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सुनो कहानी: आग - असगर वजाहत

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में गोपाल प्रसाद व्यास का व्यंग्य "झूठ बराबर तप नहीं" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं असगर वजाहत की एक कहानी "आग", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी "आग" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 14 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

इस कथा का टेक्स्ट गद्य कोश पर उपलब्ध है।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



रात के वक्त़ रूहें अपने बाल-बच्चों से मिलने आती हैं।
~ असगर वजाहत

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

आग प्रचंड थी। बुझने का नाम न लेती थी।
(असगर वजाहत की "आग" से एक अंश)


नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)


यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#Sixty First Story, Aag: Asghar Wajahat/Hindi Audio Book/2010/6. Voice: Anurag Sharma

Comments

वाह बहुत बढ़िया कहानी...बहुत चोट करती हुई भाषा
indu puri said…
निसंदेह कहानी अच्छी थी किन्तु आपकी आवाज ?
कहानी को और प्रभावशाली बना देती है
इस से पूर्व भी मैंने अनुराग शर्मा जी की आवाज में कुछ कहानियां सुनी थी.
कहानी या उसकी भाषा अपने स्थान पर महत्व रखते हैं किन्तु
जब मौखिक अभिव्यक्त करने की बात आती है तब कहानी के अनुरूप
सही स्थान पर स्वर में आरोह अवरोह का उपयोग करते हुए यदि कहानी सुनाई जाये
तो वो अपना अलग़ असर छोडती है .अनुरागजी का प्रजेंटेशन प्रभावशाली है
उन्हें बधाई और ढेरों शुभ कामनाए

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