गुनगुनाते लम्हे- 2
3 नवम्बर 2009 से हमने आवाज़ पर एक नये कार्यक्रम गीतों भरी कहानी की शुरूआत की है। जिसमें फिल्मी गीतों के माध्यम से एक कहानी को गुनते और बुनते हैं। आज हम इसका दूसरा अंक लेकर हाज़िर हैं। कहानी है रेणु सिन्हा की, स्वर है अपराजिता कल्याणी की और तकनीकी संचालन खुश्बू ने किया है।
इस बार हमने समय का ख्याल रखा है। जल्दी से सुन भी लेंगे और गुन भी लेंगे।
अपनी राय ज़रूर दें।
'गुनगुनाते लम्हे' टीम
3 नवम्बर 2009 से हमने आवाज़ पर एक नये कार्यक्रम गीतों भरी कहानी की शुरूआत की है। जिसमें फिल्मी गीतों के माध्यम से एक कहानी को गुनते और बुनते हैं। आज हम इसका दूसरा अंक लेकर हाज़िर हैं। कहानी है रेणु सिन्हा की, स्वर है अपराजिता कल्याणी की और तकनीकी संचालन खुश्बू ने किया है।
इस बार हमने समय का ख्याल रखा है। जल्दी से सुन भी लेंगे और गुन भी लेंगे।
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'गुनगुनाते लम्हे' टीम
आवाज़/एंकरिंग | कहानी | तकनीक |
---|---|---|
अपराजिता कल्याणी | रेणु सिन्हा | खुश्बू |
Comments
पूरी टीम को बहुत बहुत Congrats...!
' मिलते hi आँखे ...? ऊँहू ..सुनते hi 'उसको' दिल हुआ दीवाना किसी का ' .....मैं भला होश मे कैसे रहूँ '
पूछो ना आवाज़ का असर हाय ना पूछों ,दमभर मे कोई हो गया नन्ही डोल का ,कौन..?
मैं, हम सब
....................प्यारे से प्रोग्राम के लिए इत्ता सारा प्यार, दोनों को bahino ko
मिसेज़ सिन्हा को बधाई
indu puri goswami
खैर अगली बार
jitni pyaari tm ho utni hi pyaari tumhaari aawaj ,waakai bahut achchi rahi tumhaari prastuti .ek baar phir se mubaarakbaad deti hoon aur aisi hi agli rochak prastutiyon ke intjaar me