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अमित और स्वानंद ने रचा कुछ अलग "इंग्लिश विन्गलिश" के लिए


प्लेबैक वाणी - संगीत समीक्षा : इंग्लिश विन्गलिश 

१५ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद खूबसूरती की जिन्दा मिसाल और अभिनय के आकाश का माहताब, श्रीदेवी एक बार फिर लौट रहीं है फ़िल्मी परदे पर एक ऐसे किरदार को लेकर जो अपनी अंग्रेजी को बेहतर करने के लिए संघर्षरत है. फिल्म है इंग्लिश विन्गलिश. आईये चर्चा करें फिल्म के संगीत की. अल्बम के संगीतकार हैं आज के दौर के पंचम अमित त्रिवेदी और गीतकार हैं स्वानंद किरकिरे.

पहला गीत जो फिल्म का शीर्षक गीत भी है पूरी तरह इंग्लिश विन्गलिश अंदाज़ में ही लिखा गया है. गीत के शुरूआती नोट्स को सुनते ही आप को अंदाजा लग जाता है अमित त्रिवेदी ट्रेडमार्क का. कोरस और वोइलन के माध्यम से किसी कोल्लेज का माहौल रचा गया है. स्वानंद ने गीत में बेहद सुंदरता से हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों के साथ खेला है. गीत की सबसे बड़ी खासियत है शिल्पा राव की आवाज़,जिसमें किरदार की सहमी सहमी खुशी और कुछ नया जानने का आश्चर्य बहुत खूब झलकता है. पुरुष गायक के लिए अमित स्वयं की जगह किसी और गायक की आवाज़ का इस्तेमाल करते तो शायद और बेहतर हो पाता.    

अगले गीत में अमित की आवाज़ लाजवाब आई है. धक् धुक एक ऐसे अवस्था का बयां है जिसमें किरदार किसी अपने से दूर जाने के भय से ग्रस्त है. बंगाल के मिटटी की खुश्बू से सने इस गीत की धुन बहुत ही मधुर है. स्वानंद ने शब्दों से पूरे चित्र को बखूबी तराशा है....क्यों न हमें टोके...क्यों न हमें रोके... जैसी पक्तियों को अमित ने बेहद दिल से गाया भी है.

श्रीदेवी की आवाज़ में कुछ संवादों से अगला गीत खुलता है जो मैनहैंटन शहर को समर्पित है. क्लिटंन और बियांका गोमस की आवाजों में ये गीत दिलचस्प है पर कोई लंबी छाप नहीं छोड़ता, हालाँकि बांसुरी का प्रयोग खूबसूरत है.

अगला गीत है गुस्ताख दिल, कम से कम वाध्यों से सुन्दर संयोजन है अमित का और यही उनकी सबसे बड़ी खूबी भी है. शिल्पा की गहरी और दिल में उतरती आवाज़ गीत को एक अलग मुकाम दे देती है. दिल की गुस्ताखियों को शब्दों में उभरा है स्वानंद ने, हालाँकि इस विषय पर हजारों गीत बन चुके हैं पर स्वनादं ने कुछ अलग तरीके से बात को रखने की कोशिश जरूर की है.    

महाराष्ट्र के विवाहों में गाये जाने वाले लोक गीतों की झलक है अंतिम गीत नवराई माझी में. मस्ती भरे इस गीत में सुनिधि की आवाज़ है और उनका साथ दिया है खुद गीतकार स्वानंद ने और माताजी नीलाम्बरी किरकिरे ने. स्वानंद और उनकी माताजी की आवाज़ गीत में एक सुखद रस घोल देती है....

इंग्लिश विन्गलिश का संगीत ठहराव भरा और मेलोडियस है, रेडियो प्लेबैक इसे दे रहा है ४.१ की रेटिंग....अपनी राय आप बताएँ...


संगीत समीक्षा - इंग्लिश विन्गलिश by f100000740246953
एक सवाल  क्या आपको कोई ऐसा पुराना गीत याद आता है जिसमें गायक एक ऐसे किरदार के लिए गा रहा हो जो किसी नयी भाषा को सीखना की कोशिश कर रहा हो....सोचिये और बताईये हमें टिप्पणियों के माध्यम से.

Comments

Sujoy Chatterjee said…
hum bane tum bane ek duuje ke liye...

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