Skip to main content

मासिक टॉप 10 पन्ने

पाठकों का रूख क्या है? यह जानने के लिए यह टेबल उपयोगी है। हम डायरेक्ट विजीट के आधार पर प्रत्येक माह के शीर्ष १० पोस्टों को प्रदर्शित कर रहे हैं।

आवाज़ पर जुलाई २००८ के टॉप १० पन्ने

RankPage TitleDirect VisitsTotal Page Views
1बढ़े चलो452818
2संगीत दिलों का उत्सव है404772
3आवारादिल400583
4तेरे चेहरे पे263422
5अलविदा इश्मित158179
6पॉडकास्ट कवि सम्मेलन155210
7सीखिए गायकी के गुर130160
8मानसी का साक्षात्कर107172
9नैना बरसे रिमझिम-रिमझिम98163
10झूमो रे दरवेश76118

Stats from 1 July 2008 to 31 July 2008
Source: FeedBurner

आवाज़ पर अगस्त २००८ के टॉप १० पन्ने

RankPage TitleDirect VisitsTotal Page Views
1मैं नदी366612
2मेरे सरकार265410
3चले जाना263448
4जीत के गीत225452
5बे-इंतहा170312
6ऑनलाइन काव्यपाठ और अभिनय का मौका140208
7आसाम के लोकसंगीत का ज़ादू132170
8वो खंडवा का शरारती छोरा130199
9सूफी संगीत भाग दो112151
10लौट चलो पाँव पड़ूँ तोरे श्याम83124

Stats from 1 August 2008 to 31 August 2008
Source: FeedBurner

आवाज़ पर सितम्बर २००८ के टॉप १० पन्ने

RankPage TitleDirect VisitsTotal Page Views
1कहने को हासिल सारा जहाँ था304351
2चलो एक बार फिर से265329
3अहमद फ़‌राज़ की शायरी279321
4दोस्तों ने निभा दी दुश्मनी प्यार से254288
5प्रेमचंद की कहानी 'प्रेरणा'237264
6ओ मुनिया216234
7कोई ना रोको दिल की उड़ान को॰॰157178
8गाइए गणपति जगवंदन135168
9हाहाकार और बालिका-वधू122148
10सच बोलता है मुँह पर120136

Stats from 1 September 2008 to 30 September 2008
Source: Google Analytics

आवाज़ पर अक्टूबर २००८ के टॉप १० पन्ने

RankPage TitleDirect VisitsTotal Page Views
1करवाचौथ पर कविता तथा संगीतबद्ध गीत310367
2राकेश खंडेलवाल की पुस्तक का विमोचन222271
3ऐसा नही कि आज मुझे चाँद चाहिए221265
4डरना-झुकना छोड़ दे191247
5माह का पॉडकास्ट कवि सम्मेलन179210
6जी॰बी॰ रोड पर एक फिल्म195208
7सूरज, चंदा और सितारें158186
8आखिरी बार बस, तेरा दीदार160185
9सांसों की माल में सिमरूँ मैं94118
10बेकरार कर के हमें यूँ न जाइए89102

Stats from 1 October 2008 to 31 October 2008
Source: Google Analytics

आवाज़ पर नवम्बर २००८ के टॉप १० पन्ने

RankPage TitleDirect VisitsTotal Page Views
1छठ-पर्व विशेष पृष्ठ226269
2हुस्न205237
3उड़ता परिंदा169192
4पाकिस्तानी बैंड गीत-माहिया119134
5तू रूबरू89130
6प्रेमचंद की कहानी 'देवी'95116
7सुनीता यादव का साक्षात्कार91106
8पर्यावरण बचाओ- Go Green86102
9षड़ज ने पायो ये वरदान6488
10प्रेमचंद की कहानी 'वरदान'7186

Stats from 1 October 2008 to 31 October 2008
Source: Google Analytics

Comments

Popular posts from this blog

सुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली

सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे

कल्याण थाट के राग : SWARGOSHTHI – 214 : KALYAN THAAT

स्वरगोष्ठी – 214 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 1 : कल्याण थाट राग यमन की बन्दिश- ‘ऐसो सुघर सुघरवा बालम...’  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर आज से आरम्भ एक नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ के प्रथम अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज से हम एक नई लघु श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। भारतीय संगीत के अन्तर्गत आने वाले रागों का वर्गीकरण करने के लिए मेल अथवा थाट व्यवस्था है। भारतीय संगीत में 7 शुद्ध, 4 कोमल और 1 तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग होता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 स्वरों में से कम से कम 5 स्वरों का होना आवश्यक है। संगीत में थाट रागों के वर्गीकरण की पद्धति है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार 7 मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते हैं। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल प्रचलित हैं, जबकि उत्तर भारतीय संगीत पद्धति में 10 थाट का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ किया

‘बरसन लागी बदरिया रूमझूम के...’ : SWARGOSHTHI – 180 : KAJARI

स्वरगोष्ठी – 180 में आज वर्षा ऋतु के राग और रंग – 6 : कजरी गीतों का उपशास्त्रीय रूप   उपशास्त्रीय रंग में रँगी कजरी - ‘घिर आई है कारी बदरिया, राधे बिन लागे न मोरा जिया...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘वर्षा ऋतु के राग और रंग’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सभी संगीतानुरागियों का हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम वर्षा ऋतु के राग, रस और गन्ध से पगे गीत-संगीत का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। हम आपसे वर्षा ऋतु में गाये-बजाए जाने वाले गीत, संगीत, रागों और उनमें निबद्ध कुछ चुनी हुई रचनाओं का रसास्वादन कर रहे हैं। इसके साथ ही सम्बन्धित राग और धुन के आधार पर रचे गए फिल्मी गीत भी सुन रहे हैं। पावस ऋतु के परिवेश की सार्थक अनुभूति कराने में जहाँ मल्हार अंग के राग समर्थ हैं, वहीं लोक संगीत की रसपूर्ण विधा कजरी अथवा कजली भी पूर्ण समर्थ होती है। इस श्रृंखला की पिछली कड़ियों में हम आपसे मल्हार अंग के कुछ रागों पर चर्चा कर चुके हैं। आज के अंक से हम वर्षा ऋतु की