Skip to main content

"आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं...", आज की 'सिने पहेली' समर्पित है राजेश खन्ना की पुण्य स्मृति को


सिने-पहेली # 30 (23 जुलाई, 2012) 


रेडियो प्लेबैक इण्डिया के साप्ताहिक स्तंभ 'सिने पहेली' के सभी पाठकों और प्रतियोगियों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! आज की यह कड़ी समर्पित है हिंदी फ़िल्म जगत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की पुण्य स्मृति को। एक साधारण कद-काठी के इंसान और अत्यंत साधारण चेहरे के धनी होने के बावजूद अपनी अभिनय क्षमता, अपने मैनरिज़्म और मनभावन मुस्कान की वजह से राजेश खन्ना बने इस देश का पहला-पहला सुपरस्टार। वैसे देखा जाए तो राजेश खन्ना के सफलतम फ़िल्मों का समयकाल बहुत अधिक लम्बा नहीं है। उनकी सुपरहिट फ़िल्मों का दौर 1967 से लेकर 1977 तक चला। लेकिन इस छोटे से समयकाल में उनकी इतनी सारी कामयाब फ़िल्में बनीं और उन्होंने सर्वसाधारण के दिलों पर ऐसा प्रभाव छोड़ा कि महज़ अभिनेता से वो एक लीजेंड बन गए। आज उनके जाने के बाद बार-बार उनकी अमर फ़िल्म 'आनंद' का वही अंतिम दृश्य आँखों के सामने उमड़ रहा है, जिसे याद करते हुए आँखें नम हो रही हैं। आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं।

आइए आज 'सिने पहेली' में आपसे पूछें बॉलीवूड के काका, राजेश खन्ना से जुड़े कुछ सवाल, उनकी फ़िल्मों और गीतों से जुड़ी कुछ पहेलियाँ। देखते हैं आप कितना जानते हैं काका को! जैसा कि पिछली कड़ी में हमने सूचित किया था, आज की कड़ी में हम पूछेंगे 10 सवाल, और हर सवाल के होंगे 10 अंक। अर्थात् आज की कड़ी के कुल अंक हैं पूरे 100। तो शुरू करें?


पहेली-1: बूझो तो जाने


राजेश खन्ना पर फ़िल्माया हुआ एक सुपरहिट गीत है जिसके मुखड़े और अंतरों में निम्नलिखित शब्द मौजूद हैं जो हिंदी फ़िल्मों के शीर्षक भी हैं।

ख़ुशबू, दिल, करम, मर्यादा, प्यार, वफ़ा, बेताब, जवानी, ज़िंदगी 

क्या आप इस गीत को पहचान सकते हैं?


पहेली-2: गान पहचान


राजेश खन्ना पर फ़िल्माया हुआ मोहम्मद रफ़ी का गाया एक मशहूर गीत है जिसके तीन अंतरों का अंग्रेज़ी में अनुवाद इस तरह से है।

"Night is yet to pass. There are still many moments left in the night. Even after achieving you, the passion to achieve you is still left."

"If your body's colour will scatter in the seasons, your beauty will brighten than before. The world is very jealous but not so much. If you come in my hug, time will stop." 

"I'll offer my life at your feet now. Oh, beauty, I'll make you divine."


बताइये यह किस गीत के अंतरों का अनुवाद है।


पहेली-3: पहचान कौन!


राजेश खन्ना ने जिन तीन अभिनेत्रियों के साथ सर्वाधिक सफल काम किया है, वो हैं शर्मीला टैगोर, आशा पारेख और मुमताज़। लेकिन कई और अभिनेत्रियों के साथ भी उनकी बहुत सारी फ़िल्में बनीं हैं। नीचे चित्र को ध्यान से देखिये और बताइए कि यह किस अभिनेत्री के बाल्यकाल की तसवीर है और एक ऐसी फ़िल्म का नाम बताइए जिसमें राजेश खन्ना ने इस अभिनेत्री के साथ काम किया है। 



पहेली-4: पहेली में पहेली


राजेश खन्ना पर फ़िल्माये इस गीत में पहेलियों की लड़ाई चल रही है। इस गीत में राजेश खन्ना जिस अभिनेत्री के साथ पहेलियों की लड़ाई लड़ रहे हैं, वो इस फ़िल्म में उनकी नायिका नहीं हैं। बताइए यह किस गीत की बात हो रही है? 

पहेली-5: मिलते-जुलते


१. इन दोनों फ़िल्मों में राजेश खन्ना नायक हैं और नायिका भी एक ही अभिनेत्री हैं।
२. दोनों फ़िल्मों के संगीतकार एक हैं।
३. दोनों फ़िल्मों की कहानी का पार्श्व या मूल मुद्दा एक जैसा है।
४. दोनों फ़िल्मों में किसी एक गीत के दो संस्करण हैं, एक पुरुष कंठ में और एक महिला कंठ में।

बताइए राजेश खन्ना अभिनीत किन दो फ़िल्मों की बात हो रही है?


पहेली-6: सुनिए तो...


नीचे प्लेयर पे क्लिक करके सुनिए राजेश खन्ना पर फ़िल्माए हुए एक गीत का शुरुआती संगीत, और पहचानिए गीत को।




पहेली-7: खोज-बीन


नीचे दिखाए गए वर्ग पहेली जैसे चित्र में राजेश खन्ना अभिनीत एक फ़िल्म का नाम छुपा हुआ है। यह नाम उपर से नीचे या बायें से दायें हो सकता है। क्या आप उस फ़िल्म शीर्षक को खोज सकते हैं?




पहेली-8: फटा पोस्टर निकला हीरो


नीचे दिया हुआ चित्र राजेश खन्ना की एक फ़िल्म का पोस्टर है, जिसमें फ़िल्म का नाम हमने छुपा दिया है। आपको बताना है कि यह किस फ़िल्म का पोस्टर है?



पहेली-9: क्या डायलॉग है!


राजेश खन्ना का एक मशहूर संवाद है जो अंग्रेज़ी में है, और जिसका भाव कुछ इस तरह का है - "सादगी को अपना कर कितनी आसानी से ख़ुश रहा जा सकता है, पर सादगी को अपनाना कितना कठिन है"। क्या आप बता सकते हैं कि अंग्रेज़ी का मूल संवाद राजेश खन्ना के किस फ़िल्म का है?

पहेली-10: आख़िरी सवाल!


चलते चलते बस एक और सवाल काका के नाम। एक ऐसा फ़िल्मी गीत बताइए जिसमें राजेश खन्ना का ज़िक्र है।


*********************************************

और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....

१. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।

२. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 30" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम व स्थान लिखें।

३. आपका ईमेल हमें शनिवार 28 जुलाई शाम 5 बजे तक अवश्य मिल जाने चाहिए। इसके बाद की प्रविष्टियों को शामिल कर पाना हमारे लिए संभव न होगा। 

४. आप अपने जवाब एक ही ईमेल में लिखें। किसी प्रतियोगी का पहला ईमेल ही मान्य होगा। इसलिए सारे जवाब प्राप्त हो जाने के बाद ही अपना ईमेल भेजें।

है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। महाविजेता बन कर 5000 रुपये के नकद इनाम पर लगाइए अपने नाम का मोहर!


'सिने पहेली - 29' के सही जवाब


१. कौन हूँ मैं क्या नाम है मेरा, मैं कहाँ से आई हूँ, मैं परियों की शहज़ादी मैं आसमाँ से आई हूँ (दर्द का रिश्ता)

२. एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा (1942 - A Love Story)

३. झील रखूँ कंवल रखूँ कि जाम रखूँ, तेरी आँखों का क्या नाम रखूँ (तीसरा किनारा)

४. रे मामा रे मामा रे (अंदाज़)


'सिने पहेली - 29' का परिणाम


इस सप्ताह 'सिने परिवार' से तीन नई खिलाड़ी जुड़ी हैं - सोनभद्र, यू.पी से नीरजा श्रीवास्तव, नई दिल्ली से तरुशिखा सुरजन और देहरादून से अदिति चौहान। आप सभी का हार्दोदिक स्वागत है इस प्रतियोगिता में।  सवालों के जवाब देते हुए अदिति जी लिखती हैं, "मुझे तो सिर्फ़ पार्टिसिपेट करने का ही शौक है। वैसे भी जहाँ गोविंद सर और अल्पना मैडम जैसे जीनीयस हों तो हम जैसे कहाँ? हम अब इस पहेली में लगातार पार्टिसिपेट करेंगे।" अदिति जी, आपके इस स्पोर्टस्मैन स्पिरिट देख कर बहुत अच्छा लगा, और गोविंद सर और अल्पना मैडम, आप दोनों ने ग़ौर किया अदिति जी की टिप्पणी पर? ख़ैर, ये रहे इस सप्ताह के परिणाम...

1. सलमन ख़ान, अलीगढ़ --- 16 अंक

2. अल्पना वर्मा, अल-आइन, यू.ए.ई --- 16 अंक

3. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 16 अंक

4. रीतेश खरे, मुंबई --- 16 अंक

5. क्षिति तिवारी, इंदौर --- 16 अंक

6. नीरजा श्रीवास्तव, सोनभद्र (यू.पी) --- 16 अंक

7. गौतम केवलिया, बीकानेर --- 16 अंक

8. विजय कुमार व्यास, बीकानेर --- 16 अंक

9. तरुशिखा सुरजन, नई दिल्ली --- 12 अंक

10. पंकज मुकेश, बेंगलुरू --- 12 अंक

11. अदिति चौहान, देहरादून --- 8 अंक

सभी प्रतियोगियों को हार्दिक बधाई। अंक सम्बंधित अगर आपको किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें। 

'सिने पहेली' प्रतियोगिता के तीसरे सेगमेण्ट में अब तक का सम्मिलित स्कोर-कार्ड यह रहा...



विजय कुमार व्यास जी लगातार उपर चढ़ते जा रहे हैं। इस सेगमेण्ट की चौथी कड़ी से शुरुआत करने के बावजूद वो आज पहुँच चुके हैं छठे पायदान पर। हमें पूरी उम्मीद है कि विजय जी अगले सेगमेण्ट में अन्य खिलाड़ियों को कड़ी चुनौती देंगे।

तो आज बस इतना ही। अगले सोमवार (30 जुलाई) को तीसरे सेगमेण्ट के फ़ाइनल परिणाम लेकर हम फिर उपस्थित होंगे, पर 'सिने पहेली' का 31-वाँ अंक प्रस्तुत होगा शनिवार 4 अगस्त के दिन। 'सिने पहेली' को और भी ज़्यादा मज़ेदार बनाने के लिए अगर आपके पास भी कोई सुझाव है तो 'सिने पहेली' के ईमेल आइडी पर अवश्य लिखें। आप सब भाग लेते रहिए, इस प्रतियोगिता का आनन्द लेते रहिए, क्योंकि महाविजेता बनने की लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी 100% सम्भावना है महाविजेता बनने का। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, आपकी और मेरी दोबारा मुलाक़ात होगी अगले सोमवार इसी स्तंभ में। स्वर्गीय राजेश खन्ना को पुन: श्रद्धांजली अर्पित करते हुए मैं आप से विदा ले रहा हूँ, नमस्कार!

Comments

manu said…
४. आप अपने जवाब एक ही ईमेल में लिखें। किसी प्रतियोगी का पहला ईमेल ही मान्य होगा। इसलिए सारे जवाब प्राप्त हो जाने के बाद ही अपना ईमेल भेजें।

ye to hamne padhaa hi nahin..

:(:(
:(:(:(

:(:(:(:(
Alpana Verma said…
@Dear Aditi...आप के स्नेह के लिए शुक्रिया परंतु मैं कोई जीनियस- विनियस नहीं हूँ..इत्तेफाक से जवाब मिल जाते हैं तो भेज देती हूँ..
और कृपया आप भाग लेती रहें ..मुझ से घबराने की ज़रूरत नहीं है ...[इतना ज्ञान होता तो आज अब तक सारे जवाब भेज चुकी होती ]!

आज की पहेली रोचक है..अच्छी लगी.
काका को श्रद्धासुमन!
Pankaj Mukesh said…
bahut hi achhey roop se RK (KAKA) ko shrdhanjaali samarpit kiya gaya cinepaheli#30 dwara!!!ati uttam,,,
magar prashna 2 aur 4 ke liye diye gaye sujhaaw paryapt nahin hai!!kuchh aur karibi tak baat pahunchani chahiye!!!kul mila kar sab achha hai!!
dhanyawaad!!!

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु की

काफी थाट के राग : SWARGOSHTHI – 220 : KAFI THAAT

स्वरगोष्ठी – 220 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 7 : काफी थाट राग काफी में ‘बाँवरे गम दे गयो री...’  और  बागेश्री में ‘कैसे कटे रजनी अब सजनी...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की सातवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के रागों का वर्गीकरण करने में समर्थ मेल अथवा थाट व्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग किया जाता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 में से कम से कम पाँच स्वरों की उपस्थिति आवश्यक होती है। भारतीय संगीत में ‘थाट’, रागों के वर्गीकरण करने की एक व्यवस्था है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार सात मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते है। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल का प्रचलन है, जबकि उत्तर भारतीय संगीत में दस थाट का प्रयोग किया जाता है। इन दस थाट