
सजीव सारथी का नाम इंटरनेट पर कलाकारों की जुगलबंदी करने के तौर पर भी लिया जाता है. वर्चुएल-स्पेस में गीत-संगीत निर्माण की नई और अनूठी परम्परा की शुरूआत करने का श्रेय सजीव सारथी को दिया जा सकता है. मात्र बतौर एक गीतकार ही नहीं, बल्कि अपने गीत संगीत अनुभव से उन्होंने "पहला सुर", "काव्यनाद" और "सुनो कहानी" जैसी अलबमों और अनेकों संगीत आधारित योजनाओं के निर्माण में भी रचनात्मक सहयोग दिया, और हिंदी की सबसे लोकप्रिय संगीत वेब साईटों (आवाज़, और रेडियो प्लेबैक इंडिया) का कुशल संचालन भी किया. अपने ५ वर्षों के सफर में सजीव ने इन्टरनेट पर सक्रिय बहुत से कलाकारों के साथ जुगलबंदी की हैं. आज सुनिए उन्हीं की जुबानी उनके अब तक के संगीत सफर की दास्तान, उन्हें के रचे गीतों की चाशनी में लिपटी...
7 टिप्पणियां:
बहुत बढिया प्रस्तुति, आनन्द आ गया!
सजीव जी जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएँ
सजीव जी,
तुम जियो हजारों साल,
साल के दिन हों पचास हज़ार.
जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक.
अवध लाल
जीवेम् शरदःशतम् !
सभी का बहुत बहुत धन्येवाद
सजीव, आपकी लेखन यात्रा के बारे में जानना व फिर आपके लिखे गीतों को सुनना बहुत अच्छा लगा . भविष्य के लिये शुभकामनायें.
वाह बहुत बढ़िया ...बहुत अच्छा लगा ..शुभकामनाएं
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