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बोलती कहानियाँ - कवि का साथ - अमृतलाल नागर

हर सप्ताह हम आपको 'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत प्रसिद्ध कहानियाँ सुनवा रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में प्राख्यात साहित्यकार भीष्म साहनी की कहानी ""फ़ैसला" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं पद्म भूषण से सम्मानित लोकप्रिय लेखक श्री अमृतलाल नागर की कहानी "कवि का साथ" के अंश, अनुराग शर्मा की आवाज़ में।

कहानी "कवि का साथ" का टेक्स्ट "भारतीय साहित्य संग्रह" पर उपलब्ध है। कहानी का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 3 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

 यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

उपन्यास बनकर इतिहास मानवीय समस्याओं को देखने, परखने के लिए ‘सूक्ष्मवीक्षण यन्त्र’ का-सा काम देने लगता है।
अमृतलाल नागर 
(17 अगस्त 1916 - 23 फ़रवरी 1990)

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी

‘‘तुम बुर्जुआ हो, अपने एक कवि मित्र का गौरव नहीं सहन कर सकते। तुम चूंकि कविता नहीं कर सकते मगर घड़ी खरीद सकते हो, इसलिए मेरे मान-सम्मान को अपने पैसे की शक्ति से दबाना चाहते हो......।’’
(अमृतलाल नागर की "कवि का साथ" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें.
 
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3

 #33rd Story, Kavi Ka Sath: Amritlal Nagar/Hindi Audio Book/2012/33. Voice: Anurag Sharma

Comments

Archana Chaoji said…
अच्छा लगा बहुत... रोचकता से भरपूर ...
Smart Indian said…
शुक्रिया अर्चना जी!
Unknown said…
बढ़िया!

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