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सुनिए श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य कहानी 'काश'

श्रीलाल शुक्ल के एक व्यंग्य 'काश' का प्रसारण

'सुनो कहानी' के अंतर्गत आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्रीलाल शुक्ल का एक व्यंग्य काश। इस व्यंग्य में प्रशासनिक कार्य व्यवस्था पर प्रहार करते हुए आकस्मिक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की स्थिति का बड़ा सजीव चित्रण किया गया है जो आपको हंसाता भी है और सताता भी है। आईये सुनें  "काश", जिसको स्वर दिया है शोभा महेन्द्रू ने। शोभा जी का नाम आवाज़ के श्रोताओं के लिए नया नहीं है। उनकी रचनाएं हमें हिंद-युग्म पर पढने को और पॉडकास्ट कवि सम्मलेन में सुनने को मिलती रही हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर हमने प्रेमचंद की कहानी प्रेरणा को शोभा जी के स्वर में प्रस्तुत किया था। इसके अलावा शोभा जी की आवाज़ को विमल चंद्र पाण्डेय की कहानी 'स्वेटर' के नाट्य रूपांतर में और मन्नू भंडारी की कहानी अकेली में भी बहुत पसंद किया गया था. सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

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आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें।


आवाज़ पर आगामी आकर्षण:
शनिवार, दिनांक २७ दिसम्बर २००८: प्रेमचंद की अमर कहानी "मन्त्र"
रविवार, दिनांक २८ दिसम्बर २००८: पॉडकास्ट कवि सम्मेलन

#Suno Kahani, Story, Kaash: Shreelal Shukla/Hindi Audio Book. Voice: Shobha Mahendru

Comments

व्यंग्य तो अच्छा है। लेकिन वाचन में कहीं-कहीं ठहराव आया है। आवाज़ तो आपकी प्रभावी है, लेकिन आप इसका ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं करती हैं। कई बार अभ्यास करने से बहुत बढ़िया पॉडकास्ट रिकॉर्ड कर सकती हैं आप।
मैं श्रीलाल शुक्ल को पढने से वंचित रहा हूँ. इस व्यंग्य के चुनाव और वाचन के लिए शोभा जी का धन्यवाद!

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