गाना: नुक्तचीन है गम-ऐ -दिल
चित्रपट:यहूदी की लड़की
संगीतकार:पंकज मलिक
गीतकार: मिर्ज़ा ग़ालिब
गायक:के.एल. सहगल
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये न बने
क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने
क्या बने बात जहाँ बात बनाये न बने
मैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल
मैं बुलाता तो हूँ उसको मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल
उस पे बन जाये कुछ ऐसी
उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने
उस पे बन जाये कुछ ऐसी कि बिन आये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये
बोझ वो सर से गिरा
बोझ वोह सर से गिरा है, कि उठाये न उठे
काम वो आन पड़ा है के बनाये न बने
काम वो आन पड़ा है के बनाये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये
इश्क़ पर ज़ोर नहीं
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब
के लगाये न लगे
के लगाये न लगे और बुझाये न बने
के लगाये न लगे और बुझाये न बने
नुक्ताचीं है, ग़म-ए-दिल उसको सुनाये
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