सिने-पहेली # 17 (23 अप्रैल, 2012)
नमस्कार दोस्तों, 'सिने पहेली' की १७-वीं कड़ी में मैं, सुजॉय चटर्जी, आप सभी का फिर एक बार स्वागत करता हूँ। दोस्तों, 'सिने पहेली' में इस सप्ताह हमारे साथ तीन प्रतियोगी और जुड़े हैं, इनमें एक हैं नई दिल्ली से शुभ्रा शर्मा (जो आकाशवाणी की जानी-मानी समाचारवाचिका भी हैं), दूसरी हैं दुबई से कृतिका, और तीसरी हैं पटना की राजेश प्रिया। आप तीनों का 'सिने पहेली' में बहुत-बहुत स्वागत है और आपसे अनुरोध करते हैं कि आगे भी नियमित रूप से 'सिने पहेली' में भाग लेते रहिएगा और कोशिश कीजिएगा कि 'सिने पहेली' के महाविजेता बन कर 5000 रुपये का इनाम अपने नाम कर लें। आपके लिए और अन्य सभी नए प्रतियोगियों के लिए 'सिने पहेली' महाविजेता बनने के नियम दोहरा देते हैं। हमने इस प्रतियोगिता को दस-दस कड़ियों के सेगमेण्ट्स में विभाजित किया है (वर्तमान में दूसरा सेगमेण्ट चल रहा है)। इस तरह से १००-वें अंक तक १० सेगमेण्ट्स हो जाएँगे, और हर सेगमेण्ट का एक विजेता घोषित होगा (पहले सेगमेण्ट के विजेता रहे प्रकाश गोविंद)। इस तरह से १० सेगमेण्ट्स के बाद जो सर्वाधिक सेगमेण्ट विजेता होगा, उन्हीं को हम 'सिने पहेली महाविजेता' का पुरस्कार प्रदान करेंगे।
चलिए अब शुरु किया जाए आज की 'सिने पहेली - 17' के सवालों का सिलसिला...
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सवाल-1: बूझो तो जाने
इस श्रेणी में हम आपको कुछ शब्द देंगे जिनका इस्तमाल कर आपको किसी हिन्दी फ़िल्मी गीत का मुखड़ा बनाना है। यानी कि हम आपको किसी गीत के मुखड़े के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को आगे-पीछे करके देंगे, आपको सही मुखड़ा पहचानना है। तो ये रहे आज के गीत के कुछ शब्द; ध्यान से पढ़िए और इन शब्दों को उचित स्थानों पे बिठाकर बताइए कि यह कौन सा गीत है।
सनम, आवाज़, बिन, दिल, सकेंगे, तेरे, जी
सूत्र: इस गीत की गायिका हैं आशा भोसले
सवाल-2: पहचान कौन!
नीचे दिया गया चित्र एक फ़िल्म का पोस्टर है। क्या कलाकारों को देख कर आप अंदाज़ा लगा सकते हैं फ़िल्म के नाम का?
सवाल-3: सुनिये तो...
'सुनिये तो...' में आज आपको सुनवा रहे हैं एक गीत का अंतरा। इसमें लता मंगेशकर की आवाज़ को आप पहचान ही लेंगे। पर क्या आप पुरुष स्वर को पहचान पाए हैं?
सवाल-4: कौन हूँ मैं?
मैं एक फ़िल्म निर्माता-निर्देशक रहा हूँ। मेरा जन्म १९०९ में एक ज़मीनदार परिवार में हुआ था। मैंने अपना फ़िल्मी करीयर न्यू थिएटर्स में एक कैमरा ऐसिस्टैण्ट के रूप में शुरू किया था। इसी दौरान पी. सी. बरुआ की महत्वाकांक्षी फ़िल्म 'देवदास' में मैंने बरुआ के सहायक के रूप में काम किया था। मेरी पहली निर्देशित की हुई फ़िल्म थी १९४४ की एक बंगला फ़िल्म जिसका १९४५ में हिंदी वर्ज़न बना था। मैं १९५२-५३ में बम्बई स्थानान्तरित होकर अपनी निजी फ़िल्म प्रोडक्शन कंपनी खोली, और इस बैनर तले जिस प्रथम फ़िल्म का निर्माण हुआ उस फ़िल्म को आज भारतीय सिनेमा की एक मीलस्तंभ फ़िल्म मानी जाती है, बल्कि भारतीय सिनेमा के १० सर्वश्रेष्ठ फ़िल्मों में गिना जाता है। शुरू-शुरू में मैं उपदेशात्मक सामाजिक फ़िल्में बनाता था, इसलिए १९५८ में जब मैंने पुनर्जनम की कहानी पर एक फ़िल्म बनाई तो मेरी कुछ लोगों ने समालोचना भी की। ५६ वर्ष की आयु में कर्कट रोग से मेरी मृत्यु हुई। मेरी बेटी रिंकी भट्टाचार्य ने मेरी जीवनी प्रकाशित की है। तो फिर बताइए कौन हूँ मैं?
सवाल-5: गीत अपना धुन पराई
और अब पाँचवा और आख़िरी सवाल। सुनिए इस विदेशी धुन को और पहचानिए वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इस धुन से प्रेरित है। बहुत आसान है इस बार।
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तो दोस्तों, हमने पूछ लिए हैं आज के पाँचों सवाल, और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....
१. अगर आपको सभी पाँच सवालों के जवाब मालूम है, फिर तो बहुत अच्छी बात है, पर सभी जवाब अगर मालूम न भी हों, तो भी आप भाग ले सकते हैं, और जितने भी जवाब आप जानते हों, वो हमें लिख भेज सकते हैं।
२. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।
३. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 17" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम, स्थान और पेशा लिखें।
४. आपका ईमेल हमें शुक्रवार 27 अप्रैल तक मिल जाने चाहिए।
है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। जैसा कि हमने शुरु में ही कहा है कि हर सप्ताह हम सही जवाब भेजने वालों के नाम घोषित किया करेंगे, और पचासवे अंक के बाद "महाविजेता" का नाम घोषित किया जाएगा।
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और अब 20 अप्रैल को पूछे गए 'सिने-पहेली # 16' के सवालों के सही जवाब---
1. पहले सवाल का गीत है फ़िल्म 'सरस्वतीचन्द्र' का "फूल तुम्हे भेजा ख़त में, फूल नहीं मेरा दिल है"।
2. 'चित्र-पहेली' में गायिका सुषमा श्रेष्ठ के साथ नज़र आ रहे हैं उन्हीं के पिता व संगीतकार भोला श्रेष्ठ।
3. इस प्रश्न का सही जवाब है फ़िल्म 'दिल तो पागल है'।
4. 'कौन हूँ मैं' का सही जवाब है अभिनेत्री मधुबाला।
5. 'गीत अपना धुन पराई' में जो विदेशी गीत सुनवाया था, उससे प्रेरित हिन्दी गीत है फ़िल्म 'छलिया' का "बाजे पायल छुन छुन होके बेकरार"।
और अब 'सिने पहेली # 16' के विजेताओं के नाम ये रहे -----
1. पंकज मुकेश, बेंगलुरू --- 5 अंक
2. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 5 अंक
3. कृतिका, दुबई --- 4 अंक
4. अमित चावला, दिल्ली --- 4 अंक
5. रीतेश खरे, मुंबई --- 4 अंक
6. शुभ्रा शर्मा, नई दिल्ली --- 3 अंक
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। अंक सम्बंधित अगर आपको किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें। अब जबकि 'सिने पहेली' के दूसरे सेगमेण्ट के १० में से ६ अंकों के परिणाम सामने आ गए हैं, तो क्यों न एक नज़र डाली जाए अब तक के सम्मिलित स्कोर पर। शीर्ष के पाँच प्रतियोगियों के स्कोर ये रहे...
1. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ --- 30 अंक (100%)
2. पंकज मुकेश, बेंगलुरू --- 27 अंक (90%)
'
3. रीतेश खरे, मुंबई --- 25 अंक (83%)
4. क्षिति तिवारी, इंदौर --- 24 अंक (80%)
5. अमित चावला, दिल्ली --- 23 अंक (77%)
इसका मतलब यह हुआ कि पहले सेगमेण्ट की तरह दूसरे सेगमेण्ट में भी प्रकाश गोविंद अब तक सबसे उपर चल रहे हैं। क्षिति तिवारी भी पिछले एपिसोड तक उनसे केवल १ अंक पीछे चल रही थीं, पर एपिसोड-१६ में भाग न लेने की वजह से वो काफ़ी पीछे रह गई हैं। तो अब यह देखना है कि क्या अगले चार एपिसोड्स (१७ से २०) में पंकज मुकेश प्रकाश गोविंद को मात दे पाते हैं या नहीं। हम तो यही उम्मीद करते हैं कि मुकाबला और भी ज़्यादा रोचक हो। हम फिर एक बार उन साथियों से, जिन्होंने अभी तक इस प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया है, अनुरोध करते हैं कि 'सिने पहेली' के सवालों के जवाब भेज कर इस जंग में शामिल जायें, और 5000 रुपये का इनाम अपने नाम कर लें। क्यों किसी और को देना है 5000 रुपये जब आप में काबलीयत है इसे जीतने की? आज बस इतना ही, अगले सप्ताह आपसे इसी स्तंभ में दोबारा मुलाक़ात होगी, तब तक के लिए सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त सुजॉय चटर्जी को, नमस्कार!
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