Skip to main content

सिने-पहेली # 9

सिने-पहेली # 9 (27 फ़रवरी 2012)

'सिने पहेली' की एक और कड़ी के साथ मैं, आपका ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी, हाज़िर हूँ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' पर। दोस्तों, अब बस दो कड़ियाँ शेष हैं 'सिने पहेली' के पहले सेगमेण्ट के पूरे होने में। यानी कि दो अंकों के बाद पहले 'दस का दम' विजेता घोषित कर दिया जाएगा। आठवीं कड़ी के अंकों को जोड़ने के बाद किन चार प्रतिभागियों के सर्वाधिक स्कोर हुए हैं, यह हम अभी थोड़ी देर में आपको बतायेंगे, फ़िल्हाल शुरु करते हैं 'सिने पहेली # 9' के सवालों का सिलसिला।


*********************************************

सवाल-1: गोल्डन वॉयस

गोल्डन वॉयस में आज हम आपको सुनवाने जा रहे हैं गुज़रे ज़माने की एक आवाज़। सुन कर बताइए यह किस गायक की आवाज़ है?



सवाल-2: पहचान कौन!

दूसरे सवाल के रूप में आपको हल करने हैं एक चित्र पहेली का। नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए। 1930 के दशक का एक बेहद बेहद बेहद मशहूर और लोकप्रियतम गीतों में से एक है यह गीत जिसका यह दृश्य है। बता सकते हैं गीत का मुखड़ा?



सवाल-3: सुनिये तो...

कुछ संवाद ऐसे होते हैं जो इतने लोकप्रिय होते हैं कि लोग फ़िल्म को, उसकी कहानी को भूल जाते हैं पर ये संवाद याद रह जाते हैं। एक ऐसा ही संवाद सुनिए, और सुन कर बताइए कि यह किस फ़िल्म का है?



सवाल-4: बताइये ना!

और अब चौथा सवाल। फ़िल्मकार शेखर कपूर बुद्ध पर एक फ़िल्म बनाने जा रहे हैं जिसके लिए ब्रैड पिट को नायक चुना गया है। नायिका के लिए उन्होंने किस अभिनेत्री का चयन किया है?

अ) प्रीति ज़िन्टा
ब) ऐश्वर्या राय बच्चन
स) दीपिका पडुकोन
द) कटरीना कैफ़

सवाल-5: गीत अपना धुन पराई

और अब पाँचवा और आख़िरी सवाल। सुनिये इस विदेशी गीत को और बताइए कि वह कौन सा हिन्दी फ़िल्मी गीत है जिसकी धुन इस विदेशी गीत की धुन से प्रेरीत है? बहुत आसान है, इसलिए किसी अतिरिक्त सूत्र की आवश्यक्ता नहीं होनी चाहिए।



*********************************************

तो दोस्तों, हमने पूछ लिए हैं आज के पाँचों सवाल, और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....

१. अगर आपको सभी पाँच सवालों के जवाब मालूम है, फिर तो बहुत अच्छी बात है, पर सभी जवाब अगर मालूम न भी हों, तो भी आप भाग ले सकते हैं, और जितने भी जवाब आप जानते हों, वो हमें लिख भेज सकते हैं।

२. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।

३. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 9" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम, स्थान और पेशा लिखें।

४. आपका ईमेल हमें शुक्रवार 2 मार्च तक मिल जाने चाहिए।

है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। जैसा कि हमने शुरु में ही कहा है कि हर सप्ताह हम सही जवाब भेजने वालों के नाम घोषित किया करेंगे, और पचासवे अंक के बाद "महाविजेता" का नाम घोषित किया जाएगा।

******************************************

और अब 20 फ़रवरी को पूछे गए 'सिने-पहेली # 8' के सवालों के सही जवाब---

१. पहले सवाल 'गोल्डन वॉयस' में हमने आपको जो आवाज़ सुनवाई थी, वह आवाज़ थी शबाना आज़्मी की। यह शहरयार की लिखी फ़िल्म 'अंजुमन' की ग़ज़ल "गुलाब जिस्म का" का अंश था।

२. 'चित्र-पहेली' में दिखाए गए चित्र में हॄतिक रोशन के साथ नज़र आ रहे हैं गीतकार विजय अकेला।

३. 'सुनिये तो' में जिस गीत का अंतरा हमने सुनवाया, उसका मुखड़ा है "हे शिवशंकर हे करूणाकर', यह फ़िल्म 'सुर संगम' का गीत है राजन साजन मिश्र की आवाज़ में।

४. संतोष सिवन की फ़िल्म 'अशोका' में करीना कपूर के छोटे भाई की भूमिका में जिस बाल कलाकार ने अभिनय किया था, उनका नाम है सूरज बालाजी।

५. 'गीत अपना धुन पराई' में जो विदेशी गीत सुनवाया था, उससे प्रेरीत हिन्दी गीत है फ़िल्म 'आ गले लग जा' का "तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई"। मूल विदेशी गीत है "The Yellow Rose Of Texas (Elvis Presley)"।


और अब 'सिने पहेली # 8' के विजेताओं के नाम ये रहे -----

1. क्षिति तिवारी, इन्दौर --- 5 अंक
2. रीतेश खरे --- 4 अंक
3. पंकज मुकेश, बेंगलुरू --- 3 अंक
4. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 3 अंक
5. निशान्त अहलावत, गुड़गाँव --- 2 अंक
6. अमित चावला, दिल्ली --- 2 अंक



और अब आपको बता दें उन चार खिलाड़ियों के नाम जिनका 'सिने-पहेली' की आठवीं कड़ी तक का सम्मिलित स्कोर सबसे उपर हैं। ये चार प्रतियोगी हैं....

प्रकाश गोविन्द, लखनऊ - 30 अंक
पंकज मुकेश, बेंगलुरु - 26 अंक
रीतेश खरे, मुंबई व क्षिति तिवारी, इन्दौर- 20 अंक


10 अंकों की लड़ाई अभी शेष है, देखते हैं कि क्या यही क्रम बरकरार रहती है या कि कोई उलटफेर हो जाती है। बड़ा ही दिलचस्प हो उठा है यह जंग। तो ज़रूर जुड़े रहिएगा अगले अंकों के साथ भी। सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। अंक सम्बंधित अगर आपको किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें। आज बस इतना ही, अगले सप्ताह आपसे इसी स्तंभ में दोबारा मुलाक़ात होगी, तब तक के लिए सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, नमस्कार!

Comments

Pankaj Mukesh said…
In 80's decade there were two new and very different young singers Jaspal Singh and Shailendra Singh both were a voice of actor Sachin and Rishi Kapoor respectively. Nowa days what they are doing, where they are no one knows. They had a god combination of our legendary singers like Mukesh and Rafi with intermixed their own style. In fact Shailendra sing got break due to singer mukesh who selected him for bobby not himself as he was voice of Raaj Kapoor and important member of RK team. It will be good knowing about them. Please if possible ....
Pankaj Mukesh said…
In 80's decade there were two new and very different young singers Jaspal Singh and Shailendra Singh both were a voice of actor Sachin and Rishi Kapoor respectively. Nowadays what they are doing, where they are no one knows. They had a god combination of our legendary singers like Mukesh and Rafi with intermixed their own style. In fact Shailendra sing got break due to singer mukesh who selected him for bobby not himself as he was voice of Raaj Kapoor and important member of RK team. It will be good knowing about them. Please if possible ....
Pankaj Mukesh said…
In 80's decade there were two new and very different young singers Jaspal Singh and Shailendra Singh both were a voice of actor Sachin and Rishi Kapoor respectively. Nowa days what they are doing, where they are no one knows. They had a god combination of our legendary singers like Mukesh and Rafi with intermixed their own style. In fact Shailendra sing got break due to singer mukesh who selected him for bobby not himself as he was voice of Raaj Kapoor and important member of RK team. It will be good knowing about them. Please if possible ....

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

कल्याण थाट के राग : SWARGOSHTHI – 214 : KALYAN THAAT

स्वरगोष्ठी – 214 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 1 : कल्याण थाट राग यमन की बन्दिश- ‘ऐसो सुघर सुघरवा बालम...’  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ एक नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ के प्रथम अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ किया

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु की