ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 277
इ न दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर जारी है गीता दत्त के गाए हुए गीतों की ख़ास लघु शृंखला 'गीतांजली', जिसके अन्तर्गत दस ऐसे गानें बजाए जा रहे हैं जो दस अलग अलग अभिनेत्रियों पर फ़िल्माए गए हैं। आज जिस अभिनेत्री को हमने चुना है वो नायिका के रूप में भले ही कुछ ही फ़िल्मों में नज़र आईं हों, लेकिन उन्हे सब से ज़्यादा ख्याति मिली खलनायिका के किरदारों के लिए। सही सोचा आपने, हम हेलेन की ही बात कर रहे हैं। वैसे हेलेन पर ज़्यादातर मशहूर गानें आशा भोसले ने गाए हैं, लेकिन ५० के दशक में गीता दत्त ने हेलेन के लिए बहुत से गानें गाए। आज हमने जिस गीत को चुना है वह है १९५७ की फ़िल्म 'दुनिया रंग रंगीली' से "किया यह क्या तूने इशारा जी अभी अभी, कि मेरा दिल तुझे पुकारा अरे अभी अभी"। राजेन्द्र कुमार, श्यामा, जॉनी वाकर, चाँद उस्मानी, जीवन व हेलेन अभिनीत इस फ़िल्म के गानें लिखे जान निसार अख़्तर ने और संगीत था ओ. पी. नय्यर साहब का। 'आर पार' की सफलता के बाद गीता दत्त को ही श्यामा के पार्श्वगायन के लिए चुना गया। इस फ़िल्म में श्यामा के नायक थे जॉनी वाकर और इस जोड़ी पर कई गानें भी फ़िल्माए गए जिनमें स्वर आशा भोसले का था। आशा जी ने इस फ़िल्म की मुख्य नायिका चाँद उस्मानी का भी पार्श्वगायन किया। ५० के दशक के शुरुआती सालों में नय्यर साहब गीता दत्त से बहुत सारे गानें गवाए थे, लेकिन जैसे जैसे यह दशक समापन की ओर बढ़ता गया, आशा भोसले बनती गईं नय्यर साहब की प्रधान गायिका। १९५८ की फ़िल्म 'हावड़ा ब्रिज' में नय्यर साहब ने गीता जी से केवल दो गीत गवाए जो हेलेन पर फ़िल्माए गए। इनमें से एक था "मेरा नाम चिन चिन चू" जिसने गीता दत्त और हेलेन, दोनों को लोकप्रियता की बुलंदी पर बिठाया।
वापस आते हैं आज के गीत पर। आज का यह गीत कहीं खो ही गया था, लेकिन १९९२ में एच. एम. वी (अब आर. पी. जी) ने "Geeta Dutt sings for OP Nayyar" नामक कैसेट में इस गीत को शामिल किया और इस तरह से यह गीत एक बार फिर से गीता दत्त और नय्यर साहब के चाहनेवालों के हाथ लग गई। यह गीत एक साधारण गीत होते हुए भी बहुत असरदार है जो एक चुलबुली हवा के झोंके की तरह आती है और गुदगुदाकर चली जाती है। गीता जी का ख़ास अंदाज़ इस तरह के गीतों में चार चाँद लगा देती थी। एक तरफ़ गीता जी का नशीला अंदाज़ और दूसरी तरफ़ हेलेन जॉनी वाकर को इस गीत में शराब पिलाकर फाँसने की कोशिश कर रही है। भले ही इस गीत के ज़रिए हेलेन जॉनी वाकर को बहकाने की कोशिश कर रही है लेकिन ना तो गीता जी की गायकी में कोई अश्लीलता सुनाई देती है और ना ही हेलेन के अंदाज़ और अभिनय में। इस गीत में हेलेन के डांस स्टेप्स हमें याद दिलाती हैं फ़िल्म 'अलबेला' में सी. रामचंद्र के धुनों पर थिरकते हुए गीता बाली और भगवान की। नय्यर साहब का संगीत संयोजन हर गीत में कमाल का रहा है। इस गीत के इंटर्ल्युड म्युज़िक में भी उनका हस्ताक्षर साफ़ सुनाई देता है। तो आइए सुनते हैं फ़िल्म 'दुनिया रंग रंगीली' का गीत। इस फ़िल्म का नाम याद आते ही पंकज मल्लिक की आवाज़ में "दुनिया रंग रंगीली बाबा" जैसे दिल में बज उठती है। यह गीत भी भविष्य में सुनेंगे, लेकिन आज बहक जाइए गीता दत्त और हेलेन के नशीले अंदाज़ में।
और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाइये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. याद रहे सबसे पहले सही जवाब देने वाले विजेता को मिलेंगें 2 अंक और 25 सही जवाबों के बाद आपको मिलेगा मौका अपनी पसंद के 5 गीतों को पेश करने का ओल्ड इस गोल्ड पर सुजॉय के साथ. देखते हैं कौन बनेगा हमारा अगला (अब तक के चार गेस्ट होस्ट बने हैं शरद तैलंग जी (दो बार), स्वप्न मंजूषा जी, पूर्वी एस जी और पराग सांकला जी)"गेस्ट होस्ट".अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं-
१. इस अभिनेत्री का मूल नाम था हरकीर्तन कौर.
२. मजरूह के बोलों को धुनों में पिरोया है उस संगीतकार ने जिन्होंने गीत दत्त के शुरूआती करियर में अहम् भूमिका निभाई थी
३. मुखड़े में शब्द है -"चांदनी".इस पहेली को बूझने के आपको मिलेंगें २ की बजाय ३ अंक. यानी कि एक अंक का बोनस...पराग जी इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगें.
पिछली पहेली का परिणाम -
इंदु जी अच्छा लगा आपको वापस देखकर, १८ अंक हुए आपके, बधाई...
खोज - पराग सांकला
आलेख- सुजॉय चटर्जी
इ न दिनों 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर जारी है गीता दत्त के गाए हुए गीतों की ख़ास लघु शृंखला 'गीतांजली', जिसके अन्तर्गत दस ऐसे गानें बजाए जा रहे हैं जो दस अलग अलग अभिनेत्रियों पर फ़िल्माए गए हैं। आज जिस अभिनेत्री को हमने चुना है वो नायिका के रूप में भले ही कुछ ही फ़िल्मों में नज़र आईं हों, लेकिन उन्हे सब से ज़्यादा ख्याति मिली खलनायिका के किरदारों के लिए। सही सोचा आपने, हम हेलेन की ही बात कर रहे हैं। वैसे हेलेन पर ज़्यादातर मशहूर गानें आशा भोसले ने गाए हैं, लेकिन ५० के दशक में गीता दत्त ने हेलेन के लिए बहुत से गानें गाए। आज हमने जिस गीत को चुना है वह है १९५७ की फ़िल्म 'दुनिया रंग रंगीली' से "किया यह क्या तूने इशारा जी अभी अभी, कि मेरा दिल तुझे पुकारा अरे अभी अभी"। राजेन्द्र कुमार, श्यामा, जॉनी वाकर, चाँद उस्मानी, जीवन व हेलेन अभिनीत इस फ़िल्म के गानें लिखे जान निसार अख़्तर ने और संगीत था ओ. पी. नय्यर साहब का। 'आर पार' की सफलता के बाद गीता दत्त को ही श्यामा के पार्श्वगायन के लिए चुना गया। इस फ़िल्म में श्यामा के नायक थे जॉनी वाकर और इस जोड़ी पर कई गानें भी फ़िल्माए गए जिनमें स्वर आशा भोसले का था। आशा जी ने इस फ़िल्म की मुख्य नायिका चाँद उस्मानी का भी पार्श्वगायन किया। ५० के दशक के शुरुआती सालों में नय्यर साहब गीता दत्त से बहुत सारे गानें गवाए थे, लेकिन जैसे जैसे यह दशक समापन की ओर बढ़ता गया, आशा भोसले बनती गईं नय्यर साहब की प्रधान गायिका। १९५८ की फ़िल्म 'हावड़ा ब्रिज' में नय्यर साहब ने गीता जी से केवल दो गीत गवाए जो हेलेन पर फ़िल्माए गए। इनमें से एक था "मेरा नाम चिन चिन चू" जिसने गीता दत्त और हेलेन, दोनों को लोकप्रियता की बुलंदी पर बिठाया।
वापस आते हैं आज के गीत पर। आज का यह गीत कहीं खो ही गया था, लेकिन १९९२ में एच. एम. वी (अब आर. पी. जी) ने "Geeta Dutt sings for OP Nayyar" नामक कैसेट में इस गीत को शामिल किया और इस तरह से यह गीत एक बार फिर से गीता दत्त और नय्यर साहब के चाहनेवालों के हाथ लग गई। यह गीत एक साधारण गीत होते हुए भी बहुत असरदार है जो एक चुलबुली हवा के झोंके की तरह आती है और गुदगुदाकर चली जाती है। गीता जी का ख़ास अंदाज़ इस तरह के गीतों में चार चाँद लगा देती थी। एक तरफ़ गीता जी का नशीला अंदाज़ और दूसरी तरफ़ हेलेन जॉनी वाकर को इस गीत में शराब पिलाकर फाँसने की कोशिश कर रही है। भले ही इस गीत के ज़रिए हेलेन जॉनी वाकर को बहकाने की कोशिश कर रही है लेकिन ना तो गीता जी की गायकी में कोई अश्लीलता सुनाई देती है और ना ही हेलेन के अंदाज़ और अभिनय में। इस गीत में हेलेन के डांस स्टेप्स हमें याद दिलाती हैं फ़िल्म 'अलबेला' में सी. रामचंद्र के धुनों पर थिरकते हुए गीता बाली और भगवान की। नय्यर साहब का संगीत संयोजन हर गीत में कमाल का रहा है। इस गीत के इंटर्ल्युड म्युज़िक में भी उनका हस्ताक्षर साफ़ सुनाई देता है। तो आइए सुनते हैं फ़िल्म 'दुनिया रंग रंगीली' का गीत। इस फ़िल्म का नाम याद आते ही पंकज मल्लिक की आवाज़ में "दुनिया रंग रंगीली बाबा" जैसे दिल में बज उठती है। यह गीत भी भविष्य में सुनेंगे, लेकिन आज बहक जाइए गीता दत्त और हेलेन के नशीले अंदाज़ में।
और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाइये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. याद रहे सबसे पहले सही जवाब देने वाले विजेता को मिलेंगें 2 अंक और 25 सही जवाबों के बाद आपको मिलेगा मौका अपनी पसंद के 5 गीतों को पेश करने का ओल्ड इस गोल्ड पर सुजॉय के साथ. देखते हैं कौन बनेगा हमारा अगला (अब तक के चार गेस्ट होस्ट बने हैं शरद तैलंग जी (दो बार), स्वप्न मंजूषा जी, पूर्वी एस जी और पराग सांकला जी)"गेस्ट होस्ट".अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं-
१. इस अभिनेत्री का मूल नाम था हरकीर्तन कौर.
२. मजरूह के बोलों को धुनों में पिरोया है उस संगीतकार ने जिन्होंने गीत दत्त के शुरूआती करियर में अहम् भूमिका निभाई थी
३. मुखड़े में शब्द है -"चांदनी".इस पहेली को बूझने के आपको मिलेंगें २ की बजाय ३ अंक. यानी कि एक अंक का बोनस...पराग जी इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगें.
पिछली पहेली का परिणाम -
इंदु जी अच्छा लगा आपको वापस देखकर, १८ अंक हुए आपके, बधाई...
खोज - पराग सांकला
आलेख- सुजॉय चटर्जी
ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.
Comments
geeta dutt --singer
geeta bali urf harkirtn kaur actress
फिल्म -बाज़
गीता बाली (हरकीर्तन कौर)
ओ पी नैय्यर
मिलते हैं ब्रेक के बाद
बी एस पाबला
ARRE ITNE KATHIN 2 GANE PUCHHTE HO EK JAISE LAGTE HAIN CONFUSON HO JATA HAI
CHLO EK SHOT AUR MAR LETE HAIN
LAG GAYA TO TEER NHI TO TUKKA
PABLAJI AAP HEE JEETO HMARA KYA HAI ,APNE BHAI KI JEET ME HEE KHUSH HO LENGE
"मजरूह के बोलों को धुनों में पिरोया है उस संगीतकार ने जिन्होंने गीता दत्त के शुरूआती करियर में अहम् भूमिका निभाई थी " की जगह होना चाहिए " मजरूह के बोलों को धुनों में पिरोया है उस संगीतकार ने जिनके शुरूआती करियर में गीता दत्त ने अहम् भूमिका निभाई थी "
इंदु जी, पाबला जी,
हमें खुशी हैं की आप सभी इन दुर्लभ गीतोंका आनंद ले रहे है.
आभारी
पराग
सादर
डॉ.भूपेन्द्र jeevansandarbh
http://www.geetadutt.com/opnayar.html