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वो पीपल का पत्ता, है अब भी अकेला...

दूसरे सत्र के छठे गीत का विश्वव्यापी उदघाटन आज.

आज हम अपने संगीत प्रेमियों के समक्ष लेकर आए हैं, एक और ताज़ी आवाज़, सुदीप यशराज की, ये युग्म के संगीत इतिहास में दूसरी बार है, जब किसी भी गीत के समस्त पक्ष को एक ही कलाकार ने संभाला है. सुदीप ने यह गीत ख़ुद ही लिखा, स्वरबद्ध किया और गाया है, उनका संगीत ताजगी भरा है और हमें यकीं हैं कि नयेपन की कमी जो हमारे कुछ श्रोताओं को महसूस हुई है अब तक, वो इस गीत के साथ दूर हो जायेगी. तो सुनें ये ताज़ा गीत, और अपने विचारों से सुदीप का प्रोत्साहन/मार्गदर्शन करें.

गीत सुनने के लिए प्लेयर पर क्लिक करें.




This Friday, we are introducing another very talented upcoming composer and singer, Sudeep Yashraaj to you. Sudeep is here with a new genre of sound, this song has a fresh new feel to it. With a very new way of writing and singing we are sure that he will steal your heart with his "beinteha pyar...". So enjoy this brand new song and do leave your comments as well.

To listen to the song, please click on the player



Lyrics:

Vo o o o o, Beinteha pyar
Vo o o o o, Beinteha pyar
Dooba hua hun, barso se, teri aankho mein, hoooo

Sagar meri zindagi, zindagi hai
Mainey boond boond bhari hai apney aansu se

Meri majboori hai jo ab tak lab hai siley
Aur uspey ek tum jo ab tak chup ho khadey
Kya yeh zaarori hai, ke main izhar karun
Jaana tum samajh bhi jao mai tumsey pyar karun

Vo o o o o, Beinteha pyar
Vo o o o o, Beinteha pyar

Who bachpan ki galtiyaan, Tera woh rona
Mere dil ki dhadkan kaa har aansu pe khona
Woh pipal ke ped ke niche bhooke hi sona

Woh pipal ka patta hai ab bhi akela
Woh toofaan si baarish, Akeley hi jhela
Yehi zindagi hai, akele hi jeena, akele hi jaana

Wo o o o o o o
Vo o o o o, Beinteha pyar
Vo o o o o, Beinteha pyar

यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)




VBR MP364Kbps MP3Ogg Vorbis



SONG # 06, SEASON # 02, "Beintehaa pyaar...",OPENED ON 08/08/2008 ON AWAAZ,HIND YUGM.
Music @ Hind Yugm, Where music is a passion

Comments

bahut hi achha prayas hai sudeep ji.iske liye apko bahut bahut badhayi.par dhun aur shabdo ke beech me talmail ki kuch kami lagi.jaise dhun fast track ki lag rahi hai aur shabdo ko adhik spstata nahi de payi hai.khair mai to is school ke playgroup me hu.apki avaz bahut achhi hai aur playback singing ko suit karti hai.phir bhi music,lyrics aur singing ke dvara apne atulaniy prayas kiya hai.age bhi apke sangit ka intazar rahega....
sahil said…
bahut hi pyari prastuti.
alok singh "sahil"
Anonymous said…
heylo gr8 mind blowing out standing..........
मुझे लगता है कि इस गीत के बोल सुंदर थे, और गायकी भी बढ़िया है, लेकिन संगीत ने वो फील नहीं दिया, जिसकी तलाश इस गीत को थी। ओवरऑल इससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता।
"Nira" said…
bahut ache lyrics hain aor gaya bhi bahut acha hai.
acha laga sunkar
सुदीप आपकी आवाज़ बहुत अच्छी है, बहुत दिल से महसूस कर के गाते हैं आप, सुंदर शब्द हैं, और संगीत में भी नयापन है, मुझे बे इन्तेहा प्यार बे इन्तेहा पसंद आया
Janmejay said…
bahut khoob! badhai ho!badhiya geet bana hai!
sudeep ji badhai ke patr hain ki wo ek achhe geet ko le kar aaye!

haan,geet me tazgi hai!ek geet ke taur par dekhen to..bol,dhun aur gayki teenon hi santoshprad hain.kyonki geet ke bol,dhun aur gayki teenon hi sudeep ji ki hi hain,isi liye geet ka pramukh bhav pure geet me bana raha.waise shuruati kukchh panktiyon ki dhun agr bolon ke bhav ke jyada anukul hoti to behtar hota.
kahna chahunga,yah rachna ek geet ke taur par bahut achhi hai,lekin hind-yugm se iske jure hone ki wajah se is'se sahityik star ke aur behtar hone ki apeksha hai.geet ke bol beshak achhe hain,lekin hind-yugm par jaisa sahitya ka star raha hai,us hisab se kamjor hai.
man me pehle yah nirdharit karen ki "aawaz" ki team ka uddeshya sangeet ke kshetr me kuchh ullekhneey karne ka hai,ya hindi sahitya ka samvardhan v' prachar-prasaar.yugm ki chhavi rahi hai ki yah 'sarthak rachnaon avam sahitya' ko badhava deta raha hai,na ki sirf sahitya ke entertainment wale paksh ko.
asha hai ki team ko mere kahne ka tatparya samajh me aaya hoga.rachna me chahe prem-ras ho chahe veer-ras,lekin sahityik star waisa hi rakhen jaisa ki yugm par kavitaon ka star rahta hai.
khair,ek geet ke taur par yah rachna mujhe bahut achhi lagi.
badhai!

dhanyawaad!

-janmejay
shivani said…
क्षमा चाहती हूँ कल किसी कारणवश गीत नहीं सुन पायी !शुक्रवार का मैं बेइन्तेहाइंतज़ार करती हूँ !सबसे पहले सुदीप जी आपको आपके आपके गीत के लिए बहुत बहुत मुबारकवाद देना चाहती हूँ !गीत,संगीत,आवाज़ सब आपकी है इससे नज़र आता है की संगीत के लिए कुछ कर गुज़रना चाहते हैं आप !आपके गीत के बोल अच्छे हैं ,आखिरी तीन लाइन मुझे अच्छी लगी !संगीत और बेहतर हो सकता था परन्तु शायद ये आपका प्रथम प्रयास है !आपके अगले गीत का इंतज़ार रहेगा !मुझे गीत पसंद आया !बहुत बहुत शुभकामनाएं भविष्य के लिए !धन्यवाद !
Manish Kumar said…
pehle to ye kahna chahoonga ki jahan tak sangeet ki baat hai wo pichle geeton mein jagah jaghah khoobsurti liye huye tha. Isliye un sab ke baad ye kahna ki is geet ka sangeet kuch alag sa aur nayapan liye huye hai pichle kuch geeton espescially sangeet dilon ka utsav, badhe chalo aur main nadi ke sath thodi nainsafi hogi.

is geet ke bol aur gayiki se to santusht hoon par iska sangeet mujhe kuch khas jama nahin. Poetry mein jo feel hai use sangeet ka mood bilkul match nahin karta.
Manish Kumar said…
aur haan shailesh ji aapse nivedan hain ki pop up ads band karein. Inse sangeet sunne aur padhne mein badi irritation hoti hai.
Manish Kumar said…
This post has been removed by the author.
मनीष जी,

मैंने पॉप-अप सेटिंग बदल दी है। अब २४ घण्टे में मात्र १ बार पॉप-अप दिखेगा, पहले प्रत्येक क्लिक के बाद दिखता था।

वास्तव में, एक समस्या और भी थी जिसे मैं ४-५ दिन पहले समझ पाया। मैंने www.counetr.cc से पेज़रैक और ऑनलाइन यूज़र स्टैटस लगाया था, यह वेबसाइट अपने स्क्रिप्ट में ऐसा कुछ कर रखी है कि आप वहाँ से कोई भी कोड अपनी वेबसाइट पर लगायेंगे, पॉप-अप या पॉप-अंडर खुलेगा। ट्रैफिक आपका और पैसा उनका। अब मैंने सब हटा दिया है। आपको हुई असुविधा का खेद है।

अगर २४ घण्टे में एक बार से भी दिक्कत हो तो बताइएगा, इसे भी हटा दूँगा।
अच्छा है | बधाई |

अवनीश
Achha laga gaanaa.. sangeet aur achha ho sakta tha.. first stanza jyaada achha laga second se... Waiting for your next song...
गीत के बोल, गायकी अच्छी है.पिछली दफा से इस प्रस्तुतीकरण में सुधार हुआ है..अच्छा लगा..
संगीत और धुन में मज़ा नहीं आया...८० के दशक कि एक पिक्चर थी..'बसेरा'..इसका एक गीत था...'जहां पर सवेरा हो, बसेरा वही है...' आपके गीत की धुन सीधे यहीं से उठायी गयी है.. कुछ नया तो लेते बंधू...

सादर वन्दे!
nesh said…
bhaut achha likha aur gaya hai best of luck dost
Anonymous said…
Congrats bro

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