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बिम्ब एक प्रतिबिम्ब अनेक


शब्दों की चाक पर - एपिसोड 05

शब्दों की चाक पर हमारे कवि मित्रों के लिए हर हफ्ते होती है एक नयी चुनौती, रचनात्मकता को संवारने  के लिए मौजूद होती है नयी संभावनाएँ और खुद को परखने और साबित करने के लिए तैयार मिलता है एक और रण का मैदान. यहाँ श्रोताओं के लिए भी हैं कवि मन की कोमल भावनाओं उमड़ता घुमड़ता मेघ समूह जो जब आवाज़ में ढलकर बरसता है तो ह्रदय की सूक्ष्म इन्द्रियों को ठडक से भर जाता है. तो दोस्तों, इससे पहले कि  हम पिछले हफ्ते की कविताओं को आत्मसात करें, आईये जान लें इस दिलचस्प खेल के नियम - 


1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल यहाँ है.


2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश करेगें.

3. हमारी टीम अपने विवेक से सभी प्रतिभागी कवियों में से किसी एक कवि को उनकी किसी खास कविता के लिए सरताज कवि चुनेगें. आपने अपनी टिप्पणियों के माध्यम से ये बताना है कि क्या आपको हमारा निर्णय सटीक लगा, अगर नहीं तो वो कौन सी कविता जिसके कवि को आप सरताज कवि चुनते. 

चलिए अब लौटते हैं अनुराग शर्मा और अभिषेक ओझा की तरफ जो आज आपके लिए लेकर आये हैं कुछ मार्मिक कवितायेँ जो ऊपर दी हुई तस्वीर को देखकर हमारे कवि मनों से उभरी हैं, आज का एपिसोड यक़ीनन आपको कुछ सोचने के लिए मजबूर करेगा. तो दोस्तों सुनिए सुनाईये और छा जाईये...

(नीचे दिए गए किसी भी प्लेयेर से सुनें)





या फिर यहाँ से डाउनलोड करें 

Comments

सदा said…
भावमय करते शब्‍द .. बेहतरीन प्रस्‍तुति

कल 04/07/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


'' जुलाई का महीना ''
आवाज़ साफ़ नहीं आ रही है क्या किसी और तरीके से इसको सुना जा सकता है ?
सुना बहुत अच्छा ...बेहतरीन कोशिश ...शुक्रिया आप सभी का ..
Kailash Sharma said…
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...आभार
vandana gupta said…
आप दोनो की आवाज़ मे कविताये सुनने का अपना ही आनन्द है और कविताओ मे भी चार चाँद लगा देती है आप की आवाज़ ………………मेरा कमेंट फ़ेसबुक पर नही जा पा रहा कृपया आप को ही लगाना होगा क्योंकि लगता हैकोई मुश्किल हो गयी है फ़ेसबुक मे
Archana Chaoji said…
सब कुछ बहुत मार्मिक ...
Mohinder56 said…
सजीव जी, रश्मि जी, अनुराग जी व अभिषेक जी आप का यह प्रयास सराहनीय है. एक विषय पर इतनी रचनाओं को एक जुट करना बहुत अच्छा लगा.
Rajesh Kumari said…
फिर से एक आवाज और शब्दों की बेहतरीन ,उम्दा प्रस्तुति ..वाह सभी की कवितायें एक से बढ़कर एक हैं आप सभी को शुभकामनाएं और बधाई
Rajesh Kumari said…
वाह इस बार तो चित्र , शब्दों और आवाजों की त्रिवेणी है बेहतरीन लाजबाब प्रस्तुति सभी की कवितायें एक से बढ़कर एक हैं
Smart Indian said…
सभी कवियों का हार्दिक आभार! आपके शब्द ही इस कार्यक्रम का प्राण हैं!
sushila said…
कविताओं का सस्वर पाठ, संगीत और गीत.....बहुत सुंदर प्रस्तुति!

@ रश्मि प्रभा जी ! आपके अभिनव प्रयोग साहित्य को सरस, रोचक और समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं रश्मि जी ! साधुवाद !

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