दूसरे सत्र के ग्यारहवें गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज.
ग्यारहवें गीत के साथ हम दुनिया के सामने ला रहे हैं एक और नौजवान संगीतकार कृष्ण राज कुमार को, जो मात्र २२ वर्ष के हैं, और जिन्होंने अभी-अभी अपने B.Tech की पढ़ाई पूरी की है, पिछले १४ सालों से कर्नाटक गायन की दीक्षा ले रहे हैं. कृष्ण का परिचय हिंद युग्म से, "पहला सुर" के संगीतकार निरन कुमार ने कराया, कृष्ण कुमार जिस दिन हिंद युग्म के कविता पृष्ट पर आए, उसी दिन युग्म के वरिष्ट कवि मोहिंदर कुमार की ताजी कविता प्रकाशित हुई थी, कृष्ण ने उसी कविता / गीत को स्वरबद्ध करने का हमसे आग्रह किया.
लगभग डेढ़ महीने तक इस पर काम करने के बाद उन्होंने इस गीत को मुक्कमल कर अपनी आवाज़ में हमें भेजा, जिसे हम आज आपके समक्ष लेकर हाज़िर हुए हैं, हम चाहेंगे कि आप इस नए, प्रतिभावान संगीतकार/गायक को अपना प्रोत्साहन और मार्गदर्शन अवश्य दें.
गीत को सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें -
With this new song, we are introducing another new singer / composer from Cochi, Krishna Raj Kumar, lyrics are provided by another Vattern poet from Hind Yugm, Mohinder Kumar, the song is more like a poetry about relationships and the hard facts of life. We hope you will like this presentation, give your guidance to this young composer, so that he can better himself for the future.
Click on the player to listen to this brand new song
Lyrics - गीत के बोल
राहतें सारी आ गई हिस्से में उनके
और उजाले दामन के सितारे हो गये
चांद मेरा बादलों में खो गया है
कौन जाने इस घटा की क्या वजह है
आखिरी छोर तक जायेगा साथ मेरे
और फ़िर वो साया भी मेरा न होगा
ख्वाबों के लिये हैं ये सातों आसमान
हकीकत के लिये पथरीली सतह है
राहों से मंजिलों का पता पूछता है
बीच राह में गुमराह राही हो गया है
कौन जाने गुजरे पडाव मंजिलें हों
भूलना ही हार को असली फ़तह है
दोस्तों ने निभा दी दुश्मनी प्यार से
सोचने को अब बाकी क्या बचा है
राह शोलों पर भी चल कर कट जायेगी
इस दिल मे जख्मों के लिये जगह है...
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
SONG # 11, SEASON # 02, "RAHATEN SAARI" OPENED ON 12/09/2008, ON AWAAZ, HIND YUGM.
Music @ Hind Yugm, Where music is a passion
ब्लॉग/वेबसाइट/ऑरकुट स्क्रैपबुक/माईस्पैस/फेसबुक में "राहतें सारी" का पोस्टर लगाकर नये कलाकारों को प्रोत्साहित कीजिए
ग्यारहवें गीत के साथ हम दुनिया के सामने ला रहे हैं एक और नौजवान संगीतकार कृष्ण राज कुमार को, जो मात्र २२ वर्ष के हैं, और जिन्होंने अभी-अभी अपने B.Tech की पढ़ाई पूरी की है, पिछले १४ सालों से कर्नाटक गायन की दीक्षा ले रहे हैं. कृष्ण का परिचय हिंद युग्म से, "पहला सुर" के संगीतकार निरन कुमार ने कराया, कृष्ण कुमार जिस दिन हिंद युग्म के कविता पृष्ट पर आए, उसी दिन युग्म के वरिष्ट कवि मोहिंदर कुमार की ताजी कविता प्रकाशित हुई थी, कृष्ण ने उसी कविता / गीत को स्वरबद्ध करने का हमसे आग्रह किया.
लगभग डेढ़ महीने तक इस पर काम करने के बाद उन्होंने इस गीत को मुक्कमल कर अपनी आवाज़ में हमें भेजा, जिसे हम आज आपके समक्ष लेकर हाज़िर हुए हैं, हम चाहेंगे कि आप इस नए, प्रतिभावान संगीतकार/गायक को अपना प्रोत्साहन और मार्गदर्शन अवश्य दें.
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With this new song, we are introducing another new singer / composer from Cochi, Krishna Raj Kumar, lyrics are provided by another Vattern poet from Hind Yugm, Mohinder Kumar, the song is more like a poetry about relationships and the hard facts of life. We hope you will like this presentation, give your guidance to this young composer, so that he can better himself for the future.
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Lyrics - गीत के बोल
राहतें सारी आ गई हिस्से में उनके
और उजाले दामन के सितारे हो गये
चांद मेरा बादलों में खो गया है
कौन जाने इस घटा की क्या वजह है
आखिरी छोर तक जायेगा साथ मेरे
और फ़िर वो साया भी मेरा न होगा
ख्वाबों के लिये हैं ये सातों आसमान
हकीकत के लिये पथरीली सतह है
राहों से मंजिलों का पता पूछता है
बीच राह में गुमराह राही हो गया है
कौन जाने गुजरे पडाव मंजिलें हों
भूलना ही हार को असली फ़तह है
दोस्तों ने निभा दी दुश्मनी प्यार से
सोचने को अब बाकी क्या बचा है
राह शोलों पर भी चल कर कट जायेगी
इस दिल मे जख्मों के लिये जगह है...
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
SONG # 11, SEASON # 02, "RAHATEN SAARI" OPENED ON 12/09/2008, ON AWAAZ, HIND YUGM.
Music @ Hind Yugm, Where music is a passion
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Comments
दोस्तों ने निभा दी दुश्मनी प्यार से
सोचने को अब बाकी क्या बचा है
राह शोलों पर चल कर भी कट जायेगी
इस दिल में ज़ख्मों के लिए भी जगह है .....
आपकी और मोहिंदर जी की अगली रचना का इंतज़ार रहेगा ...धन्यवाद ...
Antim para dil ko choota hai mohinder kumar ji ka.
समझ नही पा रहा हूं किस तरह से इस रचना की तारीफ़ करूं.इतना अच्छा संगीत संयोजन, बडी ही प्रतिभा है इस छोटे से गुलुकार में , और बडी संभावनाएं भी.हारमोनी का बखूबी उपयोग किया है.
दक्षिण में काफ़ी काम किया जा रहा है.
कवि का लेखन तो सहज है ही, बोल के मायनों में जीवन के उतारचढाव दर्शा ्दिये है.
दोस्तों नें निभा दी दुश्मनी प्यार से.. यह एहसास बडा पीडादायक है.
दोनो को शुभकामनायें
गाने की स्पष्टता थोडी बेहतर हो सकती थी.हार्मोनी के Voice over या channel mixing में एक Channel थोडी कमज़ोर रह गयी होगी शायद.कोइ खास बात नही.
bara hi sarahneey prayas raha yah!
geet ke bol to waqai bare bhavpurn avam marmik hain,sath hi ek geet ke liye bhi ekdum upyukt.
geet ki dhun bhi bari achhi hai,geet ka bhav banaye rakhti hai.darasal dhun jaisi hai,bari achhi hai,lekin jo hai,usme kai sudhar ho sakte hain.sangeetkaar ne jo treatment diya hai in bolon ko,wah bara achha hai,lekin is dhun par aur kaam kiya jana chahiye tha.
gayak ki awaz bari achhi hai,lekin gayki me abhi kafi kuchh karne ko banki hai.is geet me krishna raj ji ne jo prayas kiya hai,shayad wah ya to gayki ki wajah se,ya kisi aur wajah se khul ke samne nahi aa paya hai,sur kai bar angrai lene ko hota hai ki wapas mand par jata hai,isme thori aur jeevant'ta hoti to geet aur bhavpoorn ho pata.
kuchh anuchhedon ki samapti wali pankti ki lay ko, meri samajh se ,sanshodhit kiya ja sakta hai.anytha rachna ek geet ke taur par thori sapat ho jati hai.
recording ki khamiyan kai geeton ke baad is geet me wapas ubhar ayi.vadyon ka pryog bara achha laga geet me lekin paryapt nahi laga.
khair,kul mila kar,yah geet bara hridaysparshi avam karnpriy ban para hai.krishna raj ji me bari sambhavnayen hain.
aur,yugm par mohinder ji jaise kaviyon ke hote achhe bolon ki kabhi kami na hogi!
awaz ki team ko meri dher sari badhai avam shubh kamnayen!
dhanyawaad!
-Janmejay
Rock on !!
Sur
great combination
good luck
"lyrics are provided by another Vattern poet from Hind Yugm"
Please change "Vattern" with Veteran.
Cheers,
Neeraj
Avinash