संगीत समीक्षा - जलपरी - द डेजर्ट मरमेड
और अंत में आपकी बात- अमित तिवारी के साथ
इस सप्ताह प्रदर्शित होने वाली फिल्मों में एक बाल फिल्म है 'जलपरी: The Desert Mermaid".हिंदी फिल्मों में ऐसा कम ही होता है जब बच्चों के लिए बनी किसी फिल्म को बच्चों के साथ साथ व्यस्क दर्शकों का प्यार भी मिले. इसकी एक वजह ये भी है कि बच्चों के लिए बनी फिल्मों को ज़रूरत से ज़्यादा नाटकीय रूप से प्रस्तुत किया जाता है.पिछले कुछ समय से इसमें परिवर्तन आया है और बच्चों की फिल्मों के स्वरुप को बदला है. इसी कड़ी में एक और कड़ी जोड़ती है 'जलपरी'.
जलपरी का निर्देशन करा है 'आई एम कलाम' के निर्देशक नीला माधब पांडा ने.फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है जो आज भी भारत के कई राज्यों में की जाती है.फिल्म की कहानी लिखी है दीपक वेंकटेशन ने. इसका संगीत दिया है आशीष चौहान त और MIDIval Punditz के नाम से मशहूर दिल्ली बेस्ड Indian fusion group ने. इस fusion group के कलाकार हैं गोरव राणा और तपन राज. इस फिल्म का कांस फिल्म समारोह में प्रदर्शन हो चुका है.
इस फिल्म का पहला गाना है 'बरगद'. इसे गया है गुलाल फिल्म से चर्चा में आये पियूष मिश्रा ने. इस एल्बम का ये सबसे बढ़िया गाना है. इसे बात आप जितनी बार सुनेंगे हर बार कहीं खो जायेंगे. इस गाने को लिखा भी पियूष मिश्रा ने ही है और संगीतबद्ध भी करा है. ये गाना मंत्रमुग्ध कर देता है. इस गाने को सुनकर आपको गुलाल फिल्म का 'ये दुनिया अगर मिल भी जाए' याद आ सकता है.
इस एल्बम का दूसरा गाना हाथ में थारी साजे चूड़ा गाया है रिंकू ने. इस गाने में मंजीरे और घड़े का खूब इस्तेमाल हुआ है. यह गाना राजस्थानी लोक संगीत पर आधारित है. ठेठ गवनई अंदाज में इस गाने को गाया गया है.
इस एल्बम में कुल मिलाकर तीन गाने हैं. तीसरा गाना नीली नीली खिली सी दुनिया गाने को बोल दिए हैं शुभा मुद्गल ने. इस गाने के बोल लिखे हैं प्रोतीक मजूमदार ने और संगीत दिया है MIDIval Punditz ने.
इस एल्बम में संगीत और बोल दोनों मिलाकर बेहतरीन हैं. इस एल्बम को रेडिओ प्लेबैक इंडिया देता है ४.८ की रेटिंग ५ में से.
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