माथे पे लगाइके बिंदिया, अखियन उड़ाइके निंदिया....हास्य अभिनेता देवन वर्मा ने भी पार्श्व गायन में अपनी आवाज़ आजमाई
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 640/2010/340
दोस्तों नमस्कार! इन दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' रोशन है फ़िल्मी सितारों के गाये नग़मों से। पिछली नौ कड़ियों में हमनें नौ सितारों के गाये गीत सुनवाये और कई सितारों के नाम लिये जिनकी आवाज़ फ़िल्मी गीतों में सुनाई दी हैं। फ़िल्मी सितारों द्वारा गाये गीतों की परम्परा ४० के दशक में शुरु हुई थी, जो अब तक जारी है। आइए कुछ और नाम लें। अनिल कपूर नें गाया था फ़िल्म 'चमेली की शादी' का शीर्षक गीत। कल्याणजी-आनंदजी के ही निर्देशन में राजकुमार साहब नें सलमा आग़ा के साथ फ़िल्म 'महावीरा' के एक गीत में संवाद बोले। ९० के दशक के शुरुआत में श्रीदेवी नें 'चांदनी' का शीर्षक गीत गा कर काफ़ी लोकप्रियता हासिल की थी। माधुरी दीक्षित की भी आवाज़ गूंजी कविता कृष्णामूर्ती और पंडित बिरजु महाराज के साथ 'देवदास' फ़िल्म के "काहे छेड़े मोहे" गीत में। शाहरुख़ ख़ान नें 'जोश' में "अपुन बोला", आमिर ख़ान नें 'ग़ुलाम' में "आती क्या खण्डाला", सलमान ख़ान नें 'हेल्लो ब्रदर' में "सोने की डाल पर चांदी का मोर", संजय दत्त नें 'ख़ूबसूरत' में "ए शिवानी", अभिषेक बच्चन नें 'ब्लफ़ मास्टर' में "कम टू मी भूल जायें सारा जहाँ", और हॄथिक रोशन नें 'काइट्स' में "काइट्स सोरिंग् हाइ" जैसे गीत गाये हैं। ऐसा नहीं कि केवल नायक नायिकाओं नें ही फ़िल्मों में गीत गाये हैं, हास्य अभिनेता भी इस राह पर कई कई बार चले हैं। आइ. एस. जोहर साहब नें रफ़ी साहब के साथ 'शागिर्द' के "बड़े मियाँ दीवाने ऐसे न बनो" गीत में "यही तो मालूम नहीं है" कहे थे। महमूद जी नें एक नहीं बल्कि कई कई गीत गाये हैं, उदाहरण के तौर पर फ़िल्म 'शाबाश डैडी' में उनका गाया एक एकल गीत था, 'पड़ोसन' में किशोर कुमार और मन्ना डे के साथ, 'एक बाप छे बेटे' में सुलक्षणा पंडित और विजेयता पंडित के साथ, 'कुंवारा बाप' में एक बार फिर किशोर कुमार के साथ, और 'काश' में मोहम्मद अज़ीज़ और सोनाली मुखर्जी के साथ महमूद नें गीत गाये। एक बार फिर कल्याणजी-आनंदजी नें फ़िल्म 'वरदान' के किसी गीत में महमूद साहब की आवाज़ ली। अमरीश पुरी नें अल्का याज्ञ्निक के साथ 'आज का अर्जुन' में "माशूका माशूका" गीत में दो लाइनें गाये, शक्ति कपूर की आवाज़ सुनाई दी शैलेन्द्र सिंह के साथ फ़िल्म 'पसंद अपनी अपनी' के एक गीत में, जॊनी लीवर नें भी अपना रंग जमाया 'इश्क़' और 'इण्टरनैशनल खिलाड़ी' जैसी फ़िल्मों के गीतों में, तो अनुपम खेर साहब गाये उषा कृष्णादास के साथ 'एक अलग मौसम' फ़िल्म का गीत और यश चोपड़ा की पत्नी व गायिका पामेला चोपड़ा के साथ 'विजय' फ़िल्म का एक गीत।
दोस्तों, पामेला चोपड़ा के नाम से याद आया कि यश जी की ही १९७७ की फ़िल्म 'दूसरा आदमी' में एक बड़ा ही अनोखा गाना था जिसमें पामेला जी की आवाज़ थी, और पता है उस गीत में मुख्य गायक कौन थे? देवेन वर्मा। जी हाँ, वही फ़िल्म व टीवी हास्य व चरित्र अभिनेता देवेन वर्मा, जिनके अभिनय का लोहा हर कोई मानता है। देवेन वर्मा और पामेला चोपड़ा के गाये इस गीत पर हम अभी आते हैं, उससे पहले आपको यह बता दें कि देवेन जी नें कम से कम दो और गीत गाये हैं और ये हैं 'आदमी सड़क का' फ़िल्म में अनुराधा पौडवाल के साथ गाया हुआ "बुरा न मानो यार दोस्ती यारी में" तथा 'जोश' फ़िल्म में अमजद ख़ान के साथ गाया हुआ "खाट पे खटमल चलेगा जब दिन में सूरज ढलेगा"। देखिए अभिनेता अमजद साहब का भी नाम आ गया 'सितारों की सरगम' में! हाँ तो दोस्तों, 'दूसरा आदमी' का गीत जिसे हम आज सुनवाने जा रहे हैं उसके बोल हैं "माथे पे लगाइके बिंदिया, अखियन उड़ाइके निंदिया, खड़ी रे निहारे गोरी, आयेंगे सांवरिया, अंगना आयेंगे सांवरिया"। फ़िल्म के नायक नायिका थे ॠषी कपूर और नीतू सिंह। गीत का सिचुएशन कुछ ऐसा है कि नीतू सिंह अपने मामा जी के घर एक जनमदिन की पार्टी में गई हुई हैं और ॠषी कपूर को दफ़्तर से सीधे वहीं पार्टी में आना है। लेकिन वो आने में देर कर रहे हैं और नीतू सिंह उदास हो रही है और बार बार दरवाज़े की तरफ़ देख रही है। ऐसे में देवेन वर्मा साहब हारमोनियम और पूरी संगीतमय टोली के साथ ज़मीन पर बैठे गीत छेड़ते हैं "माथे पे लगाइके बिंदिया..."। पूर्णत: लोक शैली में रंगा यह गीत देवेन वर्मा साहब की आवाज़ पाकर जैसे जी उठा हो! इस गीत को अगर किसी सामान्य गायक से गवाया गया होता, तो शायद ही वह बात आ पाती जो बात देवेन साहब की आवाज़ से आयी है। हमें पूरा यकीन है दोस्तों कि इस गीत को आज सुनकर आपको भी मज़ा आयेगा और अगर एक अरसे से आपनें इस गीत को नहीं सुना होगा तो सुनने का मज़ा दुगुना हो जाएगा। तो आप सुनिए इस गीत को और मुझे अनुमति दीजिए 'सितारों की सरगम' शृंखला को समाप्त करने की। हम आशा करते हैं कि इस शृंखला का आपनें आनंद लिया होगा। अपने विचार और सुझाव oig@hindyugm.com के पते पर अवश्य लिख भेजें। साथ ही शनिवार विशेषांक के अंतर्गत 'ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने' के लिए अपने जीवन की कुछ यादगार लम्हों को समेटते हुए एक ईमेल हमें ज़रूर लिख भेजें। तो आज बस इतना ही, शनिवार की शाम 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' के साथ फिर मुलाक़ात होगी, नमस्कार!
क्या आप जानते हैं...
कि देवेन वर्मा को तीन बार फ़िल्मफ़ेयर के सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पुरस्कार मिला है, और ये तीन फ़िल्में हैं 'चोरी मेरा काम', 'चोर के घर चोर' और 'अंगूर'।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 01/शृंखला 15
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - अमिताभ बच्चन की फिल्म है ये.
सवाल १ - किस अद्भुत गायक की आवाज़ है इसमें - ३ अंक
सवाल २ - संगीतकार कौन हैं - २ अंक
सवाल ३ - फिल्म का नाम बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
अमित जी बात पुरुष युगल गीत की हुई है, और अनजाना जी आदमी सड़क का में आवाज़ अनुराधा की थी, जाहिर हैं इस बार आप दोनों को ही अंक नहीं मिल पायेंगें. सही जवाब है "जोश" और अमजद खान. शरद जी को जरूर अंक मिलेंगें. इसी के साथ हमारी १४ वीं श्रृंखला भी समाप्त हुई. एक बार फिर अनजाना जी विजियी हुए हैं. पर यकीन मानिये आप सब के फिल्म संगीत ज्ञान ने हम सभी को हैरान कर रखा है. दिल जीत रखा है, हम चाहेंगें कि शरद जी और प्रतीक जी भी अगली श्रृंखला में जरा फुर्ती दिखाएँ और इन दो महारथियों को जरा और आजमायें, फिलहाल के लिए अनजाना जी को बहुत बहुत बधाई दिए देते हैं
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
दोस्तों नमस्कार! इन दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' रोशन है फ़िल्मी सितारों के गाये नग़मों से। पिछली नौ कड़ियों में हमनें नौ सितारों के गाये गीत सुनवाये और कई सितारों के नाम लिये जिनकी आवाज़ फ़िल्मी गीतों में सुनाई दी हैं। फ़िल्मी सितारों द्वारा गाये गीतों की परम्परा ४० के दशक में शुरु हुई थी, जो अब तक जारी है। आइए कुछ और नाम लें। अनिल कपूर नें गाया था फ़िल्म 'चमेली की शादी' का शीर्षक गीत। कल्याणजी-आनंदजी के ही निर्देशन में राजकुमार साहब नें सलमा आग़ा के साथ फ़िल्म 'महावीरा' के एक गीत में संवाद बोले। ९० के दशक के शुरुआत में श्रीदेवी नें 'चांदनी' का शीर्षक गीत गा कर काफ़ी लोकप्रियता हासिल की थी। माधुरी दीक्षित की भी आवाज़ गूंजी कविता कृष्णामूर्ती और पंडित बिरजु महाराज के साथ 'देवदास' फ़िल्म के "काहे छेड़े मोहे" गीत में। शाहरुख़ ख़ान नें 'जोश' में "अपुन बोला", आमिर ख़ान नें 'ग़ुलाम' में "आती क्या खण्डाला", सलमान ख़ान नें 'हेल्लो ब्रदर' में "सोने की डाल पर चांदी का मोर", संजय दत्त नें 'ख़ूबसूरत' में "ए शिवानी", अभिषेक बच्चन नें 'ब्लफ़ मास्टर' में "कम टू मी भूल जायें सारा जहाँ", और हॄथिक रोशन नें 'काइट्स' में "काइट्स सोरिंग् हाइ" जैसे गीत गाये हैं। ऐसा नहीं कि केवल नायक नायिकाओं नें ही फ़िल्मों में गीत गाये हैं, हास्य अभिनेता भी इस राह पर कई कई बार चले हैं। आइ. एस. जोहर साहब नें रफ़ी साहब के साथ 'शागिर्द' के "बड़े मियाँ दीवाने ऐसे न बनो" गीत में "यही तो मालूम नहीं है" कहे थे। महमूद जी नें एक नहीं बल्कि कई कई गीत गाये हैं, उदाहरण के तौर पर फ़िल्म 'शाबाश डैडी' में उनका गाया एक एकल गीत था, 'पड़ोसन' में किशोर कुमार और मन्ना डे के साथ, 'एक बाप छे बेटे' में सुलक्षणा पंडित और विजेयता पंडित के साथ, 'कुंवारा बाप' में एक बार फिर किशोर कुमार के साथ, और 'काश' में मोहम्मद अज़ीज़ और सोनाली मुखर्जी के साथ महमूद नें गीत गाये। एक बार फिर कल्याणजी-आनंदजी नें फ़िल्म 'वरदान' के किसी गीत में महमूद साहब की आवाज़ ली। अमरीश पुरी नें अल्का याज्ञ्निक के साथ 'आज का अर्जुन' में "माशूका माशूका" गीत में दो लाइनें गाये, शक्ति कपूर की आवाज़ सुनाई दी शैलेन्द्र सिंह के साथ फ़िल्म 'पसंद अपनी अपनी' के एक गीत में, जॊनी लीवर नें भी अपना रंग जमाया 'इश्क़' और 'इण्टरनैशनल खिलाड़ी' जैसी फ़िल्मों के गीतों में, तो अनुपम खेर साहब गाये उषा कृष्णादास के साथ 'एक अलग मौसम' फ़िल्म का गीत और यश चोपड़ा की पत्नी व गायिका पामेला चोपड़ा के साथ 'विजय' फ़िल्म का एक गीत।
दोस्तों, पामेला चोपड़ा के नाम से याद आया कि यश जी की ही १९७७ की फ़िल्म 'दूसरा आदमी' में एक बड़ा ही अनोखा गाना था जिसमें पामेला जी की आवाज़ थी, और पता है उस गीत में मुख्य गायक कौन थे? देवेन वर्मा। जी हाँ, वही फ़िल्म व टीवी हास्य व चरित्र अभिनेता देवेन वर्मा, जिनके अभिनय का लोहा हर कोई मानता है। देवेन वर्मा और पामेला चोपड़ा के गाये इस गीत पर हम अभी आते हैं, उससे पहले आपको यह बता दें कि देवेन जी नें कम से कम दो और गीत गाये हैं और ये हैं 'आदमी सड़क का' फ़िल्म में अनुराधा पौडवाल के साथ गाया हुआ "बुरा न मानो यार दोस्ती यारी में" तथा 'जोश' फ़िल्म में अमजद ख़ान के साथ गाया हुआ "खाट पे खटमल चलेगा जब दिन में सूरज ढलेगा"। देखिए अभिनेता अमजद साहब का भी नाम आ गया 'सितारों की सरगम' में! हाँ तो दोस्तों, 'दूसरा आदमी' का गीत जिसे हम आज सुनवाने जा रहे हैं उसके बोल हैं "माथे पे लगाइके बिंदिया, अखियन उड़ाइके निंदिया, खड़ी रे निहारे गोरी, आयेंगे सांवरिया, अंगना आयेंगे सांवरिया"। फ़िल्म के नायक नायिका थे ॠषी कपूर और नीतू सिंह। गीत का सिचुएशन कुछ ऐसा है कि नीतू सिंह अपने मामा जी के घर एक जनमदिन की पार्टी में गई हुई हैं और ॠषी कपूर को दफ़्तर से सीधे वहीं पार्टी में आना है। लेकिन वो आने में देर कर रहे हैं और नीतू सिंह उदास हो रही है और बार बार दरवाज़े की तरफ़ देख रही है। ऐसे में देवेन वर्मा साहब हारमोनियम और पूरी संगीतमय टोली के साथ ज़मीन पर बैठे गीत छेड़ते हैं "माथे पे लगाइके बिंदिया..."। पूर्णत: लोक शैली में रंगा यह गीत देवेन वर्मा साहब की आवाज़ पाकर जैसे जी उठा हो! इस गीत को अगर किसी सामान्य गायक से गवाया गया होता, तो शायद ही वह बात आ पाती जो बात देवेन साहब की आवाज़ से आयी है। हमें पूरा यकीन है दोस्तों कि इस गीत को आज सुनकर आपको भी मज़ा आयेगा और अगर एक अरसे से आपनें इस गीत को नहीं सुना होगा तो सुनने का मज़ा दुगुना हो जाएगा। तो आप सुनिए इस गीत को और मुझे अनुमति दीजिए 'सितारों की सरगम' शृंखला को समाप्त करने की। हम आशा करते हैं कि इस शृंखला का आपनें आनंद लिया होगा। अपने विचार और सुझाव oig@hindyugm.com के पते पर अवश्य लिख भेजें। साथ ही शनिवार विशेषांक के अंतर्गत 'ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने' के लिए अपने जीवन की कुछ यादगार लम्हों को समेटते हुए एक ईमेल हमें ज़रूर लिख भेजें। तो आज बस इतना ही, शनिवार की शाम 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' के साथ फिर मुलाक़ात होगी, नमस्कार!
क्या आप जानते हैं...
कि देवेन वर्मा को तीन बार फ़िल्मफ़ेयर के सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का पुरस्कार मिला है, और ये तीन फ़िल्में हैं 'चोरी मेरा काम', 'चोर के घर चोर' और 'अंगूर'।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 01/शृंखला 15
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - अमिताभ बच्चन की फिल्म है ये.
सवाल १ - किस अद्भुत गायक की आवाज़ है इसमें - ३ अंक
सवाल २ - संगीतकार कौन हैं - २ अंक
सवाल ३ - फिल्म का नाम बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
अमित जी बात पुरुष युगल गीत की हुई है, और अनजाना जी आदमी सड़क का में आवाज़ अनुराधा की थी, जाहिर हैं इस बार आप दोनों को ही अंक नहीं मिल पायेंगें. सही जवाब है "जोश" और अमजद खान. शरद जी को जरूर अंक मिलेंगें. इसी के साथ हमारी १४ वीं श्रृंखला भी समाप्त हुई. एक बार फिर अनजाना जी विजियी हुए हैं. पर यकीन मानिये आप सब के फिल्म संगीत ज्ञान ने हम सभी को हैरान कर रखा है. दिल जीत रखा है, हम चाहेंगें कि शरद जी और प्रतीक जी भी अगली श्रृंखला में जरा फुर्ती दिखाएँ और इन दो महारथियों को जरा और आजमायें, फिलहाल के लिए अनजाना जी को बहुत बहुत बधाई दिए देते हैं
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
Comments
सजीव जी एवं सुजाय जी
मै काफी लम्बे समय बाद अपनी उपस्थिति दिखा पा रहा हूँ
क्योंकि मै सिविल सर्विस की तैयारी में लगा था .........
सभी के आशीर्वाद से मै उत्तर प्रदेश सिविल सेवा में ५(पांचवी) रेंक के साथ -
डी.एस.पी. के पद पर चयनित हुआ हूं................
अब जल्दी ही मै उपस्थिति को दर्ज करा प्रतियोगिता में अपनी चुनौती पेश करूँगा ....
आभार .........