स्वरगोष्ठी – ९१ में आज
बेगम अख्तर की ९९वें जन्मदिवस पर स्वरांजलि
‘भर भर आईं मोरी अँखियाँ पिया बिन...’
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उस्ताद सखावत हुसेन ने अपने मित्र, पटियाला के प्रसिद्ध गायक उस्ताद अता मुहम्मद खाँ से अख्तरी को तालीम देने का आग्रह किया। वे मान गए और अख्तरी उस्ताद के पास भेज दी गईं। मात्र सात वर्ष की आयु में उन्हें उस्ताद के कठोर अनुशासन में रियाज़ करना पड़ा। तालीम के दिनों में ही उनका पहला रिकार्ड- ‘वह असीरे दम बला हूँ...’ बना और वे अख्तरी बाई फैजाबादी बन गईं। उस्ताद अता मुहम्मद खाँ के बाद उन्हें पटना के उस्ताद अहमद खाँ से रागों की विधिवत शिक्षा मिली। इसके अलावा बेगम अख्तर को उस्ताद अब्दुल वहीद खाँ और हारमोनियम वादन में सिद्ध उस्ताद गुलाम मुहम्मद खाँ का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ। १९३४ में कलकत्ता (अब कोलकाता) के अल्फ्रेड थियेटर हॉल में बिहार के भूकम्प-पीड़ितों के सहायतार्थ एक संगीत समारोह का आयोजन किया गया था। इस समारोह में कई बड़े कलाकारों के बीच नवोदित अख्तरी बाई को पहली बार गाने का अवसर मिला। मंचीय कार्यक्रमों की भाषा में कहा जाए तो “अख्तरी बाई ने मंच लूट लिया”।
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फिल्म 'जलसाघर' का एक दृश्य |
पीलू ठुमरी : ‘भर भर आईं मोरी अँखियाँ पिया बिन...’ : बेगम अख्तर
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होरी ठुमरी : ‘कैसी ये धूम मचाई...’ : बेगम अख्तर
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गजल : ‘सुना करो मेरे जाँ इनसे उनसे अफसाने...’ : बेगम अख्तर
आज की पहेली
‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी संगीत-पहेली का आज से आरम्भ हो रहा है पाँचवाँ और अन्तिम सेगमेंट। आप जानते ही हैं कि ५१वें अंक से हमने संगीत पहेली को दस-दस अंकों की श्रृंखलाओं (सेगमेंट) में बाँटा था। पाँचवें सेगमेंट अर्थात १००वें अंक तक सर्वाधिक सेगमेंट के पहले तीन विजेताओ का हम चयन करेंगे और उन्हें पुरस्कृत करेंगे। अगले अंक में चौथे सेगमेंट के विजेताओं के नाम की घोषणा भी की जाएगी।
‘स्वरगोष्ठी’ की आज की संगीत-पहेली में हम आपको कण्ठ-संगीत प्रस्तुति का एक अंश सुनवा कर आपसे तीन प्रश्न पूछेंगे। १००वें अंक तक सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले प्रतिभागी श्रृंखला के विजेता होंगे।
१ - संगीत के इस अंश को सुन कर पहचानिए कि यह रचना किस राग में निबद्ध है?
२ - यह किस भारतीय गायक की आवाज़ है?
३ – यही पारम्परिक दादरा सातवें दशक के आरम्भ में बनी एक फिल्म में भी शामिल किया गया था। क्या आप उस फिल्मी गीत के पार्श्वगायक का नाम बता सकते है?
आप अपने उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com पर ही शनिवार मध्यरात्रि तक भेजें। comments में दिये गए उत्तर मान्य नहीं होंगे। विजेता का नाम हम ‘स्वरगोष्ठी’ के ९३वें अंक में प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे दिये गए comments के माध्यम से अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’ के ८९वें अंक में हमने आपको सुप्रसिद्ध गायक उस्ताद अब्दुल करीम खाँ की आवाज़ में एक प्राचीन ठुमरी का अंश सुनवा कर आपसे दो प्रश्न पूछे थे। पहले प्रश्न का सही उत्तर है- राग झिंझोटी दूसरे का सही उत्तर है- ठुमरी शैली। इस बार की पहेली में नियमित उत्तरदाताओं ने भाग नहीं लिया और जिन्होने भाग लिया, उनमें से किसी का उत्तर सही नहीं था।
झरोखा अगले अंक का
मित्रों, ‘स्वरगोष्ठी’ के आगामी अंक में हम आपसे हम एक बेहद लोकप्रिय दादरा
पर चर्चा करेंगे। आपके सम्मुख हम इस दादरा का उपशास्त्रीय और फिल्मी,
दोनों रूप प्रस्तुत करेंगे। आपकी स्मृतियों में यदि किसी मूर्धन्य कलासाधक
की ऐसी कोई पारम्परिक रचना हो जिसे किसी भारतीय फिल्म में भी शामिल किया
गया हो तो हमें अवश्य लिखें। आपके सुझाव और सहयोग से इस स्तम्भ को अधिक
सुरुचिपूर्ण रूप दे सकते हैं। अगले रविवार को प्रातः ९-३० पर आयोजित अपनी
इस गोष्ठी में आप अवश्य पधारिए। हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी।
कृष्णमोहन मिश्र
'मैंने देखी पहली फिल्म' : आपके लिए एक रोचक प्रतियोगिता
दोस्तों,
भारतीय सिनेमा अपने उदगम के 100 वर्ष पूरा करने जा रहा है। फ़िल्में हमारे
जीवन में बेहद खास महत्त्व रखती हैं, शायद ही हम में से कोई अपनी पहली देखी
हुई फिल्म को भूल सकता है। वो पहली बार थियेटर जाना, वो संगी-साथी, वो
सुरीले लम्हें। आपकी इन्हीं सब यादों को हम समेटेगें एक प्रतियोगिता के
माध्यम से। 100 से 500 शब्दों में लिख भेजिए अपनी पहली देखी फिल्म का अनुभव
radioplaybackindia@live.com
पर। मेल के शीर्षक में लिखियेगा ‘मैंने देखी पहली फिल्म’। सर्वश्रेष्ठ तीन
आलेखों को 500 रूपए मूल्य की पुस्तकें पुरस्कारस्वरुप प्रदान की जायेगीं।
तो देर किस बात की, यादों की खिड़कियों को खोलिए, कीबोर्ड पर उँगलियाँ जमाइए
और लिख डालिए अपनी देखी हुई पहली फिल्म का दिलचस्प अनुभव। प्रतियोगिता में
आलेख भेजने की अन्तिम तिथि 31अक्टूबर, 2012 है।
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