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नवलेखन पुरस्कार कहानी 'स्वेटर' का पॉडकास्ट

ऑनलाइन अभिनय द्वारा सजी कहानी 'स्वेटर' का प्रसारण

आज से लगभग १५ दिन पहले हमने श्रोताओं को विमल चंद्र पाण्डेय की कहानी 'स्वेटर' में ऑनलाइन अभिनय करने का मौका दिया था। हमें ४ लोगों (नीलम मिश्रा, अभिनव वाजपेयी, शिवानी सिंह और शोभा महेन्द्रू) से रिकर्डिंग प्राप्त हुई। हमारी टीम ने सभी की रिकॉर्डिंग की समीक्षा की और निर्णय लिया कि शोभा महेन्द्रू और शिवानी सिंह की आवाज़ों को मिक्स करके 'स्वेटर' का पॉडकास्ट बनाना उचित होगा। तो उसी पॉडकास्ट के साथ आपके समक्ष उपस्थित हैं। गौरतलब है कि विमल की यह कहानी इस बार के नवलेखन पुरस्कार द्वारा पुरस्कृत कथा-संग्रह 'डर' का हिस्सा है। सभी प्रतिभागियों का बहुत-बहुत शुक्रिया।

अब हम इस ऑनलाइन प्रयास में कितने सफल हुए हैं, ये तो आप ही बतायेंगे।

कहानी- स्वेटर
कहानीकार- विमल चंद्र पाण्डेय
स्वर- शोभा महेन्द्रू एवं शिवानी सिंह

नीचे के प्लेयर से सुनें.

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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)





VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis


आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें।

#Vocal Story with expressions, Sweator: Vimal Chandra Pandey/Hindi Audio Book/2008/02. Voice: Shobha Mahendru, Shivani Singh

Comments

चलिए शुरुवात हुई अच्छा है, पर मैं उम्मीद करूँगा की अगली बार तक हमें और भी लोगों का सहयोग मिलेगा और हम और बेहतर नाट्य रूपांतर कर पाएंगे
Bad Luck :( My media is not working... I could not listen
इस अच्छी शुरुवात के लिए सभी को बधाई |


-- अवनीश तिवारी
सुनकर अच्छा लगा - शोभा जी एवं शिवानी जी, इतने भाव-प्रवण संवाद-संप्रेषण के लिए आप दोनों ही बधाई के पात्र हैं. शुभारम्भ है और आगे और बेहतर ही होगा.
बहुत सीमित संसाधनों में बहुत बढ़िया पॉडकास्ट तैयार हुआ है। यदि पुरूषों वाले संवाद पुरूषों से बोलवाये गये होते तो मज़ा आ जाता। शिवानी जी और शोभा जी को प्रसिद्ध कहानियों के भी पॉडकास्ट पर काम करना चाहिए।

आप दोनों को बहुत-बहुत बधाई।
बहुत ही अच्छा प्रयास.दोनों ने ही कहानी को और भी अधिक भावपूर्ण बनादिया है.बाकि शैलेश जी का कहना ठीक है कि पुरुषों के संवाद यदि किसी पुरूष कि आवाज़ में होते तो यह और भी अच्छा होता.फिर भी एक बहुत ही अच्छा प्रयास जिस के लिए आप-सब को बहुत-बहुत बधाई.
पॉडकास्ट सुनाने में थोडी कठिनाई हो रही थी आवाज़ बिच-बिच में बंद हो जा रही thi
neelam said…
male voice ke bina bhi itna jeevant prasaaran
jis jis ne ispe kaam kiya hai ,behad saraahniya hai.
बहुत बेहतरीन कोशिश है यह .. बहुत अच्छा
Anonymous said…
Kudos!
Anonymous said…
Kudos!

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