दोस्तों आज दिन है महफिल-ए-ग़ज़ल का. पर जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस को अपने परिवार से साथ मनाने के उद्देश्य से हमारे होस्ट विश्व दीपक तन्हा जी कुछ दिनों की छुट्टी पर हैं. वो लौटेंगें नयी महफिल के साथ अगले शुक्रवार को. तब तक क्यों हम इस अवसर का भी सदुपयोग कर लें. झाँक कर देखें पिछली महफिलों में और सुनें एक बार फिर उन ग़ज़लों को जिनसे आबाद हुई अब तक ये महफिल -
नुसरत फतह अली खान
गुलाम अली
जगजीत सिंह
तलत अज़ीज़
मास्टर मदन
मेहदी हसन
आबिदा परवीन
बेगम अख्तर
पीनाज़ मसानी
इकबाल बानो
सुरेश वाडेकर
रुना लैला
हरिहरन
छाया गांगुली
आशा भोंसले
चित्रा सिंह
मोहम्मद रफी
मन्ना डे
अभी तो हैं और भी बेशकीमती नगीने जिनसे सजेंगी आने वाले दिनों में ये महफिलें...तब तक घूम आयें आज इन फनकारों से सजी इन बीती पोस्टों पर और सुनें इन अनमोल आवाजों की रूहानी दास्ताँ को.
नुसरत फतह अली खान
गुलाम अली
जगजीत सिंह
तलत अज़ीज़
मास्टर मदन
मेहदी हसन
आबिदा परवीन
बेगम अख्तर
पीनाज़ मसानी
इकबाल बानो
सुरेश वाडेकर
रुना लैला
हरिहरन
छाया गांगुली
आशा भोंसले
चित्रा सिंह
मोहम्मद रफी
मन्ना डे
अभी तो हैं और भी बेशकीमती नगीने जिनसे सजेंगी आने वाले दिनों में ये महफिलें...तब तक घूम आयें आज इन फनकारों से सजी इन बीती पोस्टों पर और सुनें इन अनमोल आवाजों की रूहानी दास्ताँ को.
Comments
स्वतंत्रता दिवस की बधाई..