'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रसिद्ध कथाकार पंकज सुबीर की कहानी "एक रात" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं समीर लाल की कहानी "आखिर बेटा हूं तेरा", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने।
कहानी "आखिर बेटा हूँ तेरा" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 48 सेकंड है। इस बार हमने इस प्रसारण में कुछ नये प्रयोग किये हैं। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।
नीचे के प्लेयर से सुनें.
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#Seventh Story, Akhir Beta Hoon Tera: Sameer Lal/Hindi Audio Book/2012/7. Voice: Archana Chaoji
कहानी "आखिर बेटा हूँ तेरा" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 48 सेकंड है। इस बार हमने इस प्रसारण में कुछ नये प्रयोग किये हैं। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।
यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।
ऐसा नहीं कि मेरे पास शब्द न थे मगर बेहतर शब्दों की तलाश में भटकता रहा और लोग रचते चले गये। मेरे भाव किसी और की कलम से शब्द पा गये। ~ समीर लाल हर शुक्रवार को सुनें एक नयी कहानी उसे 5 बजे बसुआ को उठाकर चाय नाश्ता देना होता था। फिर उसके लिये दोपहर का भोजन बनाकर घर से निकलती। (समीर लाल की "आखिर बेटा हूं तेरा" से एक अंश) |
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#Seventh Story, Akhir Beta Hoon Tera: Sameer Lal/Hindi Audio Book/2012/7. Voice: Archana Chaoji
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