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गलियों में घूमो, सड़कों पे झूमो, दुनिया की खूब करो सैर....आशा और उषा का है ये सुरीला पैगाम

ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 398/2010/98

'सखी सहेली' शृंखला की आज की कड़ी में एक ज़बरदस्त हंगामा होने जा रहा है, क्योंकि आज के अंक के लिए हमने दो ऐसी गायिकाओं को चुना है जो अपनी हंगामाख़ेज़ आवाज़ के लिए जानी जाती रहीं हैं। इनमें से एक तो और कोई नहीं बल्कि आशा भोसले हैं, जो हर तरह के गीत गा सकने में माहिर हैं, और दूसरी आवाज़ है उषा अय्यर की। जी हाँ, वही उषा अय्यर, जो बाद में उषा उथुप के नाम से मशहूर हुईं। उषा जी पाश्चात्य और डिस्को शैली के गीतों के लिए जानी जाती हैं और उनका स्टेज परफ़ॊर्मैन्स इतना ज़रबदस्त होता है कि श्रोतागण सब कुछ भूल कर उनके साथ थिरक उठते हैं, मचल उठते हैं। तो ज़रा सोचिए, अगर आशा जी की मज़बूत लेकिन पतली आवाज़ और उषा जी मज़बूत और वज़नदार आवाज़ एक साथ मिल जाएँ एक ही गीत में तो किस तरह का हंगामा पैदा हो जाए! इसी प्रयोग को आज़माया था राहुल देव बर्मन ने १९७० की फ़िल्म 'हरे रामा हरे कृष्णा' के दो गीतों में। वैसे पहले गीत "दम मारो दम" में आशा जी की ही आवाज़ मुख्य रूप से सुनाई देती है, लेकिन जो दूसरा गीत है उसमें दोनों गायिकाओं को एक दूसरे के साथ बराबर का टक्कर लेने का मौका मिला था। एक तरफ़ आशा भोसले ज़ीनत अमान के लिए हिंदी मे गा रही हैं, और दूसरी तरफ़ उषा अय्यर अंग्रेज़ी में एक फ़िरंगी हिप्पी लड़की के लिए गा रही हैं। हिप्पियों पर बने गीतों में शायद यह सब से लोकप्रिय फ़िल्मी गीत रहा है। राम और कृष्ण के नाम का सहारा लेकर नशे में डूबे रहने वाले हिप्पे समुदाय का सजीव चित्रण इस गीत के माध्यम से आनंद बक्शी, पंचम और इन दोनो गायिकाओं ने किया है। कुल मिलाकर एक बेहद ज़बरदस्त पाश्चात्य जुगलबंदी की मिसाल है यह गीत और गीत के बोल हैं, जी नहीं, ऐसे नहीं, बल्कि इस गीत के पूरे बोल हम नीचे लिख रहे हैं। क्या है कि अंग्रेज़ी के बोलों पर म्युज़िक इस तरह से हावी है कि बहुत से लोगों को सही शब्दों का पता नहीं चल पाता है। इसलिए ये रहे इस गीत के बोल, इनके सहारे आप भी इस गीत को सुनते हुए मन ही मन गुनगुनाइए।

"I love you,
Can't you see my blue eyes I really do
Oh please give me another, another little chance
Ha dum daba daba dam daba daba daba daba daba dab.....

क्या ख़ुशी क्या ग़म, जब तक है दम में दम,
अरे ओ कश पे कश लगाते जाओ,
हे.. गलियों में झूमूँ, सड़कों पे घूमूँ,
दुनिया की ख़ूब करूँ सैर।
हरे रामा करे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा।

I love you
Can't you see my blue eyes I really do
Oh please give me another, another little chance
Ha dum daba daba dam daba daba daba daba daba dab.....

आ दीवाने हम, जब तक है दम में दम,
अरे ओ कश पे कश लगाते जाओ,
गोरे हो या काले, अपने है सारे,
दुनिया में कोई नहीं ग़ैर।
हरे रामा करे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा।"

इस गीत में उषा जी जिस तरह से "हरे रामा करे कृष्णा" के बीच बीच में 'everybody' कहती हैं, यह उन्होने अपने स्टेज शोज़ में हमेशा बरकरार रखा है और यह उनका यूनिक स्टाइल भी बन गया था। आज उषा उथुप का गीत पंचम के संगीत में बज रहा है, तो आपको यह बता दें कि उषा जी और पंचम बहुत अच्छे दोस्त थे। विविध भारती पर उषा जी बताती हैं कि "मैं क्या बताऊँ, कुछ लोग समझते हैं कि only they have the authority to talk about R D Burman। ख़ैर, जो भी है, he and I shared a lot of music, we were really यार, real यारी थी हमारी।" तो चलिए, उसी यारी दोस्ती के नाम हो जाए यह तड़कता भड़कता गाना।



क्या आप जानते हैं...
कि उषा उथुप ने रिकार्ड कायम किया जब एच.एम.वी ने उनके गाए गीतों के ६ ग्रामोफ़ोन रिकार्ड्स निकाले, जो उस समय अपने आप में एक रिकार्ड था। उषा जी की आवाज़ और गायन शैली की तारीफ़ इंदिरा गांधी और नेल्सन मंडेला जैसे शख़्स भी कर चुके हैं।

चलिए अब बूझिये ये पहेली, और हमें बताईये कि कौन सा है ओल्ड इस गोल्ड का अगला गीत. हम आपसे पूछेंगें ४ सवाल जिनमें कहीं कुछ ऐसे सूत्र भी होंगें जिनसे आप उस गीत तक पहुँच सकते हैं. हर सही जवाब के आपको कितने अंक मिलेंगें तो सवाल के आगे लिखा होगा. मगर याद रखिये एक व्यक्ति केवल एक ही सवाल का जवाब दे सकता है, यदि आपने एक से अधिक जवाब दिए तो आपको कोई अंक नहीं मिलेगा. तो लीजिए ये रहे आज के सवाल-

1. पनघट पर पानी भरती सखी सहेलियों का है ये मधुर गीत, गीत बताएं-३ अंक.
2. राजस्थान में पानी की समस्या पर आधारित इस फिल्म के शीर्षक में भी "पानी" शब्द है, निर्देशक बताएं- २ अंक.
3. मीनू पुरुषोत्तम के साथ किस गायिका ने आवाज़ मिलायी है इस गीत में -२ अंक.
4. जयदेव की है धुन, गीतकार बताएं -२ अंक.

विशेष सूचना -'ओल्ड इज़ गोल्ड' शृंखला के बारे में आप अपने विचार, अपने सुझाव, अपनी फ़रमाइशें, अपनी शिकायतें, टिप्पणी के अलावा 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के नए ई-मेल पते oig@hindyugm.com पर ज़रूर लिख भेजें।

पिछली पहेली का परिणाम-
वाह... चार जवाब, चारों सही, लगता है बहुत आसान पहेली रही ये. बधाई

खोज व आलेख- सुजॉय चटर्जी


ओल्ड इस गोल्ड यानी जो पुराना है वो सोना है, ये कहावत किसी अन्य सन्दर्भ में सही हो या न हो, हिन्दी फ़िल्म संगीत के विषय में एकदम सटीक है. ये शृंखला एक कोशिश है उन अनमोल मोतियों को एक माला में पिरोने की. रोज शाम 6-7 के बीच आवाज़ पर हम आपको सुनवाते हैं, गुज़रे दिनों का एक चुनिंदा गीत और थोडी बहुत चर्चा भी करेंगे उस ख़ास गीत से जुड़ी हुई कुछ बातों की. यहाँ आपके होस्ट होंगे आवाज़ के बहुत पुराने साथी और संगीत सफर के हमसफ़र सुजॉय चटर्जी. तो रोज शाम अवश्य पधारें आवाज़ की इस महफिल में और सुनें कुछ बेमिसाल सदाबहार नग्में.

Comments

पीतल की मोरी गागरी
AVADH said…
गीतकार बालकवि बैरागी
अवध लाल
AVADH said…
उत्तर सही करना चाहता हूँ.
बालकवि बैरागी जी का गीत दूसरा था.
पीतल की मोरी गागरी लिखा था कैफी आज़मी ने.
अवध लाल
indu puri said…
दो बूँद पानी नामक इस फिल्म के निर्देशक ख्वाजा अहमद अब्बास थे
AVADH said…
दर अस्ल मैं कनफुजिया गया था.
दो बूँद पानी तथा रेशमा और शेरा के बीच.
रेशमा और शेरा के गीतकार थे बालकवि बैरागी जी जबकि दो बूँद पानी के गीत लिखे थे कैफी आज़मी साहेब ने.
अवध लाल
AVADH said…
इंदु बहिन,
अभी तक चौथा जवाब नहीं आया.
अरे अपने इतने माहिर और प्रवीण संगीत के सुल्तानों का उत्तर क्यों नहीं आ रहा है.
अवध लाल
मीनू पुरुषोत्तम के साथ इस गाने को परवीन सुल्ताना ऩे गया था ....
प्रश्न ३ का उत्तर वैसे तो अवध भाई ने दे ही दिया है मगर उत्तर देने की सीमा का ध्यान रखते हुए साफ़ साफ़ नहीं कह रहे...
बहरहाल उत्तर है : मीनू पुरुषोत्तम के साथ इस गीत में जिस गायिका ने अपनी आवाज़ मिलायी है उनका नाम है - प्रवीण सुल्ताना !
क्यों अवध भी ...यही हिंट था न ??
manu said…
gaalon pe laali chhaa gayi...

haay klisne ye aag lagaayi re...


....

gaagreeeeeeeeeeeeeeee
JHAROKHA said…
yaha par jiataneblogar bhaeeyo ne jitane hi uttar lihhai hai sambhvtah jyaditar uama sahi hai

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