ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 652/2011/92
'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर कल से हमनें शुरु की है शृंखला 'गान और मुस्कान', जिसके अंतर्गत हम कुछ ऐसे गीत चुन कर लाये हैं जिनमें गायक/गायिका की हँसी सुनाई पड़ती है। दोस्तों, हँसना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। ये न केवल हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि रक्त-चाप को भी काबू में रखता है। तभी तो कहा जाता है कि laughter is the best medicine। और इसीलिए आजकल जगह जगह पर लाफ़्टर-क्लब्स खुले हैं, जिनमें लोग जाकर दिल खोल कर हँसते हैं, बिना किसी कारण के ही सही। जीवन-दर्शन में विपरीत परिस्थितियों में भी हँसने और ख़ुश रहने पर ज़ोर दिया गया है, और यही भाव बहुत से फ़िल्मी गीतों में उभरकर सामने आया है। "हँसते जाना, तुम गाते जाना, ग़म में भी ख़ुशियों के दीप जलाते जाना", "गायेजा गायेजा और मुस्कुरायेजा, जब तक फ़ुर्सत दे ये ज़माना", "ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो, ज़िंदगी गीत है, इसको गाते रहो", "हँसते हँसते कट जायें रस्ते, ज़िंदगी युंही चलती रहे, ख़ुशी मिले या ग़म, बदलेंगे ना हम, दुनिया चाहे बदलती रहे", ऐसे और भी न जाने कितने गीत हैं जिनमें हँसने/मुस्कुराने की बात छुपी है। तो चलिए इसी बात पर आप भी ज़रा मुस्कुरा दीजिए न!
दोस्तों, पिछले दिनों मुझे एक ईमेल मिला था जिसमें यह शिकायत की गई है कि 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर गीता दत्त के गानें कभी नहीं बजते और कुछ गिने चुने गायकों को ही बार बार शामिल किया जाता है। यह सच बात है दोस्तों और हम इसे स्वीकारते हैं कि पिछले कई दिनों से गीता जी की आवाज़ इस स्तंभ में नहीं बज पायी है, जिसका हमें भी अफ़सोस है। शृंखलाएँ ही कुछ इस तरह की चल पड़ीं कि गीता जी के गीत शामिल न हो सके। वैसे हम आप सब की जानकारी के लिए बता दें पिछले साल गीता जी पर दस कड़ियों की शृंखला 'गीतांजली' हमनें प्रस्तुत की है और इसके अलावा भी उनके गाये कई एकल व युगल गीत बजे हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर। अभी कुछ हफ़्ते पहले भी शनिवार विशेषांक में संगीतकार बसंत प्रकाश पर केन्द्रित साक्षात्कार में उनका गाया 'अनारकली' का गीत "आ ऐ जानेवफ़ा" हमनें सुनवाया था, और आगे भी जब भी मौका लगेगा उनकी आवाज़ आप तक ज़रूर पहुँचाएंगे। इसी शृंखला की पहली कड़ी में, यानी कल ही आपनें गीता जी की आवाज़ सुनी आशा जी के साथ। और जहाँ तक कुछ गिने चुने गायकों को बार बार शामिल करने की बात है, तो कुछ गायक हुए ही हैं ऐसे कि जिनके दूसरों के मुकाबले बहुत ज़्यादा हिट गानें हैं। इसलिए ज़ाहिर है कि इनके गीत ज़्यादा बजेंगे, लेकिन यकीन मानिए 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के लिए सभी कलाकार बराबर हैं, सभी कलाकारों का और उनके योगदान का हम सम्मान करते हैं। ख़ैर, आते हैं आज के गीत पर। कल के गीत में गीता जी की हँसी का एक रूप था, लेकिन वह गीत जिसमें शामिल गीता जी की हँसी हमारे दिल को सब से ज़्यादा छू लेती है, वह है फ़िल्म 'अनुभव' का गीत "कोई चुपके से आके, सपने सुलाके, मुझको जगा के बोले, कि मैं आ रहा हूँ, कौन आये, ये मैं कैसे जानू"। संगीतकार कानू रॉय की धुन और गीतकार कपिल कुमार के बोल। इस गीत के एक अंतरे में गीता जी की हँसी सुनाई पड़ती है, और कहना ज़रूरी है कि जब १९७१ में यह फ़िल्म रिलीज़ हो रही थी, तब गीता जी अपने जीवन की कुछ बेहद कठिन दिनों से गुज़र रही थीं। ऐसे में उनके गाये इस गीत में उनकी हँसी उनके वास्तविक जीवन से बिल्कुल विपरीत, एक जैसे विरोधाभास कराती है। और इसके अगले ही साल गीता जी की मृत्यु हो गई। इस गीत को जब भी कभी हम सुनते हैं, तो गीता जी की हँसी सुन कर मन प्रसन्न होने की बजाय उनके लिए मन जैसे दर्द से भर उठता है। चुपके से किसी के आने की लालसा लिए इस गीत नें जैसे काल को ही दावत दे दी थी!
क्या आप जानते हैं...
कि गीतकार कपिल कुमार 'अनुभव' के अलावा 'आविष्कार' फ़िल्म में भी गीत लिखे थे, जिसमें भी संगीतकार कानू रॉय ही थे।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 02/शृंखला 16
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - बेहद आसान.
सवाल १ - किस नायिका पर फिलमाया गया है ये गीत - ३ अंक
सवाल २ - फिल्म के निर्देशक कौन हैं - २ अंक
सवाल ३ - गायिका का नाम बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
अमित जी चूक गए आप, अनजाना जी सही जवाब देकर ३ अंक चुरा ले गए. प्रतीक जी ने भी ठीक ६.३० पर जवाब दिया पर २ अंकों के सवाल ही हाथ आजमाया, आपको और दीप चंद्रा जी जो शायद पहली बार आये थे सही जवाब के लिए बधाई, हिन्दुस्तानी जी जरा से चूक गए आप भी.
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर कल से हमनें शुरु की है शृंखला 'गान और मुस्कान', जिसके अंतर्गत हम कुछ ऐसे गीत चुन कर लाये हैं जिनमें गायक/गायिका की हँसी सुनाई पड़ती है। दोस्तों, हँसना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है। ये न केवल हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि रक्त-चाप को भी काबू में रखता है। तभी तो कहा जाता है कि laughter is the best medicine। और इसीलिए आजकल जगह जगह पर लाफ़्टर-क्लब्स खुले हैं, जिनमें लोग जाकर दिल खोल कर हँसते हैं, बिना किसी कारण के ही सही। जीवन-दर्शन में विपरीत परिस्थितियों में भी हँसने और ख़ुश रहने पर ज़ोर दिया गया है, और यही भाव बहुत से फ़िल्मी गीतों में उभरकर सामने आया है। "हँसते जाना, तुम गाते जाना, ग़म में भी ख़ुशियों के दीप जलाते जाना", "गायेजा गायेजा और मुस्कुरायेजा, जब तक फ़ुर्सत दे ये ज़माना", "ग़म छुपाते रहो, मुस्कुराते रहो, ज़िंदगी गीत है, इसको गाते रहो", "हँसते हँसते कट जायें रस्ते, ज़िंदगी युंही चलती रहे, ख़ुशी मिले या ग़म, बदलेंगे ना हम, दुनिया चाहे बदलती रहे", ऐसे और भी न जाने कितने गीत हैं जिनमें हँसने/मुस्कुराने की बात छुपी है। तो चलिए इसी बात पर आप भी ज़रा मुस्कुरा दीजिए न!
दोस्तों, पिछले दिनों मुझे एक ईमेल मिला था जिसमें यह शिकायत की गई है कि 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर गीता दत्त के गानें कभी नहीं बजते और कुछ गिने चुने गायकों को ही बार बार शामिल किया जाता है। यह सच बात है दोस्तों और हम इसे स्वीकारते हैं कि पिछले कई दिनों से गीता जी की आवाज़ इस स्तंभ में नहीं बज पायी है, जिसका हमें भी अफ़सोस है। शृंखलाएँ ही कुछ इस तरह की चल पड़ीं कि गीता जी के गीत शामिल न हो सके। वैसे हम आप सब की जानकारी के लिए बता दें पिछले साल गीता जी पर दस कड़ियों की शृंखला 'गीतांजली' हमनें प्रस्तुत की है और इसके अलावा भी उनके गाये कई एकल व युगल गीत बजे हैं 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर। अभी कुछ हफ़्ते पहले भी शनिवार विशेषांक में संगीतकार बसंत प्रकाश पर केन्द्रित साक्षात्कार में उनका गाया 'अनारकली' का गीत "आ ऐ जानेवफ़ा" हमनें सुनवाया था, और आगे भी जब भी मौका लगेगा उनकी आवाज़ आप तक ज़रूर पहुँचाएंगे। इसी शृंखला की पहली कड़ी में, यानी कल ही आपनें गीता जी की आवाज़ सुनी आशा जी के साथ। और जहाँ तक कुछ गिने चुने गायकों को बार बार शामिल करने की बात है, तो कुछ गायक हुए ही हैं ऐसे कि जिनके दूसरों के मुकाबले बहुत ज़्यादा हिट गानें हैं। इसलिए ज़ाहिर है कि इनके गीत ज़्यादा बजेंगे, लेकिन यकीन मानिए 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के लिए सभी कलाकार बराबर हैं, सभी कलाकारों का और उनके योगदान का हम सम्मान करते हैं। ख़ैर, आते हैं आज के गीत पर। कल के गीत में गीता जी की हँसी का एक रूप था, लेकिन वह गीत जिसमें शामिल गीता जी की हँसी हमारे दिल को सब से ज़्यादा छू लेती है, वह है फ़िल्म 'अनुभव' का गीत "कोई चुपके से आके, सपने सुलाके, मुझको जगा के बोले, कि मैं आ रहा हूँ, कौन आये, ये मैं कैसे जानू"। संगीतकार कानू रॉय की धुन और गीतकार कपिल कुमार के बोल। इस गीत के एक अंतरे में गीता जी की हँसी सुनाई पड़ती है, और कहना ज़रूरी है कि जब १९७१ में यह फ़िल्म रिलीज़ हो रही थी, तब गीता जी अपने जीवन की कुछ बेहद कठिन दिनों से गुज़र रही थीं। ऐसे में उनके गाये इस गीत में उनकी हँसी उनके वास्तविक जीवन से बिल्कुल विपरीत, एक जैसे विरोधाभास कराती है। और इसके अगले ही साल गीता जी की मृत्यु हो गई। इस गीत को जब भी कभी हम सुनते हैं, तो गीता जी की हँसी सुन कर मन प्रसन्न होने की बजाय उनके लिए मन जैसे दर्द से भर उठता है। चुपके से किसी के आने की लालसा लिए इस गीत नें जैसे काल को ही दावत दे दी थी!
क्या आप जानते हैं...
कि गीतकार कपिल कुमार 'अनुभव' के अलावा 'आविष्कार' फ़िल्म में भी गीत लिखे थे, जिसमें भी संगीतकार कानू रॉय ही थे।
दोस्तों अब पहेली है आपके संगीत ज्ञान की कड़ी परीक्षा, आपने करना ये है कि नीचे दी गयी धुन को सुनना है और अंदाज़ा लगाना है उस अगले गीत का. गीत पहचान लेंगें तो आपके लिए नीचे दिए सवाल भी कुछ मुश्किल नहीं रहेंगें. नियम वही हैं कि एक आई डी से आप केवल एक प्रश्न का ही जवाब दे पायेंगें. हर १० अंकों की शृंखला का एक विजेता होगा, और जो १००० वें एपिसोड तक सबसे अधिक श्रृंखलाओं में विजय हासिल करेगा वो ही अंतिम महा विजेता माना जायेगा. और हाँ इस बार इस महाविजेता का पुरस्कार नकद राशि में होगा ....कितने ?....इसे रहस्य रहने दीजिए अभी के लिए :)
पहेली 02/शृंखला 16
गीत का ये हिस्सा सुनें-
अतिरिक्त सूत्र - बेहद आसान.
सवाल १ - किस नायिका पर फिलमाया गया है ये गीत - ३ अंक
सवाल २ - फिल्म के निर्देशक कौन हैं - २ अंक
सवाल ३ - गायिका का नाम बताएं - १ अंक
पिछली पहेली का परिणाम -
अमित जी चूक गए आप, अनजाना जी सही जवाब देकर ३ अंक चुरा ले गए. प्रतीक जी ने भी ठीक ६.३० पर जवाब दिया पर २ अंकों के सवाल ही हाथ आजमाया, आपको और दीप चंद्रा जी जो शायद पहली बार आये थे सही जवाब के लिए बधाई, हिन्दुस्तानी जी जरा से चूक गए आप भी.
खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी
इन्टरनेट पर अब तक की सबसे लंबी और सबसे सफल ये शृंखला पार कर चुकी है ५०० एपिसोडों लंबा सफर. इस सफर के कुछ यादगार पड़ावों को जानिये इस फ्लेशबैक एपिसोड में. हम ओल्ड इस गोल्ड के इस अनुभव को प्रिंट और ऑडियो फॉर्मेट में बदलकर अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाना चाहते हैं. इस अभियान में आप रचनात्मक और आर्थिक सहयोग देकर हमारी मदद कर सकते हैं. पुराने, सुमधुर, गोल्ड गीतों के वो साथी जो इस मुहीम में हमारा साथ देना चाहें हमें oig@hindyugm.com पर संपर्क कर सकते हैं या कॉल करें 09871123997 (सजीव सारथी) या 09878034427 (सुजॉय चटर्जी) को
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