सफलता और शोहरत किसी उम्र की मोहताज नहीं होती. अगर हमारी मेहनत और प्रयास सच्चे व सही दिशा में हों तो व्यक्ति किसी भी उम्र में सफलता और शोहरत की बुलंदियों को छू सकता है. सोनू निगम एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने सफलता के कई पायदान पार किये हैं. उन्होंने अपने बहुमुखी व्यक्तित्व को प्रर्दशित किया है. गायन के साथ-साथ सोनू निगम ने अभिनय व माडलिंग भी की है. यद्यपि अभिनय में उन्हें अधिक सफलता नहीं मिली, किन्तु गायन के क्षेत्र में वह शिखर पर विराजित हैं. उन्होंने गायकी छोड़ी नहीं है. वो आज भी संगीतकारों की पहली पसंद हैं. उनकी आवाज में कशिश व गहराई है. वह कई बार गाने के मूड के हिसाब से अपनी आवाज में बदलाव भी लाते हैं जो उनके हरफनमौला गायक होने का परिचय देता है. अपनी पहली एल्बम 'तू' के जरिये वो युवा दिलों के सरताज बन गए थे. उसके बाद उनकी एल्बम 'दीवाना' और 'यादें' आयीं, जिनके गीतों और गायकी की छाप आज भी हमारे जहन में है. अगर सोनू निगम द्वारा गाये गीतों की सूची बनाएं तो पायेंगे कि उन्होंने अपने बेहतरीन अंदाज से सभी गीतों में जान डाल दी है. ऐसा लगता है कि वो गीत सोनू की आवाज के लिए ही बने थे. एक-एक गीत उनकी गायन प्रतिभा को दर्शाता है, और सफलतम गीतों की श्रेणी में अंकित हैं. सोनू की आवाज में 'दर्द, रोमांस, जोश' आदि सभी तत्व मिलते हैं. उनकी आवाज में शास्त्रीय शैली की झलक भी मिलती है. उनकी शास्त्रीय गायन की प्रतिभा को प्रदर्शित करती एक नयी एल्बम आ रही है जिसका नाम है "क्लासिकली माइल्ड" . क्लासिकली माइल्ड रागों पर आधारित एल्बम है. हालांकि सोनू जी का कहना है कि उन्होंने शास्त्रीय संगीत में कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली है. अगर हम इस बात को ध्यान में रखें तो यह बहुत ही बढ़िया और मधुर एल्बम है जो सोनू की प्रतिभा को बखूबी दर्शाती है. इस एल्बम में आठ गीत है और सभी के बोल बहुत अच्छे हैं. अजय जिन्गारान हैं एल्बम के गीतकार और संगीत तैयार किया है दीपक पंडित ने.
सोचता हूँ मैं
यह एल्बम का पहला गीत है और राग सिंध भैरवी पर आधारित है. इस गाने में फिलोसिफी नजर आती है. बहुत ही सरल शब्दों में गायक ने जीवन से जुड़े प्रश्नों को कहा है 'तन पर उम्र का घेरा क्यों है? सदियों से यह राज छुपा है.' जो सभी को सोचने के लिए विवश करते हैं. ड्रम्स, गिटार तथा पियानो का प्रयोग शास्त्रीय संगीत को आधुनिक ढंग से प्रस्तुत करते है.
भीगे भीगे
यह गाना बहुत ही परम्परागत लगता है. इसमें सोनू निगम ने कई स्थान पर आलाप लिए है जो बहुत ही अच्छे सुनाई देते है. यह एक सुन्दर रोमांटिक गाना है जो राग अहीर भैरव, पुरिया धनश्री और ललित पर आधारित है. पूरे गीत में गिटार और पियानो का प्रयोग है बीच में हारमोनियम का प्रयोग इसे और आकर्षक बना देता है.
सूना सूना
एक बहुत ही भावपूर्ण गीत जो देश से दूर गए व्यक्ति को लौट आने का सन्देश देता है. कहता है की देश की हवाएं, मिटटी सब तुझे बुला रही है तेरे बिना सब कुछ सूना है. पहली बार सुनने में शायद यह गीत किसी को न भाये लेकिन दो या तीन बार में जब भाव समझ आने लगता है तो गीत दिल के करीब लगता है. यह गीत राग देश, जैजैवंती और मिश्र पटदीप के मिश्रित रूप पर आधारित है. इस गीत में ड्रम के साथ मृदंग का प्रयोग भी किया गया है. अपने आप में जिंदगी से भरा हुआ गीत लगता है.
सुरतिया मतवाली
यह गीत राग काफी पर आधारित है. इस गीत में गायकी, संगीत, बोल आदि सभी कुछ बहुत बढ़िया है. यह गाना एक भाव उत्पन्न करता है. सभी वाद्य यंत्रों का बहुत सुन्दरता से प्रयोग किया गया है. पियानो और बांसुरी की जुगलबंदी मधुर सुनाई देती है.
छलकी छलकी
यह एक बहुत ही रोमांटिक गीत है साथ ही एक सुन्दर कल्पना को जन्म देता हुआ प्रतीत होता है. बेमिसाल गायकी का प्रदर्शन है. सोनू निगम ने एक ही लाइन को अलग जगह पर अलग तरह से गाया है जो उनके प्रतिभाशाली होने का सबूत है. गीत के बोल 'छलकी छलकी चांदनी में, गाती है दीवानगी. बीते जो बाँहों में तेरे, वोह पल है जिंदगी' मन के तारों को छेड़ जाते हैं उस पर सोनू की गायकी का अंदाज गीत की कल्पना और रोमांस को और बड़ा देता है. यह गीत राग मिश्र सारंग, मिश्र खमाज और बिहाग पर आधारित है. गीत के बोल परंपरागत होते हुए भी आधुनिक संगीत और संसार से जुड़े दिखते हैं.
धन्य धन्य
यह एक बहुत ही मधुर और भावपूर्ण गीत है. इस गीत द्वारा नारी के विभिन्न रूपों को को तथा उसके त्याग को प्रस्तुत किया गया है. बोल और संगीत दोनों ही बेजोड़ हैं. इस गीत को सुन शायद सभी नारियां भावुक हो जाएँ. यह गीत राग मांड पर आधारित है. गाने की शुरुवात और अंत में शहनाई का प्रयोग बेमिसाल है.
लम्हा लम्हा
इस गीत को भी हम मधुर और मन को छूने वाले गीतों में शामिल कर सकते हैं. गीत सन्देश पूर्ण है जो जीने की राह दिखाता है. इसके बोल 'आओ यह पल महकाएं और जीवन को जीना सिखलाएँ' उपदेशात्मक से लगते हैं. यह गीत राग बिलावल पर पर आधारित है और इसमें हिन्दुस्तानी तथा कर्नाटक शैली की मिश्रित झलक दिखती है.
ऐ दिल मत रो
इस गीत के बोल से ही पता लगता है की यह एक दुख भरा गीत है. सोनू की आवाज में दर्द साफ झलकता है. यह गीत राग लोग कौंस पर आधारित है और ग़ज़ल का एहसास भी देता है. सोनू की गायकी बढ़िया है.
सोनू निगम की यह खासियत है की वो अपनी आवाज के साथ प्रयोग करते है और सफल भी होते है. हो सकता है 'क्लासिकली माइल्ड' एल्बम उन लोगों को कम समझ आये जिन्हें शास्त्रीय संगीत का ज्ञान नहीं या जिन्होनें सोनू को सिर्फ रोमांटिक और लाइट गीत गाते सुना है. वैसे यह एल्बम पूरी तरह शास्त्रीय संगीत पर आधारित नहीं है. इसमें हम शास्त्रीय और आधुनिक दोनों संगीतों का सुन्दर समायोजन पायेंगे. यह एल्बम पहली बार सुनने में आपको न छू पाए लेकिन दो बार, तीन बार सुनने पर इसका असर शुरू होता है जो गहरा है.
प्रस्तुति - दीपाली तिवारी "दिशा"
"रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत" एक शृंखला है कुछ बेहद दुर्लभ गीतों के संकलन की. कुछ ऐसे गीत जो अमूमन कहीं सुनने को नहीं मिलते, या फिर ऐसे गीत जिन्हें पर्याप्त प्रचार नहीं मिल पाया और अच्छे होने के बावजूद एक बड़े श्रोता वर्ग तक वो नहीं पहुँच पाया. ये गीत नए भी हो सकते हैं और पुराने भी. आवाज़ के बहुत से ऐसे नियमित श्रोता हैं जो न सिर्फ संगीत प्रेमी हैं बल्कि उनके पास अपने पसंदीदा संगीत का एक विशाल खजाना भी उपलब्ध है. इस स्तम्भ के माध्यम से हम उनका परिचय आप सब से करवाते रहेंगें. और सुनवाते रहेंगें उनके संकलन के वो अनूठे गीत. यदि आपके पास भी हैं कुछ ऐसे अनमोल गीत और उन्हें आप अपने जैसे अन्य संगीत प्रेमियों के साथ बाँटना चाहते हैं, तो हमें लिखिए. यदि कोई ख़ास गीत ऐसा है जिसे आप ढूंढ रहे हैं तो उनकी फरमाईश भी यहाँ रख सकते हैं. हो सकता है किसी रसिक के पास वो गीत हो जिसे आप खोज रहे हों.
सोचता हूँ मैं
यह एल्बम का पहला गीत है और राग सिंध भैरवी पर आधारित है. इस गाने में फिलोसिफी नजर आती है. बहुत ही सरल शब्दों में गायक ने जीवन से जुड़े प्रश्नों को कहा है 'तन पर उम्र का घेरा क्यों है? सदियों से यह राज छुपा है.' जो सभी को सोचने के लिए विवश करते हैं. ड्रम्स, गिटार तथा पियानो का प्रयोग शास्त्रीय संगीत को आधुनिक ढंग से प्रस्तुत करते है.
भीगे भीगे
यह गाना बहुत ही परम्परागत लगता है. इसमें सोनू निगम ने कई स्थान पर आलाप लिए है जो बहुत ही अच्छे सुनाई देते है. यह एक सुन्दर रोमांटिक गाना है जो राग अहीर भैरव, पुरिया धनश्री और ललित पर आधारित है. पूरे गीत में गिटार और पियानो का प्रयोग है बीच में हारमोनियम का प्रयोग इसे और आकर्षक बना देता है.
सूना सूना
एक बहुत ही भावपूर्ण गीत जो देश से दूर गए व्यक्ति को लौट आने का सन्देश देता है. कहता है की देश की हवाएं, मिटटी सब तुझे बुला रही है तेरे बिना सब कुछ सूना है. पहली बार सुनने में शायद यह गीत किसी को न भाये लेकिन दो या तीन बार में जब भाव समझ आने लगता है तो गीत दिल के करीब लगता है. यह गीत राग देश, जैजैवंती और मिश्र पटदीप के मिश्रित रूप पर आधारित है. इस गीत में ड्रम के साथ मृदंग का प्रयोग भी किया गया है. अपने आप में जिंदगी से भरा हुआ गीत लगता है.
सुरतिया मतवाली
यह गीत राग काफी पर आधारित है. इस गीत में गायकी, संगीत, बोल आदि सभी कुछ बहुत बढ़िया है. यह गाना एक भाव उत्पन्न करता है. सभी वाद्य यंत्रों का बहुत सुन्दरता से प्रयोग किया गया है. पियानो और बांसुरी की जुगलबंदी मधुर सुनाई देती है.
छलकी छलकी
यह एक बहुत ही रोमांटिक गीत है साथ ही एक सुन्दर कल्पना को जन्म देता हुआ प्रतीत होता है. बेमिसाल गायकी का प्रदर्शन है. सोनू निगम ने एक ही लाइन को अलग जगह पर अलग तरह से गाया है जो उनके प्रतिभाशाली होने का सबूत है. गीत के बोल 'छलकी छलकी चांदनी में, गाती है दीवानगी. बीते जो बाँहों में तेरे, वोह पल है जिंदगी' मन के तारों को छेड़ जाते हैं उस पर सोनू की गायकी का अंदाज गीत की कल्पना और रोमांस को और बड़ा देता है. यह गीत राग मिश्र सारंग, मिश्र खमाज और बिहाग पर आधारित है. गीत के बोल परंपरागत होते हुए भी आधुनिक संगीत और संसार से जुड़े दिखते हैं.
धन्य धन्य
यह एक बहुत ही मधुर और भावपूर्ण गीत है. इस गीत द्वारा नारी के विभिन्न रूपों को को तथा उसके त्याग को प्रस्तुत किया गया है. बोल और संगीत दोनों ही बेजोड़ हैं. इस गीत को सुन शायद सभी नारियां भावुक हो जाएँ. यह गीत राग मांड पर आधारित है. गाने की शुरुवात और अंत में शहनाई का प्रयोग बेमिसाल है.
लम्हा लम्हा
इस गीत को भी हम मधुर और मन को छूने वाले गीतों में शामिल कर सकते हैं. गीत सन्देश पूर्ण है जो जीने की राह दिखाता है. इसके बोल 'आओ यह पल महकाएं और जीवन को जीना सिखलाएँ' उपदेशात्मक से लगते हैं. यह गीत राग बिलावल पर पर आधारित है और इसमें हिन्दुस्तानी तथा कर्नाटक शैली की मिश्रित झलक दिखती है.
ऐ दिल मत रो
इस गीत के बोल से ही पता लगता है की यह एक दुख भरा गीत है. सोनू की आवाज में दर्द साफ झलकता है. यह गीत राग लोग कौंस पर आधारित है और ग़ज़ल का एहसास भी देता है. सोनू की गायकी बढ़िया है.
सोनू निगम की यह खासियत है की वो अपनी आवाज के साथ प्रयोग करते है और सफल भी होते है. हो सकता है 'क्लासिकली माइल्ड' एल्बम उन लोगों को कम समझ आये जिन्हें शास्त्रीय संगीत का ज्ञान नहीं या जिन्होनें सोनू को सिर्फ रोमांटिक और लाइट गीत गाते सुना है. वैसे यह एल्बम पूरी तरह शास्त्रीय संगीत पर आधारित नहीं है. इसमें हम शास्त्रीय और आधुनिक दोनों संगीतों का सुन्दर समायोजन पायेंगे. यह एल्बम पहली बार सुनने में आपको न छू पाए लेकिन दो बार, तीन बार सुनने पर इसका असर शुरू होता है जो गहरा है.
प्रस्तुति - दीपाली तिवारी "दिशा"
"रविवार सुबह की कॉफी और कुछ दुर्लभ गीत" एक शृंखला है कुछ बेहद दुर्लभ गीतों के संकलन की. कुछ ऐसे गीत जो अमूमन कहीं सुनने को नहीं मिलते, या फिर ऐसे गीत जिन्हें पर्याप्त प्रचार नहीं मिल पाया और अच्छे होने के बावजूद एक बड़े श्रोता वर्ग तक वो नहीं पहुँच पाया. ये गीत नए भी हो सकते हैं और पुराने भी. आवाज़ के बहुत से ऐसे नियमित श्रोता हैं जो न सिर्फ संगीत प्रेमी हैं बल्कि उनके पास अपने पसंदीदा संगीत का एक विशाल खजाना भी उपलब्ध है. इस स्तम्भ के माध्यम से हम उनका परिचय आप सब से करवाते रहेंगें. और सुनवाते रहेंगें उनके संकलन के वो अनूठे गीत. यदि आपके पास भी हैं कुछ ऐसे अनमोल गीत और उन्हें आप अपने जैसे अन्य संगीत प्रेमियों के साथ बाँटना चाहते हैं, तो हमें लिखिए. यदि कोई ख़ास गीत ऐसा है जिसे आप ढूंढ रहे हैं तो उनकी फरमाईश भी यहाँ रख सकते हैं. हो सकता है किसी रसिक के पास वो गीत हो जिसे आप खोज रहे हों.
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दिशा जी को शानदार प्रस्तुति के लिए बधाई.