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१४ मार्च- आज का गाना


गाना: मेरी भैंस को डंडा क्यों मारा


चित्रपट:पगला कहीं का
संगीतकार:शंकर जयकिशन
गीतकार:हसरत जयपुरी
स्वर: मन्ना डे




क्यूं मारा -५
क्यूं -६
मेरी भैंस को डंडा
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत में चारा चरती थी
तेरे बाप का वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत में चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा

वो लड्डू पेड़े खाती है
वो पेड़ों पे चढ जाती है
वो लड्डू पेड़े खाती है
वो पेड़ों पे चढ जाती है
ये मच्छर बीन बजाते हैं
वो अपना राग सुनाती है
वो ठुम्मक ठुम्मक नाचे
जब मैं दिल का बजाऊँ
मैं दिल का बजाऊँ इकतारा
मेरी भैंस को डंडा
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत में चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा

अरे घर का ये इक स्टेशन है
और झंडी प्यारी प्यारी है
अरे घर का ये इक स्टेशन है
और झंडी प्यारी प्यारी है
सब हम तो रेल के डिब्बे हैं
वो अपनी इंजन गाड़ी है
वो गुस्सा जब भी करती है
तो बन जाती है
तो बन जाती है अंगारा
मेरी भैंस को डंडा
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत में चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा

बोंधु रे बोंधु रे
वो जान से बढकर प्यारी है
बोंधु रे बोंधु रे
क्या बोलूँ में क्या बोलूँ में
इक कटारी है
बोंधु रे बोंधु रे
वो जान से बढकर प्यारी है
क्या बोलूँ इक कटारी है
वो जान से बढकर प्यारी है
क्या बोलूँ इक कटारी है
कजरारी उसकी अँखियाँ हैं
इस बात पे अपनी यारी है
मैने तो अपनी कल्लो का है नाम रक्खा
है नाम रक्खा जहानारा
मेरी भैंस को डंडा
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत मुझे चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत मुझे चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत मुझे चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा
वो खेत मुझे चारा चरती थी
तेरे बाप का है वो क्या करती थी
मेरी भैंस को डंडा क्यूं मारा



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