गाना: हम जो चलने लगे
चित्रपट:जब वी मेट
संगीतकार:प्रीतम चक्रवर्ती
गीतकार:इर्शाद कामिल
स्वर: शान और उस्ताद सुल्तान खान
हम जो चलने लगे
चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ...हाँ...
मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते - 2
आओ खो जाये हम
हो जाये हम यूँ लापता
आओ मीलों चलें
जहा कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे
चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ...हाँ...
मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
बैठे बैठे ऐसे कैसे कोई
रास्ता नया सा मिले
तू भी चले मैं भी चलूँ
होंगे कम ये तभी फासले -2
आओ तेरा मेरा ना हो किसी से वास्ता
आओ मिलो चले
जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे
चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ...हाँ...
मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
आँखें खोले नींदें बोले जाने
कैसी जगी बेखुदी
यहाँ वहाँ देखो कहाँ
लेके जाने लगी बेखुदी -2
आओ मिल जाये ना होगा जहाँ पे रास्ता
आओ मीलो चलें
जाना कहाँ ना हो पता
हम जो चलने लगे
चलने लगे हैं ये रास्ते
हाँ...हाँ...
मंजिल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
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