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सिने पहेली # 2

सिने-पहेली # 2 (9 जनवरी 2012)

रेडियो प्लेबैक इण्डिया के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, 'सिने-पहेली' की दूसरी कड़ी लेकर मैं हाज़िर हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूँ कि इस नए स्तंभ को आप सब नें सराहा, जिसका सबूत है आपके ईमेल जो हमें cine.paheli@yahoo.com के आइडी पर लिख भेजे हैं। तो चलिए, आज दूसरी बार के लिए तैयार हो जाइए अपने-अपने फ़िल्मी ज्ञान को आज़माने के लिए, अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने के लिए। आपको याद दिला दूँ कि इस स्तंभ में हर सप्ताह हम आपसे पाँच सवाल पूछने वाले हैं, जिनका जवाब आपको हमें लिख भेजने हैं। हर सप्ताह पिछले सप्ताह के विजेताओं के नाम घोषित किए जायेंगे, और ५० अंकों के बाद 'महा-विजेता' भी चुना जाएगा और उन्हें 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से पुरस्कृत भी किया जाएगा। प्रतियोगिता के नियम हम बाद में बतायेंगे, पहले आइए आपको बताएँ आज के पाँच सवाल जिन्हें हल करने है सिर्फ़ आपको

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सवाल-1: गोल्डन वॉयस

गोल्डन वॉयस के लिए आज हमने चुना है एक विदाई गीत। इस गीत को ९० के दशक की एक मशहूर फ़िल्म में शामिल किया गया था। सुनिए इस विदाई गीत के इस अंश को और पहचानिए इस गीत की गायिका को।



सवाल-2: पहचान कौन!

दूसरे सवाल के रूप में आपको हल करने हैं एक चित्र पहेली का। नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए। इसमें बप्पी लाहिड़ी को तो आपने ज़रूर पहचान लिया होगा। पहचानिए उनके साथ दिख रहीं गायिका को।



सवाल-3: सुनिये तो...

तीसरे सवाल में हम आपको सुनवा रहे हैं ७० के दशक के एक मशहूर युगल गीत का शुरुआती संगीत, यानी प्रील्युड म्युज़िक। सुनिए इस ऑडियो क्लिप को और पहचानिए गीत को।



सवाल-4: भूले बिसरे

और अब चौथा सवाल। १९४८ का एक गीत बहुत मशहूर हुआ था - "पत्थर का मिला तकिया और ख़ाक का बिछौना, तुमको कसम है मेरी तुम लाश पर न रोना"। बताइए गीत किस फ़िल्म का है?

सवाल-5: आख़िरी सवाल!

और अब पाँचवा और आज का आख़िरी सवाल। आज, ९ जनवरी पार्श्वगायक महेन्द्र कपूर की जयन्ती है। इसलिए आख़िरी सवाल उन्हीं को समर्पित है। एक गीत है जो ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड पर रफ़ी और तलत महमूद की आवाज़ों में है जबकि फ़िल्म के पर्दे पर वह गीत रफ़ी और महेन्द्र कपूर की आवाज़ों में है। बताइए हम किस गीत की बात कर रहे हैं और यह गीत किस फ़िल्म का है? और हाँ, आपको यह भी बता दें कि यह एकमात्र गीत है जिसे महेन्द्र कपूर नें अपने गुरु रफ़ी साहब के साथ गाया था।

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तो दोस्तों, हमने पूछ लिए हैं आज के पाँचों सवाल, और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....

१. अगर आपको सभी पाँच सवालों के जवाब मालूम है, फिर तो बहुत अच्छी बात है, पर सभी जवाब अगर मालूम न भी हों, तो भी आप भाग ले सकते हैं, और जितने भी जवाब आप जानते हों, वो हमें लिख भेज सकते हैं।

२. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।

३. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 2" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम, आयु, और स्थान ज़रूर लिखें।

४. आपका ईमेल हमें शुक्रवार 13 जनवरी तक मिल जाने चाहिए।


है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। जैसा कि हमने शुरु में ही कहा है कि हर सप्ताह हम सही जवाब भेजने वालों के नाम घोषित किया करेंगे, और पचासवे अंक के बाद "महाविजेता" का नाम घोषित किया जाएगा।

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और अब 2 जनवरी को पूछे गए 'सिने-पहेली # 1' के सवालों के सही जवाब और विजेताओं के नाम।

१. पहले सवाल में हमने आपको एक गोल्डन वॉयस सुनवाया था और आपको पहचाननी थी उस आवाज़ को। सही जवाब है उमा शशि, जो ३० के दशक की एक जानीमानी अभिनेत्री थीं, और पार्श्वगायन पद्धति के न होने (या कम प्रचलित होने) की वजह से ख़ुद फ़िल्मों में गायन भी करती थीं। इस सवाल का केवल एक प्रतिभागी नें सही जवाब दिया है, आप हैं लखनऊ के प्रकाश गोविंद।

२. 'चित्र-पहेली' में देव आनन्द साहब के साथ चित्र में नज़र आ रही थीं अभिनेत्री वैजयन्तीमाला। लगता है यह सवाल बहुत ही आसान था, तभी इसका जवाब अधिकतर प्रतिभागियों नें सही सही दिया है।

३. 'सुनिये तो' में जिस गीतकार की आवाज़ हमने सुनवायी थी, वो गीतकार थे गुल्शन बावरा। इस पहेली का जवाब भी केवल एक ही प्रतिभागी, कोटा राजस्थान के शरद तैलंग नें सही-सही दिया है।

४. 'भूले-बिसरे' में हमारा सवाल था - सोहराब मोदी निर्देशित 'मिनर्वा मूवीटोन' की प्रसिद्ध ऐतिहासिक फ़िल्म 'सिकन्दर' (१९३९) का एक गीत अपने समय में बहुत ही मशहूर हुआ था - "ज़िन्दगी है प्यार से प्यार में बिताए जा"। इस गीत के गायक कलाकारों के नाम बताइए। हरमन्दिर सिंह 'हमराज़' सम्पादित 'हिन्दी फ़िल्म गीत कोश' के अनुसार इस सवाल का सही जवाब है ख़ान मस्ताना, परेश बनर्जी, शीला, रफ़ीक़ ग़ज़नवी और साथी। इसी गीत का एक वर्ज़न रामानन्द और साथियों की आवाज़ों में भी ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड पर जारी हुई थी। इस सवाल का सटीक जवाब किसी नें भी नहीं दिया, फिर भी जिन प्रतिभागियों नें कम से कम तीन नाम सही-सही लिखे हैं, उन्हें हमने अंक दिए हैं।

५. 'आख़िरी सवाल' के रूप में हमने पूछे थे दो ऐसी फ़िल्मों के नाम जिनमें शर्मीला टैगोर सैफ़ अली ख़ान की माँ बनी हैं। और सही जवाब है 'आशिक आवारा' और 'एकलव्य'। यह सवाल भी आसान था, आप सभी नें सही-सही जवाब दिया है।

और अब विजेताओं के नाम ये रहे -----

१. रीतेश खरे, ३२ वर्ष, मुंबई --- ३ अंक
२. प्रकाश गोविंद, लखनऊ --- ३ अंक
३. इंदु पुरी, ५४ वर्ष, चित्तौड़गढ़ --- ३ अंक
४. शरद तैलंग, ६१ वर्ष, कोटा जं, राजस्थान --- २ अंक
५. मनुज मेहता --- १ अंक


आप सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। अंक सम्बंधित अगर आप को किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें।

तो आज बस इतना ही, अगले सप्ताह आपसे इसी स्तंभ में दोबारा मुलाक़ात होगी, तब तक के लिए सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, और अनुमति दीजिए सुजॉय चटर्जी को, नमस्कार!

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