सिने-पहेली # 41
(13 अक्तूबर, 2012)
सिने-पहेली # 41
(13 अक्तूबर, 2012)
'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तम्भ 'सिने पहेली' में। चौथे सेगमेण्ट की समाप्ति पर बस यही कहना चाहूँगा कि भई वाह, क्या मुकाबला था! आधे-आधे नंबर से कभी कोई आगे तो कभी कोई। वाक़ई ज़बरदस्त मुक़ाबला रहा, और इससे पहले कि हम 'सिने पहेली' प्रतियोगिता के चौथे सेगमेण्ट के विजेताओं के नाम घोषित करें, पहले आपको बता देते हैं पिछली पहेली के सही जवाब।
पिछली पहेली के सही जवाब
1. किशोर कुमार - आशा भोसले - "जाने भी दे छोड़ यह बहाना" (बाप रे बाप)
2. जॉनी वाकर - गीता दत्त - "गोरी गोरी रात है" (छू मंतर)
3. शम्मी कपूर - शमशाद बेगम - "ओय चली चली कैसी हवा" (ब्लफ़ मास्टर)
4. दारा सिंह - शमशाद बेगम - "पतली कमर नाज़ुक उमर" (लुटेरा) /// दारा सिंह - आशा भोसले - "सबसे हो आला मेरी जान" (दि किलर्स)
5. गोप - शमशाद बेगम - "चलो होनोलुलु" (सनम)
पिछली पहेली के परिणाम
'सिने पहेली - 40' के परिणाम इस प्रकार हैं...
1. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 10 अंक
2. विजय कुमार व्यास, बीकानेर --- 10 अंक
3. गौतम केवलिया, बीकानेर --- 10 अंक
4. सलमन ख़ान, दुबई --- 10 अंक
5. महेश बसंतनी, पिट्सबर्ग --- 8 अंक
6. चन्द्रकान्त दीक्षित, लखनऊ --- 8 अंक
7. क्षिति तिवारी, जबलपुर --- 8 अंक
8. इंदु पुरी गोस्वामी, चित्तौड़गढ़ --- 4 अंक
'सिने पहेली - सेगमेण्ट-4' के विजेता
'सिने पहेली' प्रतियोगिता के चौथे सेगमेण्ट के प्रथम तीन स्थान मिले हैं निम्नलिखित प्रतियोगियों को...
प्रथम स्थान
विजय कुमार व्यास, बीकानेर
द्वितीय स्थान
सलमान ख़ान, दुबई
तृतीय स्थान
गौतम केवलिया, बीकानेर तथा प्रकाश गोविंद, लखनऊ
चौथे सेगमेण्ट का सम्मिलित स्कोरकार्ड यह रहा...
सभी विजेताओं और सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई, और अगले सेगमेण्ट में भी इसी तरह की भागीदारी बनाये रखने का अनुरोध है।
दोस्तों, चलिए अब शुरू किया जाए 'सिने पहेली' का पांचवां सेगमेण्ट। यानी कि 'सिने पहेली - 41'। पहेली पर जाने से पहले हम नये प्रतियोगियों का आह्वान करते हुए प्रतियोगिता के नियम दोहराना चाहेंगे।
नये प्रतियोगियों का आह्वान
नये प्रतियोगी, जो इस मज़ेदार खेल से जुड़ना चाहते हैं, उनके लिए हम यह बता दें कि अभी भी देर नहीं हुई है। इस प्रतियोगिता के नियम कुछ ऐसे हैं कि किसी भी समय जुड़ने वाले प्रतियोगी के लिए भी पूरा-पूरा मौका है महाविजेता बनने का। अगले सप्ताह से नया सेगमेण्ट शुरू हो रहा है, इसलिए नये खिलाड़ियों का आज हम एक बार फिर आह्वान करते हैं। अपने मित्रों, दफ़्तर के साथियों, और रिश्तेदारों को 'सिने पहेली' के बारे में बतायें और इसमें भाग लेने का परामर्श दें। नियमित रूप से इस प्रतियोगिता में भाग लेकर महाविजेता बनने पर आपके नाम हो सकता है 5000 रुपये का नगद इनाम। अब महाविजेता कैसे बना जाये, आइए इस बारे में आपको बतायें।
कैसे बना जाए 'सिने पहेली महाविजेता?
1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100 एपिसोड्स। इन 100 एपिसोड्स को 10 सेगमेण्ट्स में बाँटा गया है। अर्थात्, हर सेगमेण्ट में होंगे 10 एपिसोड्स।
2. प्रत्येक सेगमेण्ट में प्रत्येक खिलाड़ी के 10 एपिसोड्स के अंक जोड़े जायेंगे, और सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन खिलाड़ियों को सेगमेण्ट विजेता के रूप में चुन लिया जाएगा।
3. इन तीन विजेताओं के नाम दर्ज हो जायेंगे 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में। सेगमेण्ट में प्रथम स्थान पाने वाले को 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में 3 अंक, द्वितीय स्थान पाने वाले को 2 अंक, और तृतीय स्थान पाने वाले को 1 अंक दिया जायेगा। चौथे सेगमेण्ट की समाप्ति तक 'महाविजेता स्कोरकार्ड' यह रहा...
4. 10 सेगमेण्ट पूरे होने पर 'महाविजेता स्कोरकार्ड' में दर्ज खिलाड़ियों में सर्वोच्च पाँच खिलाड़ियों में होगा एक ही एपिसोड का एक महा-मुकाबला, यानी 'सिने पहेली' का फ़ाइनल मैच। इसमें पूछे जायेंगे कुछ बेहद मुश्किल सवाल, और इसी फ़ाइनल मैच के आधार पर घोषित होगा 'सिने पहेली महाविजेता' का नाम। महाविजेता को पुरस्कार स्वरूप नकद 5000 रुपये दिए जायेंगे, तथा द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वालों को दिए जायेंगे सांत्वना पुरस्कार।
और अब 'सिने पहेली' प्रतियोगिता के पांचवें सेगमेण्ट की पहली कड़ी की पहेली...
दादामुनि के दस रूप
आज 13 अक्टूबर है, दादामुनि अशोक कुमार का जन्मदिवस। इत्तेफ़ाक की बात है कि आज दादामुनि के छोटे भाई किशोर कुमार का स्मृति दिवस भी है। 1987 में आज के ही दिन एक तरफ़ अशोक कुमार के जन्मदिन की तैयारियां चल ही रही थीं कि किशोर कुमार सबको गुड-बाई कह कर हमेशा के लिए दूर चले गए। दोस्तों, किशोर कुमार के जन्मदिन 4 अगस्त को हमने 'सिने पहेली' उन पर केन्द्रित की थी, इसलिए आज 13 अक्टूबर की 'सिने पहेली' हम करते हैं दादामुनि अशोक कुमार के नाम। नीचे दादामुनि द्वारा निभाये गये 10 विविध चरित्रों की तसवीरें हम आपको दिखा रहे हैं। इन्हें देख कर आपको बताना है कि कौन सी तस्वीर किस फ़िल्म की है। बहुत आसान है, हर सही जवाब के लिए 1 अंक, इस तरह से आज की पहेली के कुल अंक हैं 10। आज से नया सेगमेण्ट शुरू हो रहा है, इसलिए सभी प्रतियोगियों से आग्रह करते हैं कि इस सेगमेण्ट में बिना कोई एपिसोड मिस किए, पूरी लगन और मेहनत से पहेलियों को सुलझायें और इस प्रतियोगिता को और भी रोचक बनायें।
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जवाब भेजने का तरीका
उपर पूछे गए सवालों के जवाब एक ही ई-मेल में टाइप करके cine.paheli@yahoo.com के पते पर भेजें। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे। ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 41" अवश्य लिखें, और अंत में अपना नाम व स्थान अवश्य लिखें। आपका ईमेल हमें बृहस्पतिवार 18 अक्टूबर शाम 5 बजे तक अवश्य मिल जाने चाहिए। इसके बाद प्राप्त होने वाली प्रविष्टियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
'सिने पहेली' को और भी ज़्यादा मज़ेदार बनाने के लिए अगर आपके पास भी कोई सुझाव है तो 'सिने पहेली' के ईमेल आइडी पर अवश्य लिखें। आप सब भाग लेते रहिए, इस प्रतियोगिता का आनन्द लेते रहिए, क्योंकि महाविजेता बनने की लड़ाई अभी बहुत लम्बी है। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी 100% सम्भावना है महाविजेता बनने का। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, नमस्कार!
दोस्तों, भारतीय सिनेमा अपने उदगम के 100 वर्ष पूरा करने जा रहा है। फ़िल्में हमारे जीवन में बेहद खास महत्त्व रखती हैं, शायद ही हम में से कोई अपनी पहली देखी हुई फिल्म को भूल सकता है। वो पहली बार थियेटर जाना, वो संगी-साथी, वो सुरीले लम्हें। आपकी इन्हीं सब यादों को हम समेटेगें एक प्रतियोगिता के माध्यम से। 100 से 500 शब्दों में लिख भेजिए अपनी पहली देखी फिल्म का अनुभव radioplaybackindia@live.com पर। मेल के शीर्षक में लिखियेगा ‘मैंने देखी पहली फिल्म’। सर्वश्रेष्ठ तीन आलेखों को 500 रूपए मूल्य की पुस्तकें पुरस्कारस्वरुप प्रदान की जायेगीं। तो देर किस बात की, यादों की खिड़कियों को खोलिए, कीबोर्ड पर उँगलियाँ जमाइए और लिख डालिए अपनी देखी हुई पहली फिल्म का दिलचस्प अनुभव। प्रतियोगिता में आलेख भेजने कीअन्तिम तिथि 31अक्टूबर, 2012 है।
'मैंने देखी पहली फिल्म' : आपके लिए एक रोचक प्रतियोगिता
दोस्तों, भारतीय सिनेमा अपने उदगम के 100 वर्ष पूरा करने जा रहा है। फ़िल्में हमारे जीवन में बेहद खास महत्त्व रखती हैं, शायद ही हम में से कोई अपनी पहली देखी हुई फिल्म को भूल सकता है। वो पहली बार थियेटर जाना, वो संगी-साथी, वो सुरीले लम्हें। आपकी इन्हीं सब यादों को हम समेटेगें एक प्रतियोगिता के माध्यम से। 100 से 500 शब्दों में लिख भेजिए अपनी पहली देखी फिल्म का अनुभव radioplaybackindia@live.com पर। मेल के शीर्षक में लिखियेगा ‘मैंने देखी पहली फिल्म’। सर्वश्रेष्ठ तीन आलेखों को 500 रूपए मूल्य की पुस्तकें पुरस्कारस्वरुप प्रदान की जायेगीं। तो देर किस बात की, यादों की खिड़कियों को खोलिए, कीबोर्ड पर उँगलियाँ जमाइए और लिख डालिए अपनी देखी हुई पहली फिल्म का दिलचस्प अनुभव। प्रतियोगिता में आलेख भेजने कीअन्तिम तिथि 31अक्टूबर, 2012 है।
Comments
इस मुकाबले में जीत के लिए मैं अपने 21 सदस्यीय संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों, मेरे फिल्मी जानकार मित्रों जिनके पास इन्टरनेट सुविधा न होते हुए भी मुझे सहायता प्रदान की, जिससे कईं कठिन प्रश्न हल किये जा सके...उनको हार्दिक धन्यवाद देता हूँ और सबसे अधिक धन्यवाद मेरे मित्र के दादाजी (जो पूर्व में एक सिनेमा हॉल में कार्यरत थे)को देना चाहूँगा, जिन्होनें मुख्य रूप से संगीत पर आधारित पहेलियों को हल करने में मदद की।
पहेली खेल रहे सभी प्रतियोगियों को मेरा नमस्कार। सलमानजी, गौतमजी, प्रकाशजी और क्षिति जी ने कडी टक्कर दी, बहुत रोचक और मजेदार मुकाबला रहा। आपको बहुत बहुत बधाई। आशा करता हूँ कि आप लगातार पहेली हल करते रहेगें जिससे मुकाबले में रोचकता बनी रहेगी। आगामी सेगमेंट के लिए मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाऍं।
सुजॉय जी, आपके लिए क्या कहूँ....बस, यही कहूँगा कि सेगमेंट जीतने में बहुत पसीना आया। बडे ही रोचक प्रश्न बनाते हैं आप। मेरे हिसाब से प्रतियोगियों को जितनी मेहनत प्रश्न के हल के लिए करनी पडती है उससे कहीं अधिक मेहनत आपको प्रश्न बनाने में करनी पडती होगी।
पुन: सभी का आभार।
धन्यवाद।
यदि कोई बाधा नहीं आई तो अगला सेगमेंट भी पूरा खेलूंगा।
मुझे भी बहुत मजा आया पहेलियां हल करने में।
pic no. 10 in CP-41 is blank or micro sized!!!!