहे हैं। इन दो गीतों के अलावा 'छबिली' में नूतन नें "मिला ले हाथ, ले बन गई बात" और "हे बाबू हे बाबा" एकल आवाज़ में गाया; तथा गीता दत्त के साथ मिलकर "यारों किसी से न कहना" और महेन्द्र कपूर के साथ "ओ माइ डार्लिंग् ओ माइ स्वीटी' जैसे गीत भी गाए। आज भले 'छबिली' फ़िल्म की कहानी किसी को याद न होगी, लेकिन इस बात के लिए यह फ़िल्म सब के ध्यान में रहती है कि इसमें नूतन ने अपनी आवाज़ में कुछ लाजवाब गीत गाये थे। आज के इस प्रस्तुत गीत को सुनने के बाद यकायक यह सवाल ज़हन में उभरता है कि नूतन नें और फ़िल्मों में क्यों नहीं गाया होगा! क्या ख़ूबसूरत आवाज़ थी और कितनी सुंदर अदायगी! और शत शत आभार स्नेहल भाटकर का भी, क्योंकि उनके प्रयास के बग़ैर शायद यह संभव नहीं हो पाता। आइए इस लाजवाब गीत का आनंद लिया जाये!



क्या आप जानते हैं...
कि नूतन को ५ बार फ़िल्मफ़ेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, और ये फ़िल्में हैं 'सीमा', 'सुजाता', 'बंदिनी', 'मिलन', और 'मैं तुल्सी तेरे आंगन की'।

दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)

पहेली 5/शृंखला 14
गीत का ये हिस्सा सुनें-


अतिरिक्त सूत्र - एक ज़माने में इस बेमिसाल अभिनेता को सिंगिंग स्टार बनकर भी गाना पड़ता था, पर ये गीत उस दौर के बहुत बाद का है.

सवाल १ - कौन है ये गायक/अभिनेता - १ अंक
सवाल २ - गीतकार बताएं - २ अंक
सवाल ३ - सहगायिका कौन हैं इस गीत में - ३ अंक

पिछली पहेली का परिणाम -
अनजाना जी बढ़त पर हैं लगता है इस बार अमित जी को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी



इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को

Comments

Chirashree Bhattacharya
Anjaana said…
Asha Bhosle
Prateek Aggarwal said…
Geetkar : Yogesh
Hindustani said…
गीतकार- anand bakshi
Pradeep Kumar said…
Singer:Ashok Kumar
mahendra verma said…
चकित हूं मैं तो, नूतन जी के गायन को सुनकर। वे तो बिल्कुल प्रोफेशनल सिंगर जैसी गा रही हैं।
कहीं पर भी सुर बहका नहीं है। धुन भी उतना आसान नहीं है। यह बात तो तय है कि सच्चे कलाकारों की प्रतिभा के कई-कई आयाम होते हैं।

आवाज़ टीम का यह कार्य अद्भुतहै, अनूठा है। अतीत के धुंधले हो चुके सागर से आप सब झिलमिलाते मोतियों को एक-एक कर निकाल रहे हैं। वंदन करता हूं आप सबका।
शुभकामनाएं, शुभकामनाएं, शुभकामनाएं....।

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