आज की पसंद पल्लवी सक्सेना जी के संग. पल्लवी सक्सेना जी से जब मैंने ५ गीतों की चर्चा की तो उन्होंने कहा -
छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा (याराना)
ज़िंदगी कैसी है पहेली हाये कभी यह हंसाये कभी यह रुलाये (आनंद)
नाम गुम जाएगा, चेहरा यह बदल जाएगा
लगजा गले के फिर ये हसीन रात हो न हो ...
नजाने क्यूँ होता है यह ज़िंदगी के साथ (छोटी सी बात )
"मैं, यह तो नहीं जानती कि आपको यह गाने क्यूँ चाहिए, मगर इतना ज़रूर कहूँगी, कि यह तो बड़ा ही कठिन सवाल है। फिर भी कुछ गाने है। जो दिल को छु ही जाते हैं। मगर आपने इतने कम गाने चुनने को कहे कि मेरा तो मन ही नहीं भरेगा इसलिए मैं आपको 5 से ज्यादा गाने भेज रही हूँ। जो मुझे बेहद पसंद है और कहीं न कहीं मेरी ज़िंदगी के गुजरे हुए लम्हों से जुड़े हुए है। जो मेरी ज़िंदगी के प्यार और दोस्ती के पवित्र रिश्तों से जुड़े हुए हैं। हर एक गाने में मुझे ज़िंदगी की सच्चाई महसूस होती है। हर गाने में यही महसूस होता है कि यह मेरी ही ज़िंदगी है हर एक गीत में इसलिए मुझे यह सारे गाने बहुत-बहुत अच्छे लगते हैं। मेरी माने तो एक बार you tube पर यह सारे गाने सुनकर देखिये गा आपका भी मन खिल जाएगा गा सच्ची। वैसे तो मेरी लिस्ट कभी खत्म होने वाली नहीं क्यूंकि मुझे गाने सुनना बहुत पसंद है मगर फिलहाल मेरी पसंद के कुछ गीत मैं आपको भेज रही हूँ।"तो लीजिए पल्लवी की पसंद के गीतों में सुनते हैं ये ५ गीत.
छूकर मेरे मन को किया तूने क्या इशारा (याराना)
ज़िंदगी कैसी है पहेली हाये कभी यह हंसाये कभी यह रुलाये (आनंद)
नाम गुम जाएगा, चेहरा यह बदल जाएगा
लगजा गले के फिर ये हसीन रात हो न हो ...
नजाने क्यूँ होता है यह ज़िंदगी के साथ (छोटी सी बात )
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सादर