गाना: झूमती चली हवा, याद आ गया कोई
चित्रपट:संगीत सम्राट तानसेन
संगीतकार:एस. एन.त्रिपाठी
गीतकार:शैलेन्द्र
स्वर: मुकेश
झूमती चली हवा, याद आ गया कोई
बुझती बुझती आग को, फिर जला गया कोई
झूमती चली हवा ...
खो गई हैं मंज़िलें, मिट गये हैं रास्ते
गर्दिशें ही गर्दिशें, अब हैं मेरे वास्ते
अब हैं मेरे वास्ते
और ऐसे में मुझे, फिर बुला गया कोई
झूमती चली हवा ...
चुप हैं चाँद चाँदनी, चुप ये आसमान है
मीठी मीठी नींद में, सो रहा जहान है
सो रहा जहान है
आज आधी रात को, क्यों जगा गया कोई
झूमती चली हवा ...
एक हूक सी उठी, मैं सिहर के रह गया
दिल को अपने थाम के आह भर के रह गया
चाँदनी की ओट से मुस्कुरा गया कोई
झूमती चली हवा ...
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