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सुनो कहानी: इस्तीफा

मुंशी प्रेमचन्द की "इस्तीफा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की कहानी फ़र्क का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "इस्तीफा", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।
कहानी का कुल प्रसारण समय 21 मिनट 00 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं
~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी

बेचारे दफ्तर के बाबू को आप चाहे ऑंखे दिखायें, डॉँट बतायें, दुत्कारें या ठोकरें मारों, उसक माथे पर बल न आयेगा। उसे अपने विकारों पर जो अधिपत्य होता हे, वह शायद किसी संयमी साधु में भी न हो। संतोष का पुतला, सब्र की मूर्ति, सच्चा आज्ञाकारी, गरज उसमें तमाम मानवी अच्छाइयाँ मौजूद होती हें।
(प्रेमचंद की "इस्तीफा" से एक अंश)


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#Twenty-sixth Story, Isteefa: Munshi Premchand/Hindi Audio Book/2009/21. Voice: Anurag Sharma

Comments

आप के प्रयास बहुत सराहनीय हैं।आभार।
बहुत सुंदर, आप का ओर अनुराग जी का दिल से धन्यवाद, मै तो बचपन से ही मुंशी प्रेमचन्द जी का दिवाना हुं.


मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
'अदा' said…
bahut khoobsurat aur behad sarthak prayas, ek zamaane ke baad Premchand ji ki kahani suni, Anurag Ji mera hardik dhanyawaad sweekar karein, maine suna hai aur bhi kahaniyan hain aapki aawaaz mein ek ek kar sunungi
ek baar fir Hindi-Yugm ko dhanyawaad aur badhai, Anuraag ji ham abhaari hain
Shamikh Faraz said…
हिन्दयुग्म को एक सरह्निये प्रयास के लिए बधाई.

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