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दोस्त दोस्त न रहा प्यार प्यार न रहा...पर मुकेश का आवाज़ न बदली न बदले उनके चाहने वाले

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 186

मुकेश के पसंदीदा गीतों में घूम फिर कर राज कपूर की फ़िल्मों के गानें शामिल होना कोई अचरज की बात नहीं है। राज साहब ने दिए भी तो हैं एक से एक बेहतर गीत मुकेश को गाने के लिए। शैलेन्द्र, हसरत जयपुरी और शंकर जयकिशन ने ये तमाम कालजयी गीतों की रचना की है। कल आप ने सुने थे राम गांगुली की बनाई धुन पर राज कपूर की पहली निर्मित व निर्देशित फ़िल्म 'आग' का गीत। इस फ़िल्म के बाद राज कपूर ने अपनी नई टीम बनायी थी और उपर्युक्त नाम उस टीम में शामिल हुए थे। इस टीम के नाम आज जो गीत हम कर रहे हैं वह है सन् १९६४ की फ़िल्म 'संगम' का। 'संगम' राज कपूर की फ़िल्मोग्राफ़ी का एक ज़रूरी नाम है, जिसने सफलता के कई झंडे गाढ़े। जहाँ तक फ़िल्म-फ़ेयर पुरस्कार की बात है, इस फ़िल्म की नायिका वैजयंतीमाला को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला और राजेन्द्र कुमार को सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता का पुरस्कार। राज कपूर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार नहीं मिल पाया क्योंकि वह पुरस्कार उस साल दिया गया था दिलीप कुमार को फ़िल्म 'लीडर' के लिए। दोस्तों, फ़िल्म 'संगम' का एक गीत जो राजेन्द्र कुमार पर फ़िल्माया गया था, हम ने आप को रफ़ी साहब पर केन्द्रित लघु शृंखला 'दस चेहरे और एक आवाज़' के तहत सुनवाया था। आज सुनिए राज कपूर पर फ़िल्माया और मुकेश जी की आवाज़ में "दोस्त दोस्त ना रहा, प्यार प्यार ना रहा, ज़िंदगी हमें तेरा ऐतबार ना रहा"।

मुकेश का गाया और शैलेन्द्र का लिखा यह गीत एक कल्ट सोंग है जिसे प्यार में धोखा खानेवाले हर आशिक़ ने अपने दिल में गुनगुनाया होगा। आज भी कभी कभी मज़ाक में दोस्तों की टोली अपने किसी साथी के अपने महबूबा से ब्रेक-अप हो जाने पर उसे छेड़ते हुए यह गीत गा उठते हैं। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है इस गीत के असर का, इस गीत की लोकप्रियता का। गीत फ़िल्म में जिस सिचुयशन पर लिखा गया है, वह हमारी फ़िल्मों में बिल्कुल आम बात रही है। लेकिन महान गीतकार, संगीतकार और गायक वो हैं जो इस आम सिचुयशन को किसी असरदार गीत से बेहद ख़ास बना देते हैं। इसमें कोई शक़ नहीं कि ऐसे सिचुयशन पर अगर पुरअसर गीत न लिखे जायें, तो उसका परिणाम फ़िल्म के निर्माता के लिए बहुत अच्छा नहीं भी हो सकता है। गीतों में वह ताक़त होती है जो कहानी को और भी ज़्यादा सशक्त कर दे, लोगों को नायक या नायिका के चरित्र में, उनके मनोभाव और जज़्बातों में और गहराई से डूब जाने को मजबूर कर दे। शैलेन्द्र, शंकर जयकिशन और मुकेश ने यही काम कर दिखाया था इस गीत में। प्यार में चोट खाए हुए नायक का पार्टी में पियानो पर बैठकर नायिका पर इल्ज़ाम पे इल्ज़ाम लगाए जाना और वो भी ऐसे कि सिर्फ़ नायिका को ही समझ में आए, यह हम ने दशकों से बहुत सारे फ़िल्मों में देखा है। यहाँ 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर ही हम ने कम से कम इस तरह का एक गीत सुनवाया है फ़िल्म 'गैम्बलर' का "दिल आज शायर है, ग़म आज नग़मा है"। इस तरह के गीतों की फ़ेहरिस्त लिखने बैठूँ तो बात बड़ी लम्बी हो जाएगी, इसलिए और ज़्यादा कुछ न कहते हुए सुनिए बेवफ़ाई का वह फ़ल्सफ़ा, जो मुकेश को था बेहद प्रिय। और आप से यह गुज़ारिश है कि नीचे टिप्पणी में ऐसे कुछ गीतों को लिस्ट डाउन करें जिनमें है पियानो, पार्टी, और प्यार में ठोकर खाया हुआ नायक जो अपने गीत के ज़रिए नायिका पर शब्दों से वार पे वार किए जा रहा हो। देखते हैं आप कितने ऐसे गीत ढ़ूंढ पाते हैं। तो सुनिए यह गीत और मुझे आज के लिए दीजिए इजाज़त, फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया तो!



और अब बूझिये ये पहेली. अंदाजा लगाइये कि हमारा अगला "ओल्ड इस गोल्ड" गीत कौन सा है. हम आपको देंगे तीन सूत्र उस गीत से जुड़े. ये परीक्षा है आपके फ़िल्म संगीत ज्ञान की. याद रहे सबसे पहले सही जवाब देने वाले विजेता को मिलेंगें 2 अंक और 25 सही जवाबों के बाद आपको मिलेगा मौका अपनी पसंद के 5 गीतों को पेश करने का ओल्ड इस गोल्ड पर सुजॉय के साथ. देखते हैं कौन बनेगा हमारा तीसरा (पहले दो गेस्ट होस्ट बने हैं शरद तैलंग जी और स्वप्न मंजूषा जी)"गेस्ट होस्ट". अगले गीत के लिए आपके तीन सूत्र ये हैं-

१. इस सुपरहिट में मुकेश का ये गीत अपने आप में एक मिसाल है.
२. ऋत्विक घटक ने इस फिल्म की रोचक कहानी लिखी थी और संवाद थे राजेंद्र सिंह बेदी के.
३. दूसरे अंतरे की पहली पंक्ति में शब्द है -"गोरी".

पिछली पहेली का परिणाम -
गलतियाँ इंसान से ही होती है, और एक गलती हमसे भी हुई, पाबला जी सही थे और पूर्वी जी आप भी. त्रुटी सुधार के लिए धन्येवाद...पाबला जी आप कुट्टी मत होईये :). रोहित जी ने गीत सही पहचान लिए थे और अंक भी उन्हें दिए जा चुके है, अब दी हुई चीज़ वापस लेना ठीक नहीं हा हा हा...अब कल की पहेली की बात, दरअसल ये गीत इतने मशहूर हैं कि ज़रा सा सीधा हिंट मिलते ही आप सब धुरंधर पहचान लेंगे, और हमें मज़ा तब आता है जब आपके दिमाग तो थोडी कसरत करनी पड़े, इसलिए ज़रा घुमा फिरा कर सूत्र देते हैं. अब दिशा जी ने आखिरकार गीत पहचान ही लिया है. दिलीप जी आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जायेगी :). चलिए अब चलते चलते दिशा जी को बधाई, अब स्कोर ये है कि दिशा जी, पूर्वी जी, रोहित जी और पराग जी सब से सब १७ अंकों पर हैं. वाह क्या मुकाबला है...

खोज और आलेख- सुजॉय चटर्जी



ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.

Comments

Anonymous said…
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ये आज किस भाषा में जवाब दिया है Anonymous ने .समझ नहीं आ रहा इतने आसान गीत को सही लिखा है या गलत ।
Parag said…
Suhana safar aur yeh mausam haseen
Disha said…
This post has been removed by the author.
Manju Gupta said…
जवाब है -गोरी तेरा गाँव बडा प्यारा .मैं तो गया मारा आके यहाँ रे .
Disha said…
suhana saphar aur ye mausam hansi
Suhana safar aur yeh mausam haseen -2
Humein darr hai hum kho na jaaye kahin
Suhana safar..

(Yeh kaun hansta hai phoolon mein chhupkar
Bahar bechain hai jiski dhun par) -2
Kahin gungun, kahin runjhun
Ki jaise nache zameen
Suhana safar...

(Yeh gori nadiyon ka chalna uchhalkar
Ki jaise allhad chale pi se milkar) -2
Pyare pyare yeh nazare nisar hai har kahin
Suhana safar...

Ho ho ho ...
(Woh aasman jhuk raha hai zameen par
Yeh milan humne dekha yahin par) -2
Meri duniya, mere sapne milenge shaayad yahin
Suhana safar...
Shamikh Faraz said…
मुझे दिशा जी का जवाब सही लग रहा है.
बी एस पाबला said…
पराग और दिशा जी को बधाई
मन्जु जी
बात मुकेश के गीतों की चल रही है तथा दूसरे अन्तरे में गोरी शब्द होने की है आप तो यशुदास तथा मुखडे मे ही गोरी शब्द वाला गीत ले आईं ।
दिशा जी सही हैं.

संयोग है कि मेरी अगली पोस्ट पर यही गीत डालने की सोच रहा था, और साथ में दोस्त दोस्त ना रहा.

आपको सुहाना सफ़र भेज दूं?

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