सजीव: सुजॉय, आज साल का अंतिम दिन है और इस दशक का भी. पिछले कुछ दिनों से हम इस साल के संगीत की समीक्षा करते आ रहे हैं और आज इस 'सीरीस' की अंतिम कड़ी है.
सुजॉय: बिल्कुल, और हमें पूरी उम्मीद है कि इन समीक्षाओं के ज़रिए हमारे वो पाठक जिन्होने बहुत ज़्यादा ध्यान से सन 2009 के फिल्मी गीतों को 'फॉलो' नहीं किया होगा, उन्हे भी एक अंदाज़ा हो गया होगा इस साल जारी हुए गीतों का
सजीव: और आज इस अंतिम कड़ी में हम वो दस गाने सुनने जा रहे हैं जिनके लिए हमें फरमाइश लिख भेजी हैं 'ताज़ा सुर ताल' शृंखला के विजेता सीमा गुप्ता जी ने. सीमा जी को 'आवाज़' की तरफ से हार्दिक बधाई!
सुजॉय: बधाई मेरी तरफ से भी. वाक़ई, सीमा जी ने शुरू से ही इस शृंखला में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. हम उन्हे बधाई के साथ साथ धन्येवाद भी देते हैं.
सजीव: सुजॉय, हम सीमा जी के पसंदीदा गीतों को सुनने के साथ साथ उनसे इन गीतों के बारे में उनकी राय भी जाँएंगे. तो सीमा जी, स्वागत है आप का इस साल की आखिरी महफ़िल में.
सीमा: धन्येवाद आप सभी का
सजीव: तो सीमा जी, बताइए किस गीत से शुरुआत की जाए इस सुहाने शाम की?
सीमा: पहला गीत आप सुनवा दीजिए फिल्म 'अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी' से "तेरा होने लगा हूँ".
सुजॉय: सीमा जी, आप के साथ साथ बहुत से लोगों को यह गीत बेहद पसंद आया है, तभी तो इन दीनो यह गीत सिर्फ़ 'रेडियो' और 'टेलीविजन' पर ही नहीं, बल्कि 'मोबाइल फोन' के 'कॉलर ट्यून्स' में भी शोभा पा रहा है. सुनते हैं यह गीत...
सॉंग 1: तेरा होने लगा हूँ(APKGK)
सुजॉय: सीमा जी, आप बताना चाहेंगी कि यह गीत आपको पसंद क्यों आया?
सीमा: ज़रूर! इस फिल्म के कुल तीन गाने मेरी पसंद के हैं, और मुझे ये गाने इसलिए पसंद हैं क्योंकि इन गीतों के बोलों में प्यार और चाहत कूट कूट कर भरी हुई है, जिन्हे बार बार सुनने को दिल चाहता है. ख़ास कर "तेरा होने लगा हूँ" गीत के 'लिरिक्स' तो मुझे बेहद अच्छे लगे.
सजीव: और कोई ख़ास बात इस फिल्म के गानो की जिसने आपको आकर्षित किया है?
सीमा: इस फिल्म में मेरी 'फॅवुरेट आक्ट्रेस' कटरीना कैफ़ जो हैं! और जिस तरह से इस फिल्म के गीतों का फ़िल्मांकन हुआ है रणबीर कपूर पर, दर्शक उनसे 'इंप्रेस्ड' हुए बिना नहीं रह सकते.
सुजॉय: चलिए हम भी मान लेते हैं आपकी बात और अब बताइए कि दूसरा गाना कौन सा बजाना चाहेंगी?
सीमा: ज़ाहिर है वो भी इसी फिल्म का होगा! सुनवा दीजिए "तू जाने ना".
सॉंग 2: तू जाने ना (APKGK)
सजीव: अच्छा सीमा जी, एक बात बताइए, आप TST के सवालों के जवाब में जिस तरह की फुर्ती दिखाती रही हैं, तो क्या आप को इन सवालों के जवाब पहले से ही मालूम होते हैं या फिर सवाल देख कर खोज बीन करके तब अपना जवाब देती हैं?
सीमा: हा हा हा हा हा हा बड़ा अच्छा सवाल है.....लकिन सच बोलने में ही भलाई है.....ये सही है कि संगीत सुनने का शौक एक जनून की हद तक है और ये भी सच है की हर एक सवाल का जवाब हमे नहीं आता. कुछ सवाल जो नई फिल्मो के संगीत से जुड़े होते हैं वो तो पता होते हैं, मगर किसी गीतकार या संगीतकार के जीवन या कैरिएर से जुड़े होते हैं वो हमे अंतर्जाल पर सर्च ही करने पड़ते हैं, तभी हम सही जवाब दे पाते हैं.
सुजॉय: जो भी हो सीमा जी, 'हॅट्स ऑफ तो यूं', सबसे बड़ी बात दिलचस्पी की होती है, और कहते हैं ना कि "जहाँ चाह वहाँ राह"! खैर, अब बताइए कि आपके पसंद का 2009 का तीसरा गाना कौन सा होगा? कहीं ‘अजब प्रेम की...” से एक और गीत सुनवाने का इरादा तो नहीं?
सीमा: बिल्कुल इरादा है जनाब! इस फिल्म का एक और गीत जो मैं खुद भी सुनना चाहूँगी और श्रोताओं को भी सुनवाना चाहूँगी, वो गीत है "आ जाओ मेरी तमन्ना".
सॉंग 3: आ जाओ मेरी तमन्ना (APKGK)
सुजॉय: चलिए तीन गाने हो गये आपकी पसंद के. अब बारी है चौथे गीत की. अब किस फिल्म का गीत आप चुनेंगी?
सीमा: अब मैं सुनवाना चाहूँगी फिल्म जश्न का एक गीत "नज़रें करम".
सजीव: और वो क्यों?
सीमा: मुझे यह गाना अच्च्छा लगा, 'इट जस्ट मेड द लिसनर ROCK, THE MUSIC IS FANTASIC.'
सुजॉय: वाक़ई 'रॉकिंग नंबर' है. आइए सुनते हैं.
सॉंग 4: नज़रें करम (जश्न)
सजीव: आपने यह गौर किया होगा की TST में बहुत ज़्यादा 'कॉमेंट्स' नहीं आते हैं. इसका कारण आपको क्या लगता है? क्या नये गीतों की तरफ रूचि लोगों की बिल्कुल ख़त्म हो गयी है? आपका इस दौर के फिल्म संगीत के बारे में क्या ख़याल है?
सीमा: जी हमने भी ये देखा है की TST पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं आती.....अब ये कहना मुश्किल है कि कौन सी वजह है जो पाठक यहाँ कुछ कहते क्यों नहीं.....ऐसा तो नहीं लगता कि नये गानों में लोगो की रूचि कम है......आज के हर गाने माना कि उतने अच्छे नहीं होते या वो भाव लिए नहीं होते जो सुनने में अच्छे लगे मगर फिर भी, काफी ऐसे गाने सुनने में जरुर आते हैं जो दिलो दिमाग पर छा जाते हैं, उन्हें गुनगुनाने का भी मन करता है....आजकल एक गाना सुनने में आ रहा है: "दबी दबी सांसो में सुना है मैंने बिना बोले मेरा नाम आया" कितनी खूबसूरती समेटे है ये गीत, अगर आराम से सुना और समझा जाये तो बहुत ही प्यारा लगता है....बाकि सबकी अपनी अपनी पसंद है ...
सुजॉय: क्या आपको पुराने गानो का भी शौक है? आपको ज़्यादा ओल्ड इस गोल्ड की महफ़िल में कॉमेंट्स पोस्ट करते नहीं देखा इसलिए पूछ रहे हैं.
सीमा: पुराने गानों से जो हमे लगाव है या जो रूचि है उसका कोई मुकबला नहीं है.....या हम कहें कि पुराने गीत हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है तो गलत नहीं होगा.....कौन सा ऐसा पुराना गीत होगा जो हमे जुबानी याद नहीं.... चाहे वो "जिन्दा हूँ इस तरह की गमे जिन्दगी नहीं," अकेले हैं चले आओ जहां हो, "खुश रहे तो सदा ये दुआ है मेरे." “ओ मेरे दिल के चैन", किसी राह पर किसी मोड़ पर कही चल न तू छोड़ कर" कभी तनहइयो में जो हमारी याद आयेगी" अफसाना लिख रही हूँ दिले बेकरार का," आजा सनम मधुर चांदनी में हम", दिल जो न कह सका वही राजे दिल" चलते चलते यूँही कोई मिल गया था..." ऐसे बहुत से हैं जो हर्फ हर्फ याद हैं...... " अब सवाल ये है की ओल्ड इस गोल्ड पर हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती जिसका एक कारण ये है कि ऑफिस में कंप्यूटर पर गाने सुनने की सुविधा नहीं है, और घर जाकर अक्सर इतना समय नहीं मिल पाता की नेट पर इन गीतों को सूना जाये बस इसी वजह से ये इग्नोर हो जाता है. मगर फिर भी कोशिश रहेगी कि जब भी हो सके इन्हें सुन कर अपनी प्रतिक्रिया दी जाए.
सजीव: अब एक और गीत की बारी! सीमा जी, पाँचवाँ गीत कौन सा आपने चुना है?
सीमा: अब मैं बजाना चाहूँगी फिल्म 'दे धना धन' से "गले लग जेया".
सुजॉय: यानी कि एक बार फिर कटरीना फेक्टर...
सीमा: जी हाँ, फिर एक बार मेरी पसंदीदा कटरीना है इस गीत में. और बहुत ही खूबसूरत दिखती हैं इस गाने में भी. गायिका ने भी बहुत कशिश भरी है इस गीत में.
सजीव: वैसे गायिका का नाम हम बता दें, ये हैं बनज्योत्सना, जिनकी आवाज़ में कुछ कुछ अलीशा चिनॉय का अंदाज़ सुनाई देता है.
सॉंग 5: गले लग (दे धना धन)
सुजॉय: इसके बाद अब किस गीत को गले लगाने का इरादा है सीमा जी?
सीमा: अब मैं दो गाने सुनवाना चाहूँगी फिल्म 'तुम मिले' का .
सुजॉय: हाँ, इस फिल्म के गाने भी अच्छे बने हैं. तो पहला गीत कौन सा है?
सीमा: "दिल इबादत कर रहा है"
सुजॉय: अरे वाह! यह तो मेरा भी पसंदीदा गीतों में से एक है. बल्कि 25 डिसेंबर को मैने जो 2009 की संगीत समीक्षा 'पोस्ट' की थी उसमें अपने पसंद के 5 गीतों में मैने इस गीत को चुना था.
सीमा: सही में बहुत प्यारा गीत है. बोल बहुत अच्छे हैं, और ख़ास कर इस गीत में जो ज़बरदस्त चाहत उभर कर आया है, उसे सुनते हुए हम जैसे बह से जाते हैं.
सजीव: हाँ, और इस तरह के गीतों को के के बहुत ही अच्छा अंजाम देते हैं. उनकी आवाज़ में एक तरफ नाज़ुकी भी है तो जोशिलापन भी, जो सुन्नेवाले को अपनी तरफ खींचता है. एक स्ट्रोंग डिज़ाइर' जिसे कहते हैं, वो जागने लगती है.
सीमा: बिल्कुल! "तुझको मैं कर लूं हासिल है बस यही धुन" वाले हिस्से का तो कहना ही क्या!
सॉंग 6: दिल इबादत कर रहा है (तुम मिले)
सुजॉय: सीमा जी, अभी आपने ज़िक्र किया किया इस गीत के बोल बहुत अच्छे हैं. आप खुद भी एक शायरा हैं. इसलिए आप से पूछता हूँ कि आज के दौर के गीतकारों के बारे में आपके क्या विचार हैं? कौन हैं इस दौर के अच्छे गीतकार आपकी नज़र में? गुलज़ार और जावेद अख़्तर को अगर अलग रखें तो फिर आपकी नज़र में कौन हैं सबसे अग्रणी गीतकार इस ज़माने का?
सीमा: गुलजार जी और जावेद जी के सामने किसी और को रखना हमारे तो बस में नहीं, फिर भी जैसा हम पहले भी कह चुके हैं आज के गीत भी कर्णप्रिय होते हैं. अब प्रसून जोशी की बात की जाये तो तारे जमी पर, फ़ना, कितने हिट हुए और तारे जमीन का वो गीत "माँ" आज भी सुन कर मन भर आता है. इरशाद कामिल अजब प्रेम की गज़ब कहानी के गीतकार में भी अच्छी सम्भावनाये दिखती है...एक से बढ़ कर एक दिए हैं उन्होंने इस फिल्म में. और भी बहुत से अच्छे गीतकार मिल जायेंगे इस जमाने के.
सजीव: अच्छा फिल्म का दूसरा गाना कौन सा है जो आप सुनवाना पसंद करेंगी?
सीमा: "तू ही हक़ीक़त ख्वाब तू"
सजीव: यह भी एक अच्च्छा गीत है, आइए सुनते हैं.
सॉंग 7: तू ही हक़ीक़त ख्वाब तू (तुम मिले)
सुजॉय: 'तुम मिले' के दो गाने हमने सुने. वैसे मुझे तो इस फिल्म का शीर्षक गीत भी बहुत पसंद है. तीन अलग अलग गायकों ने तीन अलग अलग अंदाज़ में इसे गाया है. खैर, मेरी पसंद को एक तरफ रखते हुए सीमा जी से हम जानना चाहेंगे उनकी अगली फरमाइश.
सीमा: 'ऑफ कोर्स' "शुकरान अल्लाह"!
सजीव: वाह! अच्छे पसंद! 'कुर्बान' फिल्म तो कब आई कब गयी पता नहीं चल पाया, लेकिन इस गीत ने ज़रूर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
सीमा: बिल्कुल, एक 'सॉफ्ट आंड स्लो म्यूज़िक' आधार है इस गीत का जो दिल को एक सुकून प्रदान करती है. प्यार को बहुत ही नाज़ुकी से बयान किया गया है इस गाने में, जिसकी वजह से मैं इसे बार बार सुनना पसंद करती हूँ.
सुजॉय: और आपके साथ साथ हम भी ज़रूर सुनना पसंद करेंगे और अपने श्रोताओं को भी सुनवाना चाहेंगे, सुनिए फिल्म 'कुर्बान' का यह गीत.
सॉंग 8: शुकरान अल्लाह (कुर्बान)
सजीव: 10 में से 8 गाने हमने सुन लिए हैं. सीमा जी, दो गाने और बचे हैं, तो बताइए अब किस गीत की बारी है?
सीमा: अभी हाल ही में आई थी मधुर भंडारकर की फिल्म 'जेल'. यह फिल्म भी 'बॉक्स ऑफीस' पर उतनी कामयाब नहीं हो पाई, पर इसका एक गीत जो मुझे रास आया वो है "सैंया वे, मेरा दिल चुरा ले".
सुजॉय: क्या ख़ास बात लगी इस गीत में आपको?
सीमा: बोल और संगीत, दोनो ही मुझे थिरकने पर मजबूर कर देता है, हा हा हा हा हा. 'I LOVE THIS SONG FOR ITS DANCE STEPS AS WELL.'
सजीव: तो एक आपके साथ साथ हम भी झूम जाते हैं और सुनते हैं यह गीत.
सॉंग 9: सैंया वे मेरा दिल चुरा ले (जेल)
सुजॉय: और अब बस एक आखिरी गीत की गुंजाइश बाकी है. सीमा जी, बताइए वो कौन सा खुशनसीब गीत है जो इस साल 'आवाज़' पर बजने वाला आखिरी गीत होगा?
सीमा: "जाओ ना"
सुजॉय: पर मैं तो कहीं नहीं जा रहा सीमा जी...
सीमा: अरे नहीं, यह गीत है "जाओ न” “व्हाट्स युवर राशी' का .
सजीव: इस फिल्म का "सू च्छे" हमने TST के अंतर्गत सुनवाया था. तो सीमा जी, इस गीत को चुनने की वजह भी बता दीजिए.
सीमा: फिर एक बार नर्मोनाज़ुक और दिल को छू लेने वाला गीत संगीत, और जिस तरह से "जाओ )))) न ))))" गाया गया है, एक छाप ज़रूर छोड जाता है यह गीत और साथ साथ मैं भी गुनगुनाने लग जाती हूँ. प्रियंका चोपड़ा की मुस्कान भी एक कारण है इस गीत को बार बार सुनते रहने का, हा हा हा.
सॉंग 10: जाओ ना (व्हाट्स युवर राशी)
सुजॉय: वाक़ई, जिस तरह से हर गीत की पसंद के पीछे आपने कारण बताया, उससे साफ़ ज़ाहिर है की आप पुराने गीतों के साथ साथ नये गीतों को भी ना केवल 'फॉलो' करती हैं, बल्कि उनका विश्लेशण भी करती हैं.
सजीव: बहुत अच्च्ची बात है, हम भी यही कहते हैं कि नये संगीत को भी गले लगाना चाहिए और जो वक़्त के साथ नहीं चलता, वक़्त उसे पीछे छोड़ आगे निकल जाता है.
सुजॉय: तो सजीव, हम सीमा जी का शुक्रिया अदा करते हैं TST में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए और आज हमारे साथ बैठ्कर अपने पसंद के गाने सुनवाने के लिए भी.
सजीव: ज़रूर! पूरे आवाज़ और हिंद युग्म टीम की तरफ से सीमा जी को बधाई और सीमा जी के साथ साथ आवाज़ के हर पाठक और श्रोता को नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सीमा: आप सभी का बहुत धन्येवाद और आप को भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ!
सुजॉय: बिल्कुल, और हमें पूरी उम्मीद है कि इन समीक्षाओं के ज़रिए हमारे वो पाठक जिन्होने बहुत ज़्यादा ध्यान से सन 2009 के फिल्मी गीतों को 'फॉलो' नहीं किया होगा, उन्हे भी एक अंदाज़ा हो गया होगा इस साल जारी हुए गीतों का
सजीव: और आज इस अंतिम कड़ी में हम वो दस गाने सुनने जा रहे हैं जिनके लिए हमें फरमाइश लिख भेजी हैं 'ताज़ा सुर ताल' शृंखला के विजेता सीमा गुप्ता जी ने. सीमा जी को 'आवाज़' की तरफ से हार्दिक बधाई!
सुजॉय: बधाई मेरी तरफ से भी. वाक़ई, सीमा जी ने शुरू से ही इस शृंखला में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. हम उन्हे बधाई के साथ साथ धन्येवाद भी देते हैं.
सजीव: सुजॉय, हम सीमा जी के पसंदीदा गीतों को सुनने के साथ साथ उनसे इन गीतों के बारे में उनकी राय भी जाँएंगे. तो सीमा जी, स्वागत है आप का इस साल की आखिरी महफ़िल में.
सीमा: धन्येवाद आप सभी का
सजीव: तो सीमा जी, बताइए किस गीत से शुरुआत की जाए इस सुहाने शाम की?
सीमा: पहला गीत आप सुनवा दीजिए फिल्म 'अजब प्रेम की ग़ज़ब कहानी' से "तेरा होने लगा हूँ".
सुजॉय: सीमा जी, आप के साथ साथ बहुत से लोगों को यह गीत बेहद पसंद आया है, तभी तो इन दीनो यह गीत सिर्फ़ 'रेडियो' और 'टेलीविजन' पर ही नहीं, बल्कि 'मोबाइल फोन' के 'कॉलर ट्यून्स' में भी शोभा पा रहा है. सुनते हैं यह गीत...
सॉंग 1: तेरा होने लगा हूँ(APKGK)
सुजॉय: सीमा जी, आप बताना चाहेंगी कि यह गीत आपको पसंद क्यों आया?
सीमा: ज़रूर! इस फिल्म के कुल तीन गाने मेरी पसंद के हैं, और मुझे ये गाने इसलिए पसंद हैं क्योंकि इन गीतों के बोलों में प्यार और चाहत कूट कूट कर भरी हुई है, जिन्हे बार बार सुनने को दिल चाहता है. ख़ास कर "तेरा होने लगा हूँ" गीत के 'लिरिक्स' तो मुझे बेहद अच्छे लगे.
सजीव: और कोई ख़ास बात इस फिल्म के गानो की जिसने आपको आकर्षित किया है?
सीमा: इस फिल्म में मेरी 'फॅवुरेट आक्ट्रेस' कटरीना कैफ़ जो हैं! और जिस तरह से इस फिल्म के गीतों का फ़िल्मांकन हुआ है रणबीर कपूर पर, दर्शक उनसे 'इंप्रेस्ड' हुए बिना नहीं रह सकते.
सुजॉय: चलिए हम भी मान लेते हैं आपकी बात और अब बताइए कि दूसरा गाना कौन सा बजाना चाहेंगी?
सीमा: ज़ाहिर है वो भी इसी फिल्म का होगा! सुनवा दीजिए "तू जाने ना".
सॉंग 2: तू जाने ना (APKGK)
सजीव: अच्छा सीमा जी, एक बात बताइए, आप TST के सवालों के जवाब में जिस तरह की फुर्ती दिखाती रही हैं, तो क्या आप को इन सवालों के जवाब पहले से ही मालूम होते हैं या फिर सवाल देख कर खोज बीन करके तब अपना जवाब देती हैं?
सीमा: हा हा हा हा हा हा बड़ा अच्छा सवाल है.....लकिन सच बोलने में ही भलाई है.....ये सही है कि संगीत सुनने का शौक एक जनून की हद तक है और ये भी सच है की हर एक सवाल का जवाब हमे नहीं आता. कुछ सवाल जो नई फिल्मो के संगीत से जुड़े होते हैं वो तो पता होते हैं, मगर किसी गीतकार या संगीतकार के जीवन या कैरिएर से जुड़े होते हैं वो हमे अंतर्जाल पर सर्च ही करने पड़ते हैं, तभी हम सही जवाब दे पाते हैं.
सुजॉय: जो भी हो सीमा जी, 'हॅट्स ऑफ तो यूं', सबसे बड़ी बात दिलचस्पी की होती है, और कहते हैं ना कि "जहाँ चाह वहाँ राह"! खैर, अब बताइए कि आपके पसंद का 2009 का तीसरा गाना कौन सा होगा? कहीं ‘अजब प्रेम की...” से एक और गीत सुनवाने का इरादा तो नहीं?
सीमा: बिल्कुल इरादा है जनाब! इस फिल्म का एक और गीत जो मैं खुद भी सुनना चाहूँगी और श्रोताओं को भी सुनवाना चाहूँगी, वो गीत है "आ जाओ मेरी तमन्ना".
सॉंग 3: आ जाओ मेरी तमन्ना (APKGK)
सुजॉय: चलिए तीन गाने हो गये आपकी पसंद के. अब बारी है चौथे गीत की. अब किस फिल्म का गीत आप चुनेंगी?
सीमा: अब मैं सुनवाना चाहूँगी फिल्म जश्न का एक गीत "नज़रें करम".
सजीव: और वो क्यों?
सीमा: मुझे यह गाना अच्च्छा लगा, 'इट जस्ट मेड द लिसनर ROCK, THE MUSIC IS FANTASIC.'
सुजॉय: वाक़ई 'रॉकिंग नंबर' है. आइए सुनते हैं.
सॉंग 4: नज़रें करम (जश्न)
सजीव: आपने यह गौर किया होगा की TST में बहुत ज़्यादा 'कॉमेंट्स' नहीं आते हैं. इसका कारण आपको क्या लगता है? क्या नये गीतों की तरफ रूचि लोगों की बिल्कुल ख़त्म हो गयी है? आपका इस दौर के फिल्म संगीत के बारे में क्या ख़याल है?
सीमा: जी हमने भी ये देखा है की TST पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं आती.....अब ये कहना मुश्किल है कि कौन सी वजह है जो पाठक यहाँ कुछ कहते क्यों नहीं.....ऐसा तो नहीं लगता कि नये गानों में लोगो की रूचि कम है......आज के हर गाने माना कि उतने अच्छे नहीं होते या वो भाव लिए नहीं होते जो सुनने में अच्छे लगे मगर फिर भी, काफी ऐसे गाने सुनने में जरुर आते हैं जो दिलो दिमाग पर छा जाते हैं, उन्हें गुनगुनाने का भी मन करता है....आजकल एक गाना सुनने में आ रहा है: "दबी दबी सांसो में सुना है मैंने बिना बोले मेरा नाम आया" कितनी खूबसूरती समेटे है ये गीत, अगर आराम से सुना और समझा जाये तो बहुत ही प्यारा लगता है....बाकि सबकी अपनी अपनी पसंद है ...
सुजॉय: क्या आपको पुराने गानो का भी शौक है? आपको ज़्यादा ओल्ड इस गोल्ड की महफ़िल में कॉमेंट्स पोस्ट करते नहीं देखा इसलिए पूछ रहे हैं.
सीमा: पुराने गानों से जो हमे लगाव है या जो रूचि है उसका कोई मुकबला नहीं है.....या हम कहें कि पुराने गीत हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है तो गलत नहीं होगा.....कौन सा ऐसा पुराना गीत होगा जो हमे जुबानी याद नहीं.... चाहे वो "जिन्दा हूँ इस तरह की गमे जिन्दगी नहीं," अकेले हैं चले आओ जहां हो, "खुश रहे तो सदा ये दुआ है मेरे." “ओ मेरे दिल के चैन", किसी राह पर किसी मोड़ पर कही चल न तू छोड़ कर" कभी तनहइयो में जो हमारी याद आयेगी" अफसाना लिख रही हूँ दिले बेकरार का," आजा सनम मधुर चांदनी में हम", दिल जो न कह सका वही राजे दिल" चलते चलते यूँही कोई मिल गया था..." ऐसे बहुत से हैं जो हर्फ हर्फ याद हैं...... " अब सवाल ये है की ओल्ड इस गोल्ड पर हमारी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती जिसका एक कारण ये है कि ऑफिस में कंप्यूटर पर गाने सुनने की सुविधा नहीं है, और घर जाकर अक्सर इतना समय नहीं मिल पाता की नेट पर इन गीतों को सूना जाये बस इसी वजह से ये इग्नोर हो जाता है. मगर फिर भी कोशिश रहेगी कि जब भी हो सके इन्हें सुन कर अपनी प्रतिक्रिया दी जाए.
सजीव: अब एक और गीत की बारी! सीमा जी, पाँचवाँ गीत कौन सा आपने चुना है?
सीमा: अब मैं बजाना चाहूँगी फिल्म 'दे धना धन' से "गले लग जेया".
सुजॉय: यानी कि एक बार फिर कटरीना फेक्टर...
सीमा: जी हाँ, फिर एक बार मेरी पसंदीदा कटरीना है इस गीत में. और बहुत ही खूबसूरत दिखती हैं इस गाने में भी. गायिका ने भी बहुत कशिश भरी है इस गीत में.
सजीव: वैसे गायिका का नाम हम बता दें, ये हैं बनज्योत्सना, जिनकी आवाज़ में कुछ कुछ अलीशा चिनॉय का अंदाज़ सुनाई देता है.
सॉंग 5: गले लग (दे धना धन)
सुजॉय: इसके बाद अब किस गीत को गले लगाने का इरादा है सीमा जी?
सीमा: अब मैं दो गाने सुनवाना चाहूँगी फिल्म 'तुम मिले' का .
सुजॉय: हाँ, इस फिल्म के गाने भी अच्छे बने हैं. तो पहला गीत कौन सा है?
सीमा: "दिल इबादत कर रहा है"
सुजॉय: अरे वाह! यह तो मेरा भी पसंदीदा गीतों में से एक है. बल्कि 25 डिसेंबर को मैने जो 2009 की संगीत समीक्षा 'पोस्ट' की थी उसमें अपने पसंद के 5 गीतों में मैने इस गीत को चुना था.
सीमा: सही में बहुत प्यारा गीत है. बोल बहुत अच्छे हैं, और ख़ास कर इस गीत में जो ज़बरदस्त चाहत उभर कर आया है, उसे सुनते हुए हम जैसे बह से जाते हैं.
सजीव: हाँ, और इस तरह के गीतों को के के बहुत ही अच्छा अंजाम देते हैं. उनकी आवाज़ में एक तरफ नाज़ुकी भी है तो जोशिलापन भी, जो सुन्नेवाले को अपनी तरफ खींचता है. एक स्ट्रोंग डिज़ाइर' जिसे कहते हैं, वो जागने लगती है.
सीमा: बिल्कुल! "तुझको मैं कर लूं हासिल है बस यही धुन" वाले हिस्से का तो कहना ही क्या!
सॉंग 6: दिल इबादत कर रहा है (तुम मिले)
सुजॉय: सीमा जी, अभी आपने ज़िक्र किया किया इस गीत के बोल बहुत अच्छे हैं. आप खुद भी एक शायरा हैं. इसलिए आप से पूछता हूँ कि आज के दौर के गीतकारों के बारे में आपके क्या विचार हैं? कौन हैं इस दौर के अच्छे गीतकार आपकी नज़र में? गुलज़ार और जावेद अख़्तर को अगर अलग रखें तो फिर आपकी नज़र में कौन हैं सबसे अग्रणी गीतकार इस ज़माने का?
सीमा: गुलजार जी और जावेद जी के सामने किसी और को रखना हमारे तो बस में नहीं, फिर भी जैसा हम पहले भी कह चुके हैं आज के गीत भी कर्णप्रिय होते हैं. अब प्रसून जोशी की बात की जाये तो तारे जमी पर, फ़ना, कितने हिट हुए और तारे जमीन का वो गीत "माँ" आज भी सुन कर मन भर आता है. इरशाद कामिल अजब प्रेम की गज़ब कहानी के गीतकार में भी अच्छी सम्भावनाये दिखती है...एक से बढ़ कर एक दिए हैं उन्होंने इस फिल्म में. और भी बहुत से अच्छे गीतकार मिल जायेंगे इस जमाने के.
सजीव: अच्छा फिल्म का दूसरा गाना कौन सा है जो आप सुनवाना पसंद करेंगी?
सीमा: "तू ही हक़ीक़त ख्वाब तू"
सजीव: यह भी एक अच्च्छा गीत है, आइए सुनते हैं.
सॉंग 7: तू ही हक़ीक़त ख्वाब तू (तुम मिले)
सुजॉय: 'तुम मिले' के दो गाने हमने सुने. वैसे मुझे तो इस फिल्म का शीर्षक गीत भी बहुत पसंद है. तीन अलग अलग गायकों ने तीन अलग अलग अंदाज़ में इसे गाया है. खैर, मेरी पसंद को एक तरफ रखते हुए सीमा जी से हम जानना चाहेंगे उनकी अगली फरमाइश.
सीमा: 'ऑफ कोर्स' "शुकरान अल्लाह"!
सजीव: वाह! अच्छे पसंद! 'कुर्बान' फिल्म तो कब आई कब गयी पता नहीं चल पाया, लेकिन इस गीत ने ज़रूर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया.
सीमा: बिल्कुल, एक 'सॉफ्ट आंड स्लो म्यूज़िक' आधार है इस गीत का जो दिल को एक सुकून प्रदान करती है. प्यार को बहुत ही नाज़ुकी से बयान किया गया है इस गाने में, जिसकी वजह से मैं इसे बार बार सुनना पसंद करती हूँ.
सुजॉय: और आपके साथ साथ हम भी ज़रूर सुनना पसंद करेंगे और अपने श्रोताओं को भी सुनवाना चाहेंगे, सुनिए फिल्म 'कुर्बान' का यह गीत.
सॉंग 8: शुकरान अल्लाह (कुर्बान)
सजीव: 10 में से 8 गाने हमने सुन लिए हैं. सीमा जी, दो गाने और बचे हैं, तो बताइए अब किस गीत की बारी है?
सीमा: अभी हाल ही में आई थी मधुर भंडारकर की फिल्म 'जेल'. यह फिल्म भी 'बॉक्स ऑफीस' पर उतनी कामयाब नहीं हो पाई, पर इसका एक गीत जो मुझे रास आया वो है "सैंया वे, मेरा दिल चुरा ले".
सुजॉय: क्या ख़ास बात लगी इस गीत में आपको?
सीमा: बोल और संगीत, दोनो ही मुझे थिरकने पर मजबूर कर देता है, हा हा हा हा हा. 'I LOVE THIS SONG FOR ITS DANCE STEPS AS WELL.'
सजीव: तो एक आपके साथ साथ हम भी झूम जाते हैं और सुनते हैं यह गीत.
सॉंग 9: सैंया वे मेरा दिल चुरा ले (जेल)
सुजॉय: और अब बस एक आखिरी गीत की गुंजाइश बाकी है. सीमा जी, बताइए वो कौन सा खुशनसीब गीत है जो इस साल 'आवाज़' पर बजने वाला आखिरी गीत होगा?
सीमा: "जाओ ना"
सुजॉय: पर मैं तो कहीं नहीं जा रहा सीमा जी...
सीमा: अरे नहीं, यह गीत है "जाओ न” “व्हाट्स युवर राशी' का .
सजीव: इस फिल्म का "सू च्छे" हमने TST के अंतर्गत सुनवाया था. तो सीमा जी, इस गीत को चुनने की वजह भी बता दीजिए.
सीमा: फिर एक बार नर्मोनाज़ुक और दिल को छू लेने वाला गीत संगीत, और जिस तरह से "जाओ )))) न ))))" गाया गया है, एक छाप ज़रूर छोड जाता है यह गीत और साथ साथ मैं भी गुनगुनाने लग जाती हूँ. प्रियंका चोपड़ा की मुस्कान भी एक कारण है इस गीत को बार बार सुनते रहने का, हा हा हा.
सॉंग 10: जाओ ना (व्हाट्स युवर राशी)
सुजॉय: वाक़ई, जिस तरह से हर गीत की पसंद के पीछे आपने कारण बताया, उससे साफ़ ज़ाहिर है की आप पुराने गीतों के साथ साथ नये गीतों को भी ना केवल 'फॉलो' करती हैं, बल्कि उनका विश्लेशण भी करती हैं.
सजीव: बहुत अच्च्ची बात है, हम भी यही कहते हैं कि नये संगीत को भी गले लगाना चाहिए और जो वक़्त के साथ नहीं चलता, वक़्त उसे पीछे छोड़ आगे निकल जाता है.
सुजॉय: तो सजीव, हम सीमा जी का शुक्रिया अदा करते हैं TST में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए और आज हमारे साथ बैठ्कर अपने पसंद के गाने सुनवाने के लिए भी.
सजीव: ज़रूर! पूरे आवाज़ और हिंद युग्म टीम की तरफ से सीमा जी को बधाई और सीमा जी के साथ साथ आवाज़ के हर पाठक और श्रोता को नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सीमा: आप सभी का बहुत धन्येवाद और आप को भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ!
Comments
" मेरे सभी पसन्द के गीतों की माला को यहाँ अपने जिस शानदार तरीके से प्रस्तुत किया है दिल से शुक्रगुजार हूँ. "
नव वर्ष पर "हिंद युग्म" सहित आप सभी को मंगल कामनाये.
नया साल आपके लिए नयी नयी खुशियाँ ले कर आए ..... और आप नयी नयी उचाईयों को छुए
regards
सीमाजी जीत की बधाई और आपके ही साथ सुजय दा और सजीव जी का भी शुक्रान .
' हिंद युग्म ' इतना बड़ा प्यारा है और बड़ा हो रहा है दिन बा दिन ,पुलकित करता है .
मेरा दुर्भाग्य के अब तक इसके हर कोने पहुँच नहीं पाया .
टी यस टी क्या है , गर सवाल पूंछो तो पहली बार नाम सुना . लेकिन लग रहा है नए संगीत की तलाश वहां की जा सकती है .
हाज़िर भी हौऊँगा .
पूरे ' हिंद युग्म ' परिवार और उसके पाठकों ,श्रोताओं ,दर्शकों ,सभी को ........
नव वर्ष शुभकामनायें और अभिनन्दन !