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झुके हैं शाम के साये शब्दों के आसमान पे

शब्दों की चाक पर - एपिसोड 06

शब्दों की चाक पर हमारे कवि मित्रों के लिए हर हफ्ते होती है एक नयी चुनौती, रचनात्मकता को संवारने  के लिए मौजूद होती है नयी संभावनाएँ और खुद को परखने और साबित करने के लिए तैयार मिलता है एक और रण का मैदान. यहाँ श्रोताओं के लिए भी हैं कवि मन की कोमल भावनाओं उमड़ता घुमड़ता मेघ समूह जो जब आवाज़ में ढलकर बरसता है तो ह्रदय की सूक्ष्म इन्द्रियों को ठडक से भर जाता है. तो दोस्तों, इससे पहले कि  हम पिछले हफ्ते की कविताओं को आत्मसात करें, आईये जान लें इस दिलचस्प खेल के नियम - 


1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल यहाँ है.


2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश करेगें.

3. हमारी टीम अपने विवेक से सभी प्रतिभागी कवियों में से किसी एक कवि को उनकी किसी खास कविता के लिए सरताज कवि चुनेगें. आपने अपनी टिप्पणियों के माध्यम से ये बताना है कि क्या आपको हमारा निर्णय सटीक लगा, अगर नहीं तो वो कौन सी कविता जिसके कवि को आप सरताज कवि चुनते. 

चलिए अब लौटते हैं अनुराग शर्मा और अभिषेक ओझा की तरफ जो आज आपके लिए लेकर आये हैं शाम के विविध रंग हमारे कवि मित्रों के मनों से उभरी कविताओं के रूप में. तो दोस्तों सुनिए सुनाईये और छा जाईये...

(नीचे दिए गए किसी भी प्लेयेर से सुनें)





या फिर यहाँ से डाउनलोड करें 

Comments

बहुत बेहतरीन ..बहुत प्रेरणा देती है यह आप सबकी कोशिश कुछ बेहतर लिखने की ...शुक्रिया पूरी टीम का एक बार फिर से ...
Rajesh Kumari said…
रंजना भाटिया जी को हार्दिक बधाई और रश्मि जी के साथ प्रस्तुत कर्ता, आवाज के धनी, अनुराग शर्मा और अभिषेक ओझा जी को मेरा कोटिश आभार एवं बधाई
एक साहित्यिक शाम , शब्दों का मंच और भावनाओं को सुनाती भावनात्मक आवाज़
रंजना [रंजू भाटिया] जी को बहुत - बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं .... :)
और
रश्मि जी के साथ प्रस्तुत कर्ता, आवाज के धनी, अनुराग शर्मा और अभिषेक ओझा जी को मेरा कोटि-कोटि आभार एवं धन्यवाद .... !!
अपने शब्दों को आपके आवाज में सुनना .... अद्धभुत अनुभूति होती है उसे तो मैं आप सबों को शब्दों में लिख बताने में असमर्थ हूँ .... लेकिन मेरी खुशियों का आभास तो जरुर आप सबों को हो गया होगा .... :D
Sajeev said…
रंजना जी की कविता तो शानदार थी ही, मुझे संगीता जी की कविता भी बेहद खूबसूरत लगी, हर विषय को देखने का आपका नजरिया बेहद अलग होता है हर बार
vandana gupta said…
मंत्रमुग्ध हूँ …………हार्दिक आभार आप सबका।
Smart Indian said…
अति सुन्दर, इस आयोजन में भाग लेना मेरे लिये एक सुखद अनुभव है, सभी कवियों का आभारी हूँ!
Sajeev said…
माफ कीजिये, सोनल रस्तोगी के स्थान पर संगीता लिखा गया मेरे कमेन्ट में :)
रंजना जी को बहुत बधाई ...
प्रस्तुतीकरण लाज़वाब है ही !
आपका प्रयास प्रेरणास्पद है. इस ब्लॉग पर आकर खुशी हुई.
Anonymous said…
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