गाना: आये हैं दूर से, मिलने हज़ूर से
चित्रपट:तुमसा नहीं देखा
संगीतकार:ओ. पी. नय्यर
गीतकार:मजरूह सुलतान पुरी
स्वर: रफ़ी, आशा
आशा: आए हैं दूर से, मिलने हज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये, कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है के रात है
रफ़ी: हाय ...
तुमसे मेहमान क्या, मुझपे अहसान क्या
लाखों ही ज़ुल्फ़ों वाले, आती हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आशा: आये हैं दूर से ...
उठ के तो देखिये, कैसी फ़िज़ा है
शरमाना छोड़िये, ये क्या अदा है
रफ़ी: तौबा ये क्या फ़रमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
मेरी क्या बात है
आशा: आये हैं दूर से ...
रफ़ी: ओ ओ ओ ...
तुमसे मेहमान का ...
दिखती है रोज़ ही, ऐसी फ़िज़ाएं
मुखड़े के सामने, काली घटाएं
आशा: कोई चल जाए जादू, फिर हम पूछेंगे बाबू
दिन है के रात है ...
रफ़ी: ओ ओ ओ ...
तुमसे मेहमान का ...
आशा: आ आ आ ...
आये हैं दूर से ...
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