मैदान है हरा, भीड़ से भरा खेलने चल दिए ग्यारह....और रोमांच से भरे कई मुकाबले हम अब तक इस वर्ल्ड कप में देख ही चुके हैं
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 606/2010/306
'ओल्ड इज़ गोल्ड' के एक नए सप्ताह के साथ हम हाज़िर हैं दोस्तों। सप्ताह नया ज़रूर है, लेकिन चर्चा वही है जो पिछले सप्ताह रही, यानी क्रिकेट विश्वकप की। 'खेल खेल में' लघु शृंखला में आइए आज सब से पहले बात करते हैं विश्वकप ट्रॊफ़ी की। ICC क्रिकेट विश्वकप की ट्रॊफ़ी एक रनिंग् ट्रॊफ़ी है जो विजयी टीम को दी जाती है। इसका डिज़ाइन गरार्ड ऐण्ड कंपनी ने दो महीने के अंदर किया था। असली ट्रॊफ़ी को ICC के दुबई हेडक्वार्टर्स में सुरक्षित रखा गया है जब कि विजयी दल को इसकी एक प्रति दी जाती है। असली और प्रति में फ़र्क बस इतना है कि असली ट्रॊफ़ी में पूर्व विजयी देशों के नाम खुदाई किए हुए है। और अब २०११ विश्वकप के प्राइज़ मनी की बात हो जाए! २०११ क्रिकेट विश्वकप का विजयी दल अपने साथ घर ले जाएगा ३ मिलियन अमरीकी डॊलर्स; रनर-अप को मिलेंगे १.५ मिलियन अमरीकी डॊलर्स। लेकिन सुनने में आया है कि ICC इस राशी को दुगुना करने वाली हैं इसी विश्वकप में। यह निर्णय दुबई में २० अप्रैल २०१० के ICC बोर्ड मीटिंग् में लिया गया था। २०११ विश्वकप में १८ अम्पायर खेलों का संचालन कर रहे हैं, और इनके अतिरिक्त एक रिज़र्व अम्पायर एनामुल हक़ को भी रखा गया है। २०११ विश्वकप में अम्पायरिंग् करने वाले अम्पायरों के नाम इस प्रकार है:
ऒस्ट्रेलिया - सायमन टॊफ़ेल, स्टीव डेविस, रॊड टकर, डैरील हार्पर, ब्रुस ऒग्ज़ेनफ़ोर्ड
न्यु ज़ीलैण्ड - बिली बाउडेन, टॊनी हिल
दक्षिण अफ़्रीका - मराइस एरस्मस
पाकिस्तान - अलीम दर, असद रौफ़
भारत - शवीर तारापुर, अमिष साहेबा
इंगलैण्ड - इयान गूल्ड, रिचार्ड केटलबोरो, नाइजेल लॊंग्
श्रीलंका - अशोक डी'सिल्वा, कुमार धर्मसेना
वेस्ट इंडीज़ - बिली डॊट्रोव
दोस्तों, क्रिकेट पर बनने वाली फ़िल्मों की जब बात आती है, तो जिन चंद फ़िल्मों के नाम सब से पहले ज़ुबान पर आते हैं, वो हैं 'मालामाल', 'ऒल राउण्डर', 'अव्वल नंबर', 'लगान', 'इक़बाल' और 'हैट्रिक'। हाल में रिलीज़ हुई 'पटियाला हाउस' भी इसी श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवाने वाली है। ये सभी फ़िल्में उस दौर की हैं कि जब फ़िल्म संगीत का सुनहरा युग बीत चुका था। लेकिन दोस्तों, क्योंकि यह शृंखला २०११ क्रिकेट विश्वकप को केन्द्रबिंदु में रख कर प्रस्तुत किया जा रहा है, ऐसे में अगर एक गीत हम क्रिकेट के नाम ना करें तो कुछ मज़ा नहीं आ रहा। इसलिए आज के अंक के लिए हमने चुना है १९९० की फ़िल्म 'अव्वल नंबर' का एक गीत, जिसके बोल हैं "ये है क्रिकेट"। वैसे दोस्तों, ५० के दशक में कम से कम एक फ़िल्म ऐसी ज़रूर आयी थी जिसमें क्रिकेट खेल पर एक गीत था। आगे चलकर इस गीत को हम शामिल करेंगे एक ख़ास प्रस्तुति के रूप में। वापस आते हैं 'अव्वल नंबर' पर। 'अव्वल नंबर' देव आनंद की फ़िल्म थी, निर्देशन भी उनका ही था, और जिसमें उनके अलावा अभिनय किया था आमिर ख़ान, आदित्य पंचोली, एक्ता सोहिनी और नीता पुरी प्रमुख। फ़िल्म की कहानी क्रिकेट और क्रिकेटर्स पर ही केन्द्रित थी जिसे लिखा भी देव साहब ने ही था। फ़िल्म में संगीत था बप्पी लाहिड़ी का और फ़िल्म के तमाम गानें ख़ूब चले थे उस ज़माने में। अगर आपको याद नहीं आ रहा तो इस फ़िल्म का सब से हिट गीत था "पूछो ना कैसा मज़ा आ रहा है", अमित कुमार और एस. जानकी की आवाज़ों में। आज का प्रस्तुत गीत गाया है बप्पी लाहिड़ी, अमित कुमार और उदित नारायण ने। इस फ़िल्म में आमिर ख़ान का प्लेबैक अमित कुमार ने किया था, लेकिन इस गीत में अमित कुमार बने आदित्य पंचोली की आवाज़ और देव साहब के लिए गाया बप्पी दा ने। 'क़यामत से क़यामत तक' से आमिर ख़ान की आवाज़ बने उदित नारायण ने इस गीत में भी उनके लिए ही गाया था। "मैदान है हरा, भीड़ से भरा, खेलने चल दिए हैं ग्यारह, विकेट है गड़े, तैयार हम खड़े, खेल शुरु होगा पौने ग्यारह, ये है क्रिकेट, ये है क्रिकेट"। तो लीजिए क्रिकेट फ़ीवर को बरकरार रखते हुए सुनते हैं आज का यह गीत जिसे लिखा है गीतकार अमित खन्ना ने।
क्या आप जानते हैं...
कि १९९० और २००० के दशकों में देव आनंद ने जिन फ़िल्मों का निर्माण किया था, उनके नाम हैं - अव्वल नंबर (१९९०), प्यार का तराना (१९९३), गैंगस्टर (१९९४); मैं सोलह बरस की (१९९८), सेन्सर (२००१), लव ऐट टाइम्स स्कुएर (२००३), मिस्टर प्राइम मिनिस्टर (२००५), और चार्जशीट (२००९)।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 07/शृंखला 11
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - आसान है.
सवाल १ - किस खूबसूरत अभिनेत्री पर है ये गीत - २ अंक
सवाल २ - फिल्म के निर्देशक कौन हैं - ३ अंक
सवाल ३ - गीतकार बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
वही जबरदस्त मुकाबला जारी है....शानदार
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
'ओल्ड इज़ गोल्ड' के एक नए सप्ताह के साथ हम हाज़िर हैं दोस्तों। सप्ताह नया ज़रूर है, लेकिन चर्चा वही है जो पिछले सप्ताह रही, यानी क्रिकेट विश्वकप की। 'खेल खेल में' लघु शृंखला में आइए आज सब से पहले बात करते हैं विश्वकप ट्रॊफ़ी की। ICC क्रिकेट विश्वकप की ट्रॊफ़ी एक रनिंग् ट्रॊफ़ी है जो विजयी टीम को दी जाती है। इसका डिज़ाइन गरार्ड ऐण्ड कंपनी ने दो महीने के अंदर किया था। असली ट्रॊफ़ी को ICC के दुबई हेडक्वार्टर्स में सुरक्षित रखा गया है जब कि विजयी दल को इसकी एक प्रति दी जाती है। असली और प्रति में फ़र्क बस इतना है कि असली ट्रॊफ़ी में पूर्व विजयी देशों के नाम खुदाई किए हुए है। और अब २०११ विश्वकप के प्राइज़ मनी की बात हो जाए! २०११ क्रिकेट विश्वकप का विजयी दल अपने साथ घर ले जाएगा ३ मिलियन अमरीकी डॊलर्स; रनर-अप को मिलेंगे १.५ मिलियन अमरीकी डॊलर्स। लेकिन सुनने में आया है कि ICC इस राशी को दुगुना करने वाली हैं इसी विश्वकप में। यह निर्णय दुबई में २० अप्रैल २०१० के ICC बोर्ड मीटिंग् में लिया गया था। २०११ विश्वकप में १८ अम्पायर खेलों का संचालन कर रहे हैं, और इनके अतिरिक्त एक रिज़र्व अम्पायर एनामुल हक़ को भी रखा गया है। २०११ विश्वकप में अम्पायरिंग् करने वाले अम्पायरों के नाम इस प्रकार है:
ऒस्ट्रेलिया - सायमन टॊफ़ेल, स्टीव डेविस, रॊड टकर, डैरील हार्पर, ब्रुस ऒग्ज़ेनफ़ोर्ड
न्यु ज़ीलैण्ड - बिली बाउडेन, टॊनी हिल
दक्षिण अफ़्रीका - मराइस एरस्मस
पाकिस्तान - अलीम दर, असद रौफ़
भारत - शवीर तारापुर, अमिष साहेबा
इंगलैण्ड - इयान गूल्ड, रिचार्ड केटलबोरो, नाइजेल लॊंग्
श्रीलंका - अशोक डी'सिल्वा, कुमार धर्मसेना
वेस्ट इंडीज़ - बिली डॊट्रोव
दोस्तों, क्रिकेट पर बनने वाली फ़िल्मों की जब बात आती है, तो जिन चंद फ़िल्मों के नाम सब से पहले ज़ुबान पर आते हैं, वो हैं 'मालामाल', 'ऒल राउण्डर', 'अव्वल नंबर', 'लगान', 'इक़बाल' और 'हैट्रिक'। हाल में रिलीज़ हुई 'पटियाला हाउस' भी इसी श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवाने वाली है। ये सभी फ़िल्में उस दौर की हैं कि जब फ़िल्म संगीत का सुनहरा युग बीत चुका था। लेकिन दोस्तों, क्योंकि यह शृंखला २०११ क्रिकेट विश्वकप को केन्द्रबिंदु में रख कर प्रस्तुत किया जा रहा है, ऐसे में अगर एक गीत हम क्रिकेट के नाम ना करें तो कुछ मज़ा नहीं आ रहा। इसलिए आज के अंक के लिए हमने चुना है १९९० की फ़िल्म 'अव्वल नंबर' का एक गीत, जिसके बोल हैं "ये है क्रिकेट"। वैसे दोस्तों, ५० के दशक में कम से कम एक फ़िल्म ऐसी ज़रूर आयी थी जिसमें क्रिकेट खेल पर एक गीत था। आगे चलकर इस गीत को हम शामिल करेंगे एक ख़ास प्रस्तुति के रूप में। वापस आते हैं 'अव्वल नंबर' पर। 'अव्वल नंबर' देव आनंद की फ़िल्म थी, निर्देशन भी उनका ही था, और जिसमें उनके अलावा अभिनय किया था आमिर ख़ान, आदित्य पंचोली, एक्ता सोहिनी और नीता पुरी प्रमुख। फ़िल्म की कहानी क्रिकेट और क्रिकेटर्स पर ही केन्द्रित थी जिसे लिखा भी देव साहब ने ही था। फ़िल्म में संगीत था बप्पी लाहिड़ी का और फ़िल्म के तमाम गानें ख़ूब चले थे उस ज़माने में। अगर आपको याद नहीं आ रहा तो इस फ़िल्म का सब से हिट गीत था "पूछो ना कैसा मज़ा आ रहा है", अमित कुमार और एस. जानकी की आवाज़ों में। आज का प्रस्तुत गीत गाया है बप्पी लाहिड़ी, अमित कुमार और उदित नारायण ने। इस फ़िल्म में आमिर ख़ान का प्लेबैक अमित कुमार ने किया था, लेकिन इस गीत में अमित कुमार बने आदित्य पंचोली की आवाज़ और देव साहब के लिए गाया बप्पी दा ने। 'क़यामत से क़यामत तक' से आमिर ख़ान की आवाज़ बने उदित नारायण ने इस गीत में भी उनके लिए ही गाया था। "मैदान है हरा, भीड़ से भरा, खेलने चल दिए हैं ग्यारह, विकेट है गड़े, तैयार हम खड़े, खेल शुरु होगा पौने ग्यारह, ये है क्रिकेट, ये है क्रिकेट"। तो लीजिए क्रिकेट फ़ीवर को बरकरार रखते हुए सुनते हैं आज का यह गीत जिसे लिखा है गीतकार अमित खन्ना ने।
क्या आप जानते हैं...
कि १९९० और २००० के दशकों में देव आनंद ने जिन फ़िल्मों का निर्माण किया था, उनके नाम हैं - अव्वल नंबर (१९९०), प्यार का तराना (१९९३), गैंगस्टर (१९९४); मैं सोलह बरस की (१९९८), सेन्सर (२००१), लव ऐट टाइम्स स्कुएर (२००३), मिस्टर प्राइम मिनिस्टर (२००५), और चार्जशीट (२००९)।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 07/शृंखला 11
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - आसान है.
सवाल १ - किस खूबसूरत अभिनेत्री पर है ये गीत - २ अंक
सवाल २ - फिल्म के निर्देशक कौन हैं - ३ अंक
सवाल ३ - गीतकार बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
वही जबरदस्त मुकाबला जारी है....शानदार
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
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