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रामधारी सिंह दिनकर की कविता गाइए और संगीतबद्ध कीजिए और जीतिए रु 7000 के नग़द इनाम

गीतकास्ट प्रतियोगिता की 'राष्ट्रकवि-शृंखला'

सर्वप्रथम सभी पाठकों/श्रोताओं को हिन्दी-दिवस की बधाइयाँ।

आज इस विशेष मौके पर हम गीतकास्ट प्रतियोगिता में एक नई शृंखला की शरूआत कर रहे हैं। हिन्द-युग्म ने पिछले चार महीनों में छायावादी युगीन 4 कवियों की एक-एक कविताओं को संगीतबद्ध करवाया। कल ही हमने महादेवी वर्मा की कविता 'तुम जो आ जाते एक बार' का संगीतबद्ध रूप ज़ारी किया था। दूसरी शृंखला में हमने राष्ट्रकवियों की एक-एक कविता को संगीतबद्ध/स्वरबद्ध करवाने का निश्चय किया है।

सितम्बर महीने में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मानई जाती है, तो हमने सोचा कि क्यों न उन्हीं से शुरूआत की जाय।

हमारे एक प्रतिभागी रफ़ीक़ शेख़ की शिकायत थी कि हम इनाम स्वरूप बहुत कम धनराशि देते हैं। इसलिए इस बार से हम उसे भी बढ़ा रहे हैं। आज हिन्दी दिवस पर यह बताते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है कि इनाम की राशि इस माह से रु 7000 होगी, पहले यह राशि रु 4000 हुआ करती थी।

इस कड़ी के प्रायोजक हैं कमल किशोर सिंह जो कि रिवरहेड, न्यूयार्क में रहते हैं। पेशे से डॉक्टर हैं। हिन्दी तथा भोजपुरी में कविताएँ लिखते हैं। आवाज़ की गीतकास्ट प्रतियोगिता में हर बार ज़रूर भाग लेते हैं। हम इन्हीं की पसंद की कविता को ही स्वरबद्ध करने की प्रतियोगिता रख रहे हैं।

गीत को केवल पढ़ना नहीं बल्कि गाकर भेजना होगा। हर प्रतिभागी इस गीत को अलग-अलग धुन में गाकर भेजे (कौन सी धुन हो, यह आपको खुद सोचना है)।

1) गीत को रिकॉर्ड करके भेजने की आखिरी तिथि 30 सितम्बर 2009 है। अपनी प्रविष्टि podcast.hindyugm@gmail.com पर ईमेल करें।
2) इसे समूह में भी गाया जा सकता है। यह प्रविष्टि उस समूह के नाम से स्वीकार की जायेगी।
3) इसे संगीतबद्ध करके भी भेजा जा सकता है।
4) श्रेष्ठ तीन प्रविष्टियों को कमल किशोर सिंह की ओर से क्रमशः रु 4000, रु 1500 और रु 1500 के नग़द पुरस्कार दिये जायेंगे।
5) सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि को डलास, अमेरिका के एफ॰एम॰ रेडियो स्टेशन रेडियो सलाम नमस्ते के कार्यक्रमों में बजाया जायेगा। इस प्रविष्टि के गायक/गायिका से आदित्य प्रकाश रेडियो के किसी कार्यक्रम में सीधे बातचीत करेंगे, जिसे दुनिया में हर जगह सुना जा सकेगा।
6) सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टि को 'हिन्दी-भाषा की यात्रा-कथा' नामक वीडियो/डाक्यूमेंट्री में भी बेहतर रिकॉर्डिंग के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है।
8) श्रेष्ठ प्रविष्टि के चयन का कार्य आवाज़-टीम द्वारा किया जायेगा। अंतिम निर्णयकर्ता में आदित्य प्रकाश का नाम भी शामिल है।
9) हिन्द-युग्म का निर्णय अंतिम होगा और इसमें विवाद की कोई भी संभावना नहीं होगी।
10) निर्णायकों को यदि अपेक्षित गुणवत्ता की प्रविष्टियाँ नहीं मिलती तो यह कोई ज़रूरी भी नहीं कि पुरस्कार दिये ही जायँ।

रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'कलम, आज उनकी जय बोल'

जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल।
कलम, आज उनकी जय बोल

जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफानों में एक किनारे,
जल-जलकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल।
कलम, आज उनकी जय बोल

पीकर जिनकी लाल शिखाएँ
उगल रही सौ लपट दिशाएँ,
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल।
कलम, आज उनकी जय बोल

अंधा चकाचौंध का मारा
क्या जाने इतिहास बेचारा,
साखी हैं उनकी महिमा के
सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल।
कलम, आज उनकी जय बोल

Comments

neeti sagar said…
कविता अच्छी है....प्रयास करुँगी,,,( हम बाथरूम सिंगर कैसा गाते है??
Manju Gupta said…
हिंदयुग्म की पहल-सोच सराहनीय है .इसी तरह से आदि काल ,भक्ति काल ,रीति काल के कवियों की रचनाएँ संगीतमय हो सकती हैं .विचार जरूर करें .
Anonymous said…
This is a great step. Congratulations to Kamal Kishore ji and HINDI-YUGMA. Dinkar ji has many poems and pieces of his Kavya that are worth reciting as lyrics or otherwise. Best wishes for the succes and growth of this program.
Surendra Nath Tiwari
New Jersey
Anonymous said…
This is a great step. Congratulations to Kamal Kishore ji and HINDI-YUGMA. Dinkar ji has many poems and pieces of his Kavya that are worth reciting as lyrics or otherwise. Best wishes for the succes and growth of this program.
Surendra Nath Tiwari
New Jersey
sumita said…
हिन्द युग्म का बहुत अच्छा प्रयास है...बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।
Sushma said…
Hindyugam ke pratiyogiyo ko bahut -bahut badhai . kavitao ko sangeet dene ka prayas nav jeevan dene ke saman hai .

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