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जानिये सीमा सिंघल की "सदा" में किन गीतों का निवास है -ब्लोग्गर्स चोयिस में आज

और ब्लॉगर सीमा सिंघल.....डरती हैं पसंद बताते.... :) पसंद तो अपनी ही होती है न. तो ये रही इनकी पसंद -

"मेरी पसन्‍द बस ऐसे ही है...अकेलेपन को एक राह मिल जाती है सुनते हुए "


रूक जाना नहीं तू कहीं हार के .... इस गीत के बोल हमेशा एक प्रेरणा देते से लगते हैं इसलिए ...

 


मधुबन खुश्‍बू देता है .... ये गीत इसलिए भाता है जब किसी के चेहरे पर आपकी वज़ह से खुशी होती है ...

जिन्‍दगी हर कदम इक नई जंग है ... जीवन में जब भी कभी उलझन आती है तो बस इस गीत के बोल एक सूकून देते हैं ...



तेरा मुझसे है पहले का नाता कोई...ये गीत बस अच्‍छा लगता है...कुछ ज्‍यादा नहीं कह सकती...

ना मुंह छिपा के जिओ ... ये गीत सुनने में जितना मधुर है उतना ही एक ऊर्जा भी देता है ...

Comments

vandana gupta said…
्सारे ही गीत बहुत प्यारे हैं और हमे भी पसन्द हैं।
आ. सदा जी की पसंद का जवाब नहीं। एक से बढ़ कर एक गाने हैं सभी।
गानों का आनंद ले रहा हूँ।

सादर
बहुत प्यारे गीत सदा जी
मेरा तुझसे है पहले का नाता कोई....यूँ ही नहीं दिल लुभाता कोई................
जाने तु.......................
या जाने ना............................

:-)
nice choice sada

सस्नेह.

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