शब्दों की चाक पर - एपिसोड 04
शब्दों की चाक पर हमारे कवि मित्रों के लिए हर हफ्ते होती है एक नयी चुनौती, रचनात्मकता को संवारने के लिए मौजूद होती है नयी संभावनाएँ और खुद को परखने और साबित करने के लिए तैयार मिलता है एक और रण का मैदान. यहाँ श्रोताओं के लिए भी हैं कवि मन की कोमल भावनाओं उमड़ता घुमड़ता मेघ समूह जो जब आवाज़ में ढलकर बरसता है तो ह्रदय की सूक्ष्म इन्द्रियों को ठडक से भर जाता है. तो दोस्तों, इससे पहले कि हम पिछले हफ्ते की कविताओं को आत्मसात करें, आईये जान लें इस दिलचस्प खेल के नियम -

1. कार्यक्रम की क्रिएटिव हेड रश्मि प्रभा के संचालन में शब्दों का एक दिलचस्प खेल खेला जायेगा. इसमें कवियों को कोई एक थीम शब्द या चित्र दिया जायेगा जिस पर उन्हें कविता रचनी होगी...ये सिलसिला सोमवार सुबह से शुरू होगा और गुरूवार शाम तक चलेगा, जो भी कवि इसमें हिस्सा लेना चाहें वो रश्मि जी से संपर्क कर उनके फेसबुक ग्रुप में जुड सकते हैं, रश्मि जी का प्रोफाईल यहाँ है.
2. सोमवार से गुरूवार तक आई कविताओं को संकलित कर हमारे पोडकास्ट टीम के हेड पिट्सबर्ग से अनुराग शर्मा जी अपने साथी पोडकास्टरों के साथ इन कविताओं में अपनी आवाज़ भरेंगें. और अपने दिलचस्प अंदाज़ में इसे पेश करेगें.
3. हर मंगलवार सुबह ९ से १० के बीच हम इसे अपलोड करेंगें आपके इस प्रिय जाल स्थल पर. अब शुरू होता है कार्यक्रम का दूसरा चरण. मंगलवार को इस पोडकास्ट के प्रसारण के तुरंत बाद से हमारे प्रिय श्रोता सुनी हुई कविताओं में से अपनी पसंद की कविता को वोट दे सकेंगें. सिर्फ कवियों का नाम न लिखें बल्कि ये भी बताएं कि अमुख कविता आपको क्यों सबसे बेहतर लगी. आपके वोट और हमारी टीम का निर्णय मिलकर फैसला करेंगें इस बात का कि कौन है हमारे सप्ताह का सरताज कवि.

(नीचे दिए गए किसी भी प्लेयेर से सुनें)
या फिर यहाँ से डाउनलोड कर सुने
16 टिप्पणियां:
सरताज कवि की कविता के साथ साथ मुझे राजेश कुमारी जी की कविता (झेलम वाली) भी बेहद पसंद आई...
शब्दों के अंकुर , कविताओं की कोपलें और आवाज़ ......... सोंधी सी मुग्धता छाई हुई है
सजीव सारथि जी बहुत बहुत हार्दिक आभार आपके दिल को मेरी कविता छू सकी| यहाँ सभी ने अपने अपने दिलों के सुन्दर भावों कि मानों बरसात ही करदी जिनको सुन सुनकर ही मन मयूर झूम रहा है उसके ऊपर खूबसूरत आवाजों का संयोजन बीच में लता जी का सुन्दर गीत बेहद उत्कृष्ट शानदार प्रस्तुति
धीरे धीरे निखार आता जा रहा है
25 शब्दों को लेकर जब लेखनी ने कल्पना की उड़ान भरी तो हम किस-किस लोक में विचरण न कर आए!
सभी कविताएँ अत्यंत खूबसूरत और आप लोगों के सुर और संगीत ने तो प्रस्तुति में चार चाँद लगा दिए!
आभार रश्मि जी, संजीव जी और कविताओं को सुर देने वाले कलाकारों का।
वाह बहुत बहुत बढ़िया ...सुन्दर यादगार बन गयी यह कवितायें शुक्रिया..सजीव जी ,अनुराग जी ,रश्मि जी ,अभिषेक ...
सजीव जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति..अभिषेक जी अनुराग जी आप सभी को बधाई !
डॉ सरस्वती माथुर
सजीव जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति..अभिषेक जी अनुराग जी आप सभी को बधाई !
डॉ सरस्वती माथुर
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ... इस प्रयास के लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं ... कार्यक्रम की सफलता के लिए अनंत शुभकामनाएं ...
कल 27/06/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
''आज कुछ बातें कर लें''
पूरी टीम बधाई की पात्र है ………हमे शामिल करने के लिये हार्दिक आभार्।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...पूरी टीम को हार्दिक बधाई....सभी रचनायें बहुत प्रभावी..
सोंधी और सार्थक पहल
बहुत सुन्दर
BEHTAREEN PRAYAS:)
आपकी पोस्ट पढी ,मन को भाई ,हमने चर्चाई , आकर देख न सकें आप , हाय इत्ते तो नहीं है हरज़ाई , इसी टीप को क्लिकिये और पहुंचिए आज के बुलेटिन पन्ने पर
सुन्दर प्रस्तुति..मेरी कविता को शामिल करने हेतु,आभार!!
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