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सुनो कहानी: शिखर-पुरुष

ज्ञानप्रकाश विवेक की "शिखर-पुरुष"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने "किस से कहें" वाले अमिताभ मीत की आवाज़ में सआदत हसन मंटो की "कसौटी" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं चर्चित कहानीकार ज्ञानप्रकाश विवेक की शिखर-पुरुष, जिसको स्वर दिया है कनाडा निवासी स्वप्न मंजूषा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय ३६ मिनट ४० सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

ज्ञानप्रकाश विवेक की सबसे चर्चित कहानी 'शिखर-पुरुष' का टेक्स्ट हिंद युग्म पर कहानी कलश में उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।

ञानप्रकाश विवेक की कहानियों में सामाजिक विडम्बनाओं के विभिन्न मंजर उपस्थित रहते हैं।

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी

चाय का कप है कोई परशुराम का धनुष नहीं। कहा नहीं था मैने, क्योंकि तुम्हें यह फब्ती बुरी लग सकती थी।
(ज्ञानप्रकाश विवेक की "शिखर-पुरुष" से एक अंश)


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#Twenty-third Story, Shikhar Purush: Gyan Prakash Vivek/Hindi Audio Book/2009/18. Voice: Swapn Manjusha

Comments

ये कहानी कभी कहानी कलश पर पढ़ी न जा सकी. आज यहाँ सुनकर आपने दिन बना दिया. स्वप्न मञ्जूषा जी की आवाज़ और प्रस्तुति बहुत ही शानदार लगी. कहानी में बनवारी का चरित्र इतने उत्कृष्ट तरीके से उभरा गया है की क्या कहने...मज़ा आ गया
यह प्रस्तुति कहानी और वाचन दोनों ही स्तरों पर उत्कृष्ट है. मज़ा आ गया.
parimal said…
कहानी बहुत अच्छी लगी, परन्तु कहानी की प्रस्तुति उससे भी ज्यादा अच्छी लगी | स्वप्न मंजूषा जी की आवाज़ ने कहानी को जीवंत कर दिया है | कहानी काफी लम्बी थी, मैंने पढने की कोशिश की थी, लेकिन पढ़ नहीं पाया था, आज सुनकर मज़ा आगया | स्वप्न मंजूषा जी बधाई की पात्रा हैं | आशा है अगली बार और भी अच्छी प्रस्तुति उनसे सुनने को मिलेगी | हिंदी-युग्म की इस कोशिश के लिए हम आभारी हैं |

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