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रबीन्द्र नाथ ठाकुर की कहानी "काबुलीवाला"

रबीन्द्र नाथ ठाकुर की कहानी "काबुलीवाला"
सुनो कहानी: रबीन्द्र नाथ ठाकुर की "काबुलीवाला"
'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई की हृदयस्पर्शी कहानी "चार बेटे" का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं रबीन्द्र नाथ ठाकुर की एक कहानी "काबुलीवाला", जिसको स्वर दिया है नीलम मिश्रा ने।

कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें।



पक्षी समझते हैं कि मछलियों को पानी से ऊपर उठाकर वे उनपर उपकार करते हैं।
~ रबीन्द्र नाथ ठाकुर (1861-1941)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

आकाश में हाथी सूँड से पानी फेंकता है, इसी से वर्षा होती है।
(रबीन्द्र नाथ ठाकुर की "काबुलीवाला" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)


यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
VBR MP3
#68th Story, Kabuliwala: Rabindra Nath Tagore/Hindi Audio Book/2010/13. Voice: Neelam Mishra

Comments

waah a classic remembered nicely by neelam ji in her pure and inncent voice
indu puri said…
बचपन में ये फिल्म भी देखि और कोर्स में पढ़ी भी .
आज मैं टीचर हूँ बरसों से इस कहानी को बच्चों को पढा रही हूँ .
तब भी और आज इतना सालों बाद भी कभी इस कहानी को एक बार में पूरा नही पढा पाई .
आवाज भर्रा जाती है और आंसू..???
तब भी बह निकलते थे आज भी अपना रोल प्ले करना नही भूलते.
इस कहानी सुना और एक बार फिर इंदु बेहद भावुक हो गई.
सब को ...प्यार और थेंक्स .
नीलम इसे और भी भावपूर्ण अभिव्यक्ति दे सकती थी तुम .वैसे ये प्रयास भी भला लगा .
neelam said…
इंदु जी ,
सही तरीके से मिला मार्ग दर्शन हमेशा कुछ न कुछ अच्छा ही करने का हौसला देते हैं ,हम इस कहानी को दुबारा रिकॉर्ड करेंगे हम खुद समझ रहे हैं कि इस कहानी के साथ न्याय नहीं हुआ है .आपका मार्ग दर्शन सार्थक हुआ इंदु दी.
ρяєєтii said…
Accha pryaas.... MAlak ko sunaungi ab yeh...

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