तू सलामत रहे...अपनी नयी एल्बम के गीत के माध्यम से ज़ाती जिंदगी के कुछ राज़ खोल रहे हैं शायद अदनान सामी
ताजा सुर ताल TST (38)
दोस्तो, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-
पिछले एपिसोड में,सीमा जी दो सही जवाब आपने दिया और अंतिम सवाल का सही जवाब आपके एक मात्र प्रतिद्वंदी तनहा जी ने दिया. खैर आज हमारी अंतिम ट्रिविया है, आज तो अगर आप जवाब नहीं भी देंगीं तब भी आप ही विजेता हैं इस साल की, अपनी पसंद के १० गीत चुन कर रखिये वर्ष २००९ में प्रदर्शित फिल्मों में से, ३१ तारीख़ की शाम होगी आपके चुने हुए गीतों के नाम....बधाई
सुजॉय - सजीव, एक और नए सप्ताह की शुरुआत हो रही है, बताइए कि इसमें ख़ास क्या है?
सजीव - ख़ास.... ख़ास.... ख़ास क्या है, चलो तुम ही बताओ, मुझे तो याद नहीं आ रहा।
सुजॉय - अरे भई, आज है इस दशक के आख़िरी साल के अख़िरी महीने का पहला सोमवार! तो हुआ ना यह ख़ास? सॉरी, बैड जोक!
सजीव - वैसे इस बात में सच्चाई तो है, देखते ही देखते हम दिसंबर में पहुँच गए और बहुत जल्द यह साल भी समाप्त हो जाएगा। ख़ैर, छोड़ो इन बातों को, अब ज़िक्र किया जाए कि तरोताज़ा क्या हम अपने श्रोताओं को सुनवा रहे हैं?
सुजॉय - बिल्कुल! आज भी हम पिछले हफ़्ते की तरह एक ग़ैर फ़िल्मी ऐल्बम की चर्चा भी करेंगे और उससे चुन कर कुछ गानें भी सुनेंगे। यह है अदनान सामी का नया ऐल्बम 'एक लड़की दीवानी सी'।
सजीव - इस ऐल्बम के गानें पाश्चात्य रंग के हैं। हल्के फुल्के गानें हैं, जो फ़िल्मों के लिए भी आसानी से चलए जा सकते थे। चलो सब से पहले सुना जाए इस ऐल्बम का शीर्षक गीत।
एक लड़की जो दीवानी सी है...ek ladki deewani si (adnaan saami)
सुजॉय - गीत हमने सुना, आपको नहीं लगता कि यह एक टिपिकल अदनान सामी नंबर है?
सजीव - बिल्कुल! कुछ ख़ास नयापन नज़र नहीं आया इस गीत में। अगला गीत सुनवाने से पहले क्यों ना अदनान के करीयर पर एक नज़र दौड़ाई जाए?
सुजॉय - ज़रूर! मुझे जितना पता है उनका पहला ऐल्बम आया था सन् १९९१ में, जिसका नाम था 'राग टाइम'।
सजीव - उसके बाद १९९५ में आशा भोसले के साथ मिल कर उन्होने बनाई 'सरगम' ऐल्बम। और इसके ठीक दो साल बाद, १९९७ में आया वह मशहूर ऐल्बम 'बदलते मौसम' जिसके गीत "कभी तो नज़र मिलाओ" ने अदनान को कामयाबी के शिखर पर पहुँचा दिया। और "लिफ़्ट करा दे" भी इसी ऐल्बम का हिस्सा था।
सुजॉय - सही कहा, और इस कामयाबी के बाद उनकी तरफ़ फ़िल्मी संगीतकारों ने भी ध्यान देना शुरु कर दिया और मुंबई में उनके क़दम जमने लगे।
सजीव - अरे मुंबई से याद आया कि इस नए ऐल्बम में एक मुंबई पर भी गाना है। पिछले साल के आतंकी हमले और उसके बाद इस शहर ने जिस तरह के स्पिरिट का परिचय दिया है, वही है इस गीत का आधार।
सुजॉय - एक और ख़ास बात यह कि इस गीत में माइकल जैक्सन के भाई जर्मेइन जैक्सन की आवाज़ भी शामिल है अदनान के साथ। चलिए सुनते हैं।
लेट्स गो टू मुंबई सिटी...lets go to mumbai city (adnan sami)
सजीव - हाँ, तो हम बात कर रहे थे अदनान सामी के ऐल्बमों की। सन् २००२ में उनका एक और हिट ऐल्बम रिलीज़ हुआ 'तेरा चेहरा'। और २००३ में "कभी तो नज़र मिलाओ" शीर्षक से ही एक ऐल्बम निकाला गया और उस गीत को एक बार फिर से इसमें शामिल किया गया।
सुजॉय - एक और हिट गीत "भीगी भीगी रातों में तुम आओ ना" भी इसी ऐल्बम में शामिल हुआ। अदनान की खासियत यही है कि जहाँ एक तरफ़ पाश्चात्य रीदम वाले थिरकते गीतों को वो भली भाँति खींच ले जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नर्म-ओ-नाज़ुक रोमांटिक गीतों को भी बहुत बढ़िया अंजाम देते हैं।
सजीव - मेरा ख़याल है कि तुम इस नए ऐल्बम का "तू सलामत रहे" गीत की तरफ़ इशारा कर रहे हो।
सुजॉय - बिल्कुल ठीक समझा आपने।
सजीव - हाल ही में अदनान का अपनी दूसरी पत्नी से भी तलाख हो गया। उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी से जुड़ी कई ख़बरें पिछले दिनों अख़बारों में छाई रही। इस गीत के ज़रिए शायद अदनान ने सारे गिले शिकवे भुला कर अपनी भूतपूर्व पत्नी के लिए दुआएँ माँगी होगी।
तू सलामत रहे...tu salamat rahe (adnaan sami)
सुजॉय - इस संजीदा गीत से दिल थोड़ा सा भारी हो गया है। आइए अब ज़रा दिल को हल्का किया जाए अगले गीत के ज़रिए। इस गीत के बारे में बहुत ज़्यादा कुछ कहने के लिए नहीं है, बस सुनिए और झूमिए, अपने कुर्सी पर बैठे बैठे ही सही।
सजीव - हाँ, इसे हम एक रिफ़्रेशिंग् गीत की तरह अपना सकते हैं, जिसमें है डांस के बीट्स और दिल को झूमा देने वाली ध्वनियाँ।
लैला ओ मेरी लैला...lailla o meri lailla (adnan sami)
सजीव - और अब हम आ पहुँचे हैं आज के अंतिम गीत पर। और शायद यह गीत इस ऐल्बम का सब से ख़ूबसूरत गीत होना चाहिए। "चलो चलो चलो, ऐसा अपना जहाँ बनाएँ चलो"।
सुजॉय - गीत के बोल भी सुंदर है। वैसे इस गीत को सुनते हुए मुझे वह गीत याद आ गया - "कुछ ऐसा जहाँ हम बनाएँ जहाँ पहला हो हर वो नज़ारा"।
सजीव - इस भाव पर और भी बहुत से गानें हैं। अदनान की जो बात मुझे सब से ज़्यादा पसंद आती है, वह है उनका प्रयोगधर्मी स्वभाव। बजाए एक व्यावसायिक कलाकार बन कर फार्मूला म्युज़िक देने के उन्होने दूसरी राह चुनी जिसमें वो ख़ुद संगीत में अलग अलग एक्स्पेरीमेंट्स करते रहते हैं।
सुजॉय - हाँ, और इतना ही नहीं, जिन जिन फ़िल्मों में उन्होने संगीत दिया है या जिन फ़िल्मों में उन्होने गाए हैं, वो सब कामयाब रहे हैं और मास और क्लास दोनों को ही पसंद आए हैं।
सजीव - तो अब अदनान साहब को भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए यह चर्चा यहीं समाप्त करते हैं और सुनते हैं आज का अंतिम गीत।
चलो चलो चलो...chalo chalo chalo (adnaan sami)
और अब बारी है ट्रिविया की
TST ट्रिविया # ३७-अदनान सामी को एक विशेष UNICEF Award और United Nations Peace Medal से सम्मानित किया गया था उनके एक ख़ास गीत के लिए। बताइए कि यह गीत उन्होने किस महाद्वीप को समर्पित किया था?
TST ट्रिविया # ३८- अमरीका के किस पत्रिका ने अदनान सामी को "Keyboard Discovery of The 90s" कह कर संबोधित किया था?
TST ट्रिविया # ३९- यह प्यार है या क्या है नहीं हमें इसका कोई आभास, स्नेहा के होठों पर सज रही है लता की मिठास। बताइए कि इशारा किस गीत की तरफ़ है?
"एक लड़की दीवानी सी" एल्बम को आवाज़ रेटिंग ***
हालाँकि एल्बम में अदनान ने विविधता लाने की पूरी कोशिश की है पर कोई भी गीत उस तरह अपील नहीं करता जैसा कि "तेरा चेहरा", "कभी तो नज़र मिलाओ" या फिर "भीगी भीगी रातों में" ने किया था, फिर भी अदनान के चाहने वालों को उनके ये पेशकश पसंद आएगी...
आवाज़ की टीम ने इस अल्बम को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत अल्बम को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
दोस्तो, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 अक्टूबर से १४ दिसम्बर तक, यानी TST के ४० वें एपिसोड तक. जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के 60 गीतों में से पहली 10 पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक-
पिछले एपिसोड में,सीमा जी दो सही जवाब आपने दिया और अंतिम सवाल का सही जवाब आपके एक मात्र प्रतिद्वंदी तनहा जी ने दिया. खैर आज हमारी अंतिम ट्रिविया है, आज तो अगर आप जवाब नहीं भी देंगीं तब भी आप ही विजेता हैं इस साल की, अपनी पसंद के १० गीत चुन कर रखिये वर्ष २००९ में प्रदर्शित फिल्मों में से, ३१ तारीख़ की शाम होगी आपके चुने हुए गीतों के नाम....बधाई
सुजॉय - सजीव, एक और नए सप्ताह की शुरुआत हो रही है, बताइए कि इसमें ख़ास क्या है?
सजीव - ख़ास.... ख़ास.... ख़ास क्या है, चलो तुम ही बताओ, मुझे तो याद नहीं आ रहा।
सुजॉय - अरे भई, आज है इस दशक के आख़िरी साल के अख़िरी महीने का पहला सोमवार! तो हुआ ना यह ख़ास? सॉरी, बैड जोक!
सजीव - वैसे इस बात में सच्चाई तो है, देखते ही देखते हम दिसंबर में पहुँच गए और बहुत जल्द यह साल भी समाप्त हो जाएगा। ख़ैर, छोड़ो इन बातों को, अब ज़िक्र किया जाए कि तरोताज़ा क्या हम अपने श्रोताओं को सुनवा रहे हैं?
सुजॉय - बिल्कुल! आज भी हम पिछले हफ़्ते की तरह एक ग़ैर फ़िल्मी ऐल्बम की चर्चा भी करेंगे और उससे चुन कर कुछ गानें भी सुनेंगे। यह है अदनान सामी का नया ऐल्बम 'एक लड़की दीवानी सी'।
सजीव - इस ऐल्बम के गानें पाश्चात्य रंग के हैं। हल्के फुल्के गानें हैं, जो फ़िल्मों के लिए भी आसानी से चलए जा सकते थे। चलो सब से पहले सुना जाए इस ऐल्बम का शीर्षक गीत।
एक लड़की जो दीवानी सी है...ek ladki deewani si (adnaan saami)
सुजॉय - गीत हमने सुना, आपको नहीं लगता कि यह एक टिपिकल अदनान सामी नंबर है?
सजीव - बिल्कुल! कुछ ख़ास नयापन नज़र नहीं आया इस गीत में। अगला गीत सुनवाने से पहले क्यों ना अदनान के करीयर पर एक नज़र दौड़ाई जाए?
सुजॉय - ज़रूर! मुझे जितना पता है उनका पहला ऐल्बम आया था सन् १९९१ में, जिसका नाम था 'राग टाइम'।
सजीव - उसके बाद १९९५ में आशा भोसले के साथ मिल कर उन्होने बनाई 'सरगम' ऐल्बम। और इसके ठीक दो साल बाद, १९९७ में आया वह मशहूर ऐल्बम 'बदलते मौसम' जिसके गीत "कभी तो नज़र मिलाओ" ने अदनान को कामयाबी के शिखर पर पहुँचा दिया। और "लिफ़्ट करा दे" भी इसी ऐल्बम का हिस्सा था।
सुजॉय - सही कहा, और इस कामयाबी के बाद उनकी तरफ़ फ़िल्मी संगीतकारों ने भी ध्यान देना शुरु कर दिया और मुंबई में उनके क़दम जमने लगे।
सजीव - अरे मुंबई से याद आया कि इस नए ऐल्बम में एक मुंबई पर भी गाना है। पिछले साल के आतंकी हमले और उसके बाद इस शहर ने जिस तरह के स्पिरिट का परिचय दिया है, वही है इस गीत का आधार।
सुजॉय - एक और ख़ास बात यह कि इस गीत में माइकल जैक्सन के भाई जर्मेइन जैक्सन की आवाज़ भी शामिल है अदनान के साथ। चलिए सुनते हैं।
लेट्स गो टू मुंबई सिटी...lets go to mumbai city (adnan sami)
सजीव - हाँ, तो हम बात कर रहे थे अदनान सामी के ऐल्बमों की। सन् २००२ में उनका एक और हिट ऐल्बम रिलीज़ हुआ 'तेरा चेहरा'। और २००३ में "कभी तो नज़र मिलाओ" शीर्षक से ही एक ऐल्बम निकाला गया और उस गीत को एक बार फिर से इसमें शामिल किया गया।
सुजॉय - एक और हिट गीत "भीगी भीगी रातों में तुम आओ ना" भी इसी ऐल्बम में शामिल हुआ। अदनान की खासियत यही है कि जहाँ एक तरफ़ पाश्चात्य रीदम वाले थिरकते गीतों को वो भली भाँति खींच ले जाते हैं, वहीं दूसरी ओर नर्म-ओ-नाज़ुक रोमांटिक गीतों को भी बहुत बढ़िया अंजाम देते हैं।
सजीव - मेरा ख़याल है कि तुम इस नए ऐल्बम का "तू सलामत रहे" गीत की तरफ़ इशारा कर रहे हो।
सुजॉय - बिल्कुल ठीक समझा आपने।
सजीव - हाल ही में अदनान का अपनी दूसरी पत्नी से भी तलाख हो गया। उनकी व्यक्तिगत ज़िंदगी से जुड़ी कई ख़बरें पिछले दिनों अख़बारों में छाई रही। इस गीत के ज़रिए शायद अदनान ने सारे गिले शिकवे भुला कर अपनी भूतपूर्व पत्नी के लिए दुआएँ माँगी होगी।
तू सलामत रहे...tu salamat rahe (adnaan sami)
सुजॉय - इस संजीदा गीत से दिल थोड़ा सा भारी हो गया है। आइए अब ज़रा दिल को हल्का किया जाए अगले गीत के ज़रिए। इस गीत के बारे में बहुत ज़्यादा कुछ कहने के लिए नहीं है, बस सुनिए और झूमिए, अपने कुर्सी पर बैठे बैठे ही सही।
सजीव - हाँ, इसे हम एक रिफ़्रेशिंग् गीत की तरह अपना सकते हैं, जिसमें है डांस के बीट्स और दिल को झूमा देने वाली ध्वनियाँ।
लैला ओ मेरी लैला...lailla o meri lailla (adnan sami)
सजीव - और अब हम आ पहुँचे हैं आज के अंतिम गीत पर। और शायद यह गीत इस ऐल्बम का सब से ख़ूबसूरत गीत होना चाहिए। "चलो चलो चलो, ऐसा अपना जहाँ बनाएँ चलो"।
सुजॉय - गीत के बोल भी सुंदर है। वैसे इस गीत को सुनते हुए मुझे वह गीत याद आ गया - "कुछ ऐसा जहाँ हम बनाएँ जहाँ पहला हो हर वो नज़ारा"।
सजीव - इस भाव पर और भी बहुत से गानें हैं। अदनान की जो बात मुझे सब से ज़्यादा पसंद आती है, वह है उनका प्रयोगधर्मी स्वभाव। बजाए एक व्यावसायिक कलाकार बन कर फार्मूला म्युज़िक देने के उन्होने दूसरी राह चुनी जिसमें वो ख़ुद संगीत में अलग अलग एक्स्पेरीमेंट्स करते रहते हैं।
सुजॉय - हाँ, और इतना ही नहीं, जिन जिन फ़िल्मों में उन्होने संगीत दिया है या जिन फ़िल्मों में उन्होने गाए हैं, वो सब कामयाब रहे हैं और मास और क्लास दोनों को ही पसंद आए हैं।
सजीव - तो अब अदनान साहब को भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए यह चर्चा यहीं समाप्त करते हैं और सुनते हैं आज का अंतिम गीत।
चलो चलो चलो...chalo chalo chalo (adnaan sami)
और अब बारी है ट्रिविया की
TST ट्रिविया # ३७-अदनान सामी को एक विशेष UNICEF Award और United Nations Peace Medal से सम्मानित किया गया था उनके एक ख़ास गीत के लिए। बताइए कि यह गीत उन्होने किस महाद्वीप को समर्पित किया था?
TST ट्रिविया # ३८- अमरीका के किस पत्रिका ने अदनान सामी को "Keyboard Discovery of The 90s" कह कर संबोधित किया था?
TST ट्रिविया # ३९- यह प्यार है या क्या है नहीं हमें इसका कोई आभास, स्नेहा के होठों पर सज रही है लता की मिठास। बताइए कि इशारा किस गीत की तरफ़ है?
"एक लड़की दीवानी सी" एल्बम को आवाज़ रेटिंग ***
हालाँकि एल्बम में अदनान ने विविधता लाने की पूरी कोशिश की है पर कोई भी गीत उस तरह अपील नहीं करता जैसा कि "तेरा चेहरा", "कभी तो नज़र मिलाओ" या फिर "भीगी भीगी रातों में" ने किया था, फिर भी अदनान के चाहने वालों को उनके ये पेशकश पसंद आएगी...
आवाज़ की टीम ने इस अल्बम को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत अल्बम को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
Comments
regards
regards
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2 kasak uthi mere mn me piya mohe gale laga le
aise kai gane hain aaj kl jo bahut sunder aur karnpriy hai
kuchh gane achchhe likhe gaye hain kintu music ke shor me db ke rahe gaye hain.
purani jeans aur guitar suna ho to bde khoobsurat shbdon me piroya gaya hai
2 kasak uthi mere mn me piya mohe gale laga le
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purani jeans aur guitar suna ho to bde khoobsurat shbdon me piroya gaya hai