ताजा सुर ताल TST (29)
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 ओक्टुबर के एपिसोडस से लगभग अगले 20 एपिसोडस तक, जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के ६० गीतों में से पहली १० पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक -
पिछले एपिसोड में तो सीमा जी पूरा मैदान ही मार लिया, पूरे ६ अंक बटोरे. सीमा जी के कुल अंक हुए १०. दिशा जी और अन्य प्रतिभागियों को लगता है सीमा जी का खौफ हो गया है. खैर एक अच्छे मुकाबले की हम उम्मीद करेंगें इस एपिसोड में.
सजीव - सुजॉय, 'ताज़ा सुर ताल' में आज जिन तीन गीतों को हम लेकर आए हैं, उनमें से सब से पहले कौन सा गाना सुनवाओगे हमारे श्रोताओं को?
सुजॉय - पहला गीत है 'वेक अप सिद' का। याद है इसका शीर्षक गीत हमने सुनवाया था कुछ हफ़्ते पहले?
सजीव - हाँ, और उस दिन इस फ़िल्म के संगीतकार तिकड़ी शंकर अहसान लॉय के बारे में हमने तमाम जानकारियाँ भी दी थी। आज हम सुनवा रहे हैं इस फ़िल्म से "ओ रे मनवा तू तो बावरा है, तू ही जाने तू क्या सोचता है... गूँजा सा है कोई इकतारा इकतारा"।
सुजॉय - यह गीत बहुत ही सुंदर है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस गीत को शंकर अहसान लॉय ने नहीं बल्कि अमित त्रिवेदी ने स्वरबद्ध किया है?
सजीव- वाक़ई? अगर इस गीत के गायकों की बात करें तो कविता सेठ और अमिताभ भट्टाचार्य की आवाज़ें बहुत ही सुंदर सुनाई दी है। जहाँ एक तरफ़ कविता सेठ मुख्य गायिका के रूप में गाती हैं, अमिताभ का गायन "गूँजा सा है कोई इकतारा इकतारा" बिल्कुल अलग दिशा में है। शायद इसी को मेलडी और काउंटर मेलडी कहते हैं।
सुजॉय- हो सकता है, मैं श्योर नहीं, लेकिन हमारे श्रोता व पाठकों में से कोई ज़रूर हमें बता सकेगा कि काउंटर मेलडी किसे कहते हैं। वैसे इस गीत में कविता सेठ की गायकी लोक शैली में रंगा हुआ सुनाई देता है। फ़्युज़न का बहुत अच्छा उदाहरण है यह गीत। थोड़ा शास्त्रीय और थोड़ा सा पॊप, इस गीत को एक बार सुनने के बाद बार बार सुनने का मन होता है। अमिताभ ने अच्छा निभाया है अपना हिस्सा। वरिष्ठ गीतकार जावेद अख़तर से हम आगे भी ऐसे अच्छे गीतों की उम्मीद रखेंगे। आइए सुनते हैं यह गीत।
इकतारा (वेक अप सिद)
आवाज़ रेटिंग - ****.
TST ट्रिविया # 07 - गायिका कविता सेठ की डेब्यू एल्बम का नाम क्या है?
सजीव - इस सुकून देनेवाले गीत को सुनकर सुजॉय, अब तो मुझे इसी तरह का एक और सॊफ़्ट मेलडियस गीत सुनने का मन कर रहा है। तो बोलो कौन सा गीत सुनाओगे?
सुजॉय - आप ने बिल्कुल ठीक कहा है। और इसीलिए हमने आज का दूसरा गीत भी कुछ ऐसा ही सॊफ़्ट रोमांटिक अंदाज़ का रखा है। यह है फ़िल्म 'रेडियो - लव ऑन एयर' का जिसे हिमेश रेशम्मिया और श्रेया घोषाल ने गाया है। हिमेश की आवाज़ बिल्कुल अलग सुनाई देती है उनके अब तक के गीतों से। यह गीत है "जानेमन"।
सजीव - हिमेश का गाया "मन का रेडियो बजने दे ज़रा" सुनवाते वक़्त तुमने उस गीत को ४ अंक दिए थे और तब तुमने कहा था कि अगर हम "जानेमन" सुनवाते तो तुम पूरे ५ अंक देते। क्या अब भी तुम्हारा यही ख़याल है?
सुजॉय - जी हाँ, आज भी मैं इस गीत को पूरे ५ अंक ही देना चाहूँगा। आज फ़िल्म संगीत जिस दौर से गुज़र रही है, हम श्रोताओं को ही निर्णय लेना है कि हम किस तरह के गानें सुनना पसंद करेंगे। फ़िल्म संगीत के स्तर को एक बार फिर से उपर लाने के लिए हम भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितने की फ़िल्मकार और संगीतकार। इसलिए अगर कोई अच्छा गीत बनता है तो उसकी हमें खुले दिल से तारीफ़ करनी ही चाहिए।
सजीव - बहुत सही कहा सुजॉय तुमने। सही मायने में जो गानें अच्छे हैं, उनको बढ़ावा मिलना ही चाहिए। हिमेश और श्रेया ने बहुत सुंदर गाया है, हिमेश का संगीत भी लाजवाब है, और दिलकश बोल लिखे हैं सुब्रत सिन्हा ने। -
जानेमन (रेडियो)
आवाज़ रेटिंग - ****1/2
TST ट्रिविया # 08 - हिमेश के पिता भी एक संगीतकार थे, क्या था उनका नाम और किस भाषा की फिल्म में वो संगीत दिया करते थे ?
सुजॉय - और अब आज का तीसरा और अंतिम गीत सुनने की बारी। हिमेश रेशम्मिया का नाम सुनते ही जिस अभिनेता का नाम ज़हन में आता है वो हैं सलमान ख़ान। सल्लु भाई ने ही हिमेश को पहले पहले अपनी फ़िल्मों में संगीत देने के मौके दिए थे और हिमेश उनकी उम्मीदो पर खरे उतरे, और उसके बाद तो हिमेश - सलमान हिट्स की जैसे लाइन ही लग गई थी। इसी तरह से एक और संगीतकार जिनके साथ सलमान भाई का ज़बरदस्त साथ रहा है, वो हैं साजिद-वाजिद की जोड़ी। 'मुझसे शादी करोगी', 'गॊड तुस्सी ग्रेट हो', 'तुमको ना भूल पाएँगे' और भी न जाने कितने ऐसे हिट फ़िल्में हैं।
सजीव - मैं कुछ और नाम गिनाता हूँ। 'पार्टनर', 'तेरे नाम' का "लगन लगन लग गई है", और 'प्यार किया तो डरना क्या' का "तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है"। लेकिन सुजॉय ये सलमान, हिमेश, साजिद वाजिद, बात क्या है? तीसरा गीत कौन सा बजाने वाले हो?
सुजॉय - तीसरा गीत है 'मैं और मिसेस खन्ना' फ़िल्म का। 'क्योंकि' फ़िल्म के बाद इस फ़िल्म में सलमान ख़ान और करीना कपूर एक बार फिर साथ साथ नज़र आ रहे हैं। इसी फ़िल्म से सोनू निगम और श्रेया घोषाल का गाया "डोन्ट से अल्विदा" हम सुनवा रहे हैं।
सजीव - क्या इत्तेफ़ाक़ है कि सलमान-करीना इस फ़िल्म में साथ साथ एक बार फिर से आए हैं, और देखो उनकी पिछली फ़िल्म 'क्योंकि' में भी कुछ ऐसा ही एक गीत था "क्योंकि इतना प्यार तुमको करते हैं हम"। इन दोनों गीतों का फ़ॊर्मैट कुछ कुछ एक जैसा ही है।
सुजॉय - और सलमान ख़ान के फ़िल्मों का संगीत हमेशा ही हिट रहा है, चाहे फ़िल्म चले या ना चले। इस प्रस्तुत गीत बड़ा ही नर्मोनाज़ुक गीत है, उर्दू शब्दों का भी इस्तेमाल हुआ है। सोनू निगम और श्रेया की गायकी का वही अंदाज़ बरकरार है इस गीत में भी, जिसके लिए ये दोनों जाने जाते हैं।
सजीव - तो आज हमने जो तीन गानें सुनवाए, उन सभी में कॉमन बात यही रही कि ये तीनों गीत बेहद नाज़ुक, रोमांटिक, और सुरीले हैं। इस गीत को सुनवाने से पहले हम यह भी बता दे कि 'मैं और मिसेस खन्ना' में सोहैल ख़ान, बप्पी लाहिरी और गोविंदा भी नज़र आएँगे। चलिए अब गाना सुन लिया जाए। गीतकार हैं जुनैद वासी.
डोंट से अलविदा (मैं और मिसेस खन्ना)
आवाज़ रेटिंग -**1/2
TST ट्रिविया # 09 -जुनैद वासी ने किस संगीतकार के साथ काम किया यश राज बैनर की हिट फिल्म में और वो गीत कौन सा है ?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
दोस्तों, ताजा सुर ताल यानी TST पर आपके लिए है एक ख़ास मौका और एक नयी चुनौती भी. TST के हर एपिसोड में आपके लिए होंगें तीन नए गीत. और हर गीत के बाद हम आपको देंगें एक ट्रिविया यानी हर एपिसोड में होंगें ३ ट्रिविया, हर ट्रिविया के सही जवाब देने वाले हर पहले श्रोता की मिलेंगें २ अंक. ये प्रतियोगिता दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह तक चलेगी, यानी 5 ओक्टुबर के एपिसोडस से लगभग अगले 20 एपिसोडस तक, जिसके समापन पर जिस श्रोता के होंगें सबसे अधिक अंक, वो चुनेगा आवाज़ की वार्षिक गीतमाला के ६० गीतों में से पहली १० पायदानों पर बजने वाले गीत. इसके अलावा आवाज़ पर उस विजेता का एक ख़ास इंटरव्यू भी होगा जिसमें उनके संगीत और उनकी पसंद आदि पर विस्तार से चर्चा होगी. तो दोस्तों कमर कस लीजिये खेलने के लिए ये नया खेल- "कौन बनेगा TST ट्रिविया का सिकंदर"
TST ट्रिविया प्रतियोगिता में अब तक -
पिछले एपिसोड में तो सीमा जी पूरा मैदान ही मार लिया, पूरे ६ अंक बटोरे. सीमा जी के कुल अंक हुए १०. दिशा जी और अन्य प्रतिभागियों को लगता है सीमा जी का खौफ हो गया है. खैर एक अच्छे मुकाबले की हम उम्मीद करेंगें इस एपिसोड में.
सजीव - सुजॉय, 'ताज़ा सुर ताल' में आज जिन तीन गीतों को हम लेकर आए हैं, उनमें से सब से पहले कौन सा गाना सुनवाओगे हमारे श्रोताओं को?
सुजॉय - पहला गीत है 'वेक अप सिद' का। याद है इसका शीर्षक गीत हमने सुनवाया था कुछ हफ़्ते पहले?
सजीव - हाँ, और उस दिन इस फ़िल्म के संगीतकार तिकड़ी शंकर अहसान लॉय के बारे में हमने तमाम जानकारियाँ भी दी थी। आज हम सुनवा रहे हैं इस फ़िल्म से "ओ रे मनवा तू तो बावरा है, तू ही जाने तू क्या सोचता है... गूँजा सा है कोई इकतारा इकतारा"।
सुजॉय - यह गीत बहुत ही सुंदर है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस गीत को शंकर अहसान लॉय ने नहीं बल्कि अमित त्रिवेदी ने स्वरबद्ध किया है?
सजीव- वाक़ई? अगर इस गीत के गायकों की बात करें तो कविता सेठ और अमिताभ भट्टाचार्य की आवाज़ें बहुत ही सुंदर सुनाई दी है। जहाँ एक तरफ़ कविता सेठ मुख्य गायिका के रूप में गाती हैं, अमिताभ का गायन "गूँजा सा है कोई इकतारा इकतारा" बिल्कुल अलग दिशा में है। शायद इसी को मेलडी और काउंटर मेलडी कहते हैं।
सुजॉय- हो सकता है, मैं श्योर नहीं, लेकिन हमारे श्रोता व पाठकों में से कोई ज़रूर हमें बता सकेगा कि काउंटर मेलडी किसे कहते हैं। वैसे इस गीत में कविता सेठ की गायकी लोक शैली में रंगा हुआ सुनाई देता है। फ़्युज़न का बहुत अच्छा उदाहरण है यह गीत। थोड़ा शास्त्रीय और थोड़ा सा पॊप, इस गीत को एक बार सुनने के बाद बार बार सुनने का मन होता है। अमिताभ ने अच्छा निभाया है अपना हिस्सा। वरिष्ठ गीतकार जावेद अख़तर से हम आगे भी ऐसे अच्छे गीतों की उम्मीद रखेंगे। आइए सुनते हैं यह गीत।
इकतारा (वेक अप सिद)
आवाज़ रेटिंग - ****.
TST ट्रिविया # 07 - गायिका कविता सेठ की डेब्यू एल्बम का नाम क्या है?
सजीव - इस सुकून देनेवाले गीत को सुनकर सुजॉय, अब तो मुझे इसी तरह का एक और सॊफ़्ट मेलडियस गीत सुनने का मन कर रहा है। तो बोलो कौन सा गीत सुनाओगे?
सुजॉय - आप ने बिल्कुल ठीक कहा है। और इसीलिए हमने आज का दूसरा गीत भी कुछ ऐसा ही सॊफ़्ट रोमांटिक अंदाज़ का रखा है। यह है फ़िल्म 'रेडियो - लव ऑन एयर' का जिसे हिमेश रेशम्मिया और श्रेया घोषाल ने गाया है। हिमेश की आवाज़ बिल्कुल अलग सुनाई देती है उनके अब तक के गीतों से। यह गीत है "जानेमन"।
सजीव - हिमेश का गाया "मन का रेडियो बजने दे ज़रा" सुनवाते वक़्त तुमने उस गीत को ४ अंक दिए थे और तब तुमने कहा था कि अगर हम "जानेमन" सुनवाते तो तुम पूरे ५ अंक देते। क्या अब भी तुम्हारा यही ख़याल है?
सुजॉय - जी हाँ, आज भी मैं इस गीत को पूरे ५ अंक ही देना चाहूँगा। आज फ़िल्म संगीत जिस दौर से गुज़र रही है, हम श्रोताओं को ही निर्णय लेना है कि हम किस तरह के गानें सुनना पसंद करेंगे। फ़िल्म संगीत के स्तर को एक बार फिर से उपर लाने के लिए हम भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितने की फ़िल्मकार और संगीतकार। इसलिए अगर कोई अच्छा गीत बनता है तो उसकी हमें खुले दिल से तारीफ़ करनी ही चाहिए।
सजीव - बहुत सही कहा सुजॉय तुमने। सही मायने में जो गानें अच्छे हैं, उनको बढ़ावा मिलना ही चाहिए। हिमेश और श्रेया ने बहुत सुंदर गाया है, हिमेश का संगीत भी लाजवाब है, और दिलकश बोल लिखे हैं सुब्रत सिन्हा ने। -
जानेमन (रेडियो)
आवाज़ रेटिंग - ****1/2
TST ट्रिविया # 08 - हिमेश के पिता भी एक संगीतकार थे, क्या था उनका नाम और किस भाषा की फिल्म में वो संगीत दिया करते थे ?
सुजॉय - और अब आज का तीसरा और अंतिम गीत सुनने की बारी। हिमेश रेशम्मिया का नाम सुनते ही जिस अभिनेता का नाम ज़हन में आता है वो हैं सलमान ख़ान। सल्लु भाई ने ही हिमेश को पहले पहले अपनी फ़िल्मों में संगीत देने के मौके दिए थे और हिमेश उनकी उम्मीदो पर खरे उतरे, और उसके बाद तो हिमेश - सलमान हिट्स की जैसे लाइन ही लग गई थी। इसी तरह से एक और संगीतकार जिनके साथ सलमान भाई का ज़बरदस्त साथ रहा है, वो हैं साजिद-वाजिद की जोड़ी। 'मुझसे शादी करोगी', 'गॊड तुस्सी ग्रेट हो', 'तुमको ना भूल पाएँगे' और भी न जाने कितने ऐसे हिट फ़िल्में हैं।
सजीव - मैं कुछ और नाम गिनाता हूँ। 'पार्टनर', 'तेरे नाम' का "लगन लगन लग गई है", और 'प्यार किया तो डरना क्या' का "तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है"। लेकिन सुजॉय ये सलमान, हिमेश, साजिद वाजिद, बात क्या है? तीसरा गीत कौन सा बजाने वाले हो?
सुजॉय - तीसरा गीत है 'मैं और मिसेस खन्ना' फ़िल्म का। 'क्योंकि' फ़िल्म के बाद इस फ़िल्म में सलमान ख़ान और करीना कपूर एक बार फिर साथ साथ नज़र आ रहे हैं। इसी फ़िल्म से सोनू निगम और श्रेया घोषाल का गाया "डोन्ट से अल्विदा" हम सुनवा रहे हैं।
सजीव - क्या इत्तेफ़ाक़ है कि सलमान-करीना इस फ़िल्म में साथ साथ एक बार फिर से आए हैं, और देखो उनकी पिछली फ़िल्म 'क्योंकि' में भी कुछ ऐसा ही एक गीत था "क्योंकि इतना प्यार तुमको करते हैं हम"। इन दोनों गीतों का फ़ॊर्मैट कुछ कुछ एक जैसा ही है।
सुजॉय - और सलमान ख़ान के फ़िल्मों का संगीत हमेशा ही हिट रहा है, चाहे फ़िल्म चले या ना चले। इस प्रस्तुत गीत बड़ा ही नर्मोनाज़ुक गीत है, उर्दू शब्दों का भी इस्तेमाल हुआ है। सोनू निगम और श्रेया की गायकी का वही अंदाज़ बरकरार है इस गीत में भी, जिसके लिए ये दोनों जाने जाते हैं।
सजीव - तो आज हमने जो तीन गानें सुनवाए, उन सभी में कॉमन बात यही रही कि ये तीनों गीत बेहद नाज़ुक, रोमांटिक, और सुरीले हैं। इस गीत को सुनवाने से पहले हम यह भी बता दे कि 'मैं और मिसेस खन्ना' में सोहैल ख़ान, बप्पी लाहिरी और गोविंदा भी नज़र आएँगे। चलिए अब गाना सुन लिया जाए। गीतकार हैं जुनैद वासी.
डोंट से अलविदा (मैं और मिसेस खन्ना)
आवाज़ रेटिंग -**1/2
TST ट्रिविया # 09 -जुनैद वासी ने किस संगीतकार के साथ काम किया यश राज बैनर की हिट फिल्म में और वो गीत कौन सा है ?
आवाज़ की टीम ने इन गीतों को दी है अपनी रेटिंग. अब आप बताएं आपको ये गीत कैसे लगे? यदि आप समीक्षक होते तो प्रस्तुत गीतों को 5 में से कितने अंक देते. कृपया ज़रूर बताएं आपकी वोटिंग हमारे सालाना संगीत चार्ट के निर्माण में बेहद मददगार साबित होगी.
शुभकामनाएँ....
अक्सर हम लोगों को कहते हुए सुनते हैं कि आजकल के गीतों में वो बात नहीं. "ताजा सुर ताल" शृंखला का उद्देश्य इसी भ्रम को तोड़ना है. आज भी बहुत बढ़िया और सार्थक संगीत बन रहा है, और ढेरों युवा संगीत योद्धा तमाम दबाबों में रहकर भी अच्छा संगीत रच रहे हैं, बस ज़रुरत है उन्हें ज़रा खंगालने की. हमारा दावा है कि हमारी इस शृंखला में प्रस्तुत गीतों को सुनकर पुराने संगीत के दीवाने श्रोता भी हमसे सहमत अवश्य होंगें, क्योंकि पुराना अगर "गोल्ड" है तो नए भी किसी कोहिनूर से कम नहीं. क्या आप को भी आजकल कोई ऐसा गीत भा रहा है, जो आपको लगता है इस आयोजन का हिस्सा बनना चाहिए तो हमें लिखे.
Comments
२) विपिन जी रेशमिया , गुजराती
३) न्युयार्क , ऐ साये मेरे (संगीतकार - पंकज अवस्थी)
2)Father: gujarati music director Vipin Reshammiya
regards
Music Director : Sandeep Srivastava
regards