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बोलती कहानियाँ - मुनिया का बचपन - अर्चना चावजी

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अर्चना चावजी की आवाज़ में साहित्यकार और प्राख्यात ब्लॉगर समीर लाल की कहानी "आखिर बेटा हूँ तेरा का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अर्चना चावजी की कहानी "मुनिया का बचपन, जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने।

कहानी "मुनिया का बचपन" का टेक्स्ट "मेरे मन की" ब्लॉग पर उपलब्ध है। कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 37 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

अच्छाई में पाप नहीं, तुम अच्छाई से नहीं डरो। हो भला सभी का जिससे, काम सदा तुम वही करो॥
 ~  अर्चना चावजी

हर शुक्रवार को यहीं पर सुनें एक नयी कहानी

दोस्त है तेरा, दोस्त की बात का बुरा नहीं मानते।
 (अर्चना चावजी की "मुनिया का बचपन" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें.

 यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3

#Eighth Story, Munia Ka Bachpan: Archana Chaoji/Hindi Audio Book/2012/8. Voice: Archana Chaoji

Comments

Smart Indian said…
बधाई हो अर्चना जी। बेहद मार्मिक कहानी!
अर्चना जी की रचनायें बेहद अच्छी होती हैं.
Archana Chaoji said…
आभार !आपका "रेडियो प्लेबेक इन्डिया" में इसे स्थान देने के लिए...और पसन्द करने के लिए..
Sajeev said…
bahut badhiya ;)
Shashi said…
Bahut sundar hota hai bachpan .
Shashi said…
So good .