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अल्बम - एक रात में...

Album - Ek Raat Men




जो शजर - गायक/ संगीत : रफीक शेख, गीतकार : दौर सैफी

तेरे चेहरे पे - गायक : निशांत अक्षर, गीतकार : मनुज मेहता, संगीत : अनुरूप कुकरेजा

चले जाना - गायक /संगीत : रूपेश ऋषि, गीतकार :शिवानी सिंह

राहतें सारी - गायक /संगीत : कृष्ण राजकुमार, गीतकार :मोहिंदर कुमार

सच बोलता है - गायक/संगीत : रफीक शेख, गीतकार : अजीम नवाज़ राही

ऐसा नहीं - गायक : प्रतिष्ठा शर्मा, गीतकार : शिवानी सिंह, संगीत : रूपेश ऋषि

आखिरी बार बस - गायक /संगीत : रफीक शेख, गीतकार : मोईन नज़र

चाँद का आंगन - गायक/संगीत : कुमार आदित्य, गीतकार : गौरव सोलंकी

सूरज हाथ से - गायक/संगीत : कुमार आदित्य, गीतकार : नाजिम नकवी

मुझे वक्त दे - गायक : आभा मिश्रा, गीतकार : निखिल आनंद गिरी, संगीत : रूपेश ऋषि

एक रात में - गायक/संगीत : रफीक शेख, गीतकार : नजीर बनारसी

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सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

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