हिन्द-युग्म की शिवानी सिंह जिनकी एक ग़ज़ल 'ये ज़रूरी नहीं' हिन्द-युग्म के पहले म्यूजिक एल्बम 'पहला सुर' में भी शामिल थी, और जिनकी दूसरी ग़ज़ल 'चले जाना' को हमने पिछले महीने आवाज़ पर रीलिज किया था, पहला सुर में रूपेश ऋषि की आवाज़ में रिकॉर्डेड कविताओं को सुनकर उनसे इतना प्रभावित हुईं कि इन्होंने अपने कविताओं का एक एल्बम ही बनाने का मन बना लिया।
रूपेश जी से संपर्क साधा और आठ गीतों से सजे एक काव्यमयी, साहित्यिक एल्बम का जन्म हुआ। इस एल्बम को शिवानी जी ने 'मेरे ज़ज़्बात' नाम दिया है। आठ कविताओं को एक साथ सुनें और बतायें कि शिवानी जी का यह प्रयास कैसा है।
संगीत और गायन रुपेश जी का है। दिलकश तराना में अनुराधा ने अपनी आवाज़ दी है। शिवानी सिंह को 'पहला सुर' की कविताओं को सुनकर लगा कि पढ़ने और सुनने में बहुत अंतर होता है, कविता सुनने में अपना प्रभाव अधिक डालती है।
नीचे के प्लेयर से सुनें, यह प्ले होते ही ५ सेकेण्ड के समय-अंतराल के साथ सभी कविताएँ प्ले कर देगा। आप प्ले-लिस्ट से एक-एक कविताओं को अलग-अलग या अपनी वरियता देकर भी सुन सकते हैं।
रूपेश जी से संपर्क साधा और आठ गीतों से सजे एक काव्यमयी, साहित्यिक एल्बम का जन्म हुआ। इस एल्बम को शिवानी जी ने 'मेरे ज़ज़्बात' नाम दिया है। आठ कविताओं को एक साथ सुनें और बतायें कि शिवानी जी का यह प्रयास कैसा है।
1. तन्हाई | 2. आदत | 3. दिलकश तराना | 4. मन की वेदना |
5. एक बूँद | 6. जिंदगी-एक सवाल | 7. जीवन यात्रा | 8. रेत के घर |
संगीत और गायन रुपेश जी का है। दिलकश तराना में अनुराधा ने अपनी आवाज़ दी है। शिवानी सिंह को 'पहला सुर' की कविताओं को सुनकर लगा कि पढ़ने और सुनने में बहुत अंतर होता है, कविता सुनने में अपना प्रभाव अधिक डालती है।
नीचे के प्लेयर से सुनें, यह प्ले होते ही ५ सेकेण्ड के समय-अंतराल के साथ सभी कविताएँ प्ले कर देगा। आप प्ले-लिस्ट से एक-एक कविताओं को अलग-अलग या अपनी वरियता देकर भी सुन सकते हैं।
Comments
Ise ek ati sundar prayas nahi kahunga, kyunki prayas me to asaflta ki aashanka rehti hai. parantu ye to apne aapme purna roop se safal album hai. kaash ki main ise download kar pata. is album ka ek-ek shabad na sirf sunne balki sahej kar rakhne ke kabil hai. man hota hai ki sunte hi chale jayen. In kavitaon ko aapne hothon se nahi balki dil se gaya hai, aur dil ki aawaj to hamesha nayab hua karti hai.
Ek achchhe album ke liye aapko dher sari badhai aur shubhkamnayen ki aapki ye madhur aawaj yun hi sada-sada tak gunjti rahe. Rupesh rishi ji ne to sone me syhage ka kaam kiya hai. Unhe bhi meri or se badhai jaroor dijiyega.
Vijay Sharma
Chennai
kvijashar@gmail.com
+91-9281302261
'पहला सुर' में कविताओं की रिकॉर्डिंग बहुत जल्दी-जल्दी हुई थी, इसलिए उसमें कुछ कमियाँ रह गई थीं, लेकिन इस बार तो रूपेश की आवाज़ पूरे शबाब पर है। आपको अनुराधा की आवाज़ में एक-दो कविताएँ और रिकॉर्ड करवानी चाहिए थी। उनकी आवाज़ भी बहुत बढ़िया है।
इस प्रयास के लिए आप साधुवाद की पात्र हैं।
aapke jazbaat sach mein bahut khoobsurat hai.
Rupesh ji aur Anuradha ji ki awaaz ne in kavitao mein jaan daal de hai. bahut sundar
prayaas hai. issi tarha aap likhti rahe. meri shubhkaamnayein sweekar keejiye.
DEEPTI
कविताओं को सुनकर आनंद आ गया. बहुत सुंदर. अपने जितना सुंदर लिखा है उससे भी सुंदर अनुराधा जी और रुपेश जी की आवाज ने जादू किया है. संगीत ने प्रभाव और बढ़ा दिया है. इस प्रयास मैं शामिल पुरी टीम को बधाई.
wah wah didi adat si ho gai hai.....kaun si khwahish se ho gai hai.....sach me its true ॰॰
"Ek Boond"
ye bund wali git ke bol sach me dil ko chune wali hai.....
"Tanhayee"
didi sach hai humara sathi bas tanhai hai.....
"Zindagi- Ek Sawal"
its so true ek hi sawl hai...in todays world every ine asks dis only...ab happiness ya fir dukh ki batein.....
"Jeevan Yatra"
kya baat kahi hai apne jo rasta dhund lia wo sach me safal hai aur jisne rasta bhatka .........
--Kumar Digvijay (librandigu@gmail.com)
bahut bahut mubarak ho