सिने-पहेली # 21 (21 मई, 2012)
दोस्तों, हमारे दूसरे सेगमेण्ट के विजेता हुए हैं- लखनऊ के प्रकाश गोविन्द, जिन्होने 49 अंक अर्जितकर सर्वोच्च स्थान पर रहे। बैंगलुरु के पंकज मुकेश ने प्रकाश जी को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरा स्थान और मुम्बई के रीतेश खरे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इन दोनों प्रतिभागियों को क्रमशः 45 और 42 अंक मिले हैं। चौथे स्थान पर 34 अंक लेकर अमित चावला और पांचवें स्थान पर 32 अंक पाकर क्षिति तिवारी ने स्वयं को दर्ज़ कराया है। इन प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई। इनके साथ-साथ दूसरे सेगमेण्ट की प्रतियोगिता में उनकी हिस्सेदारी के लिए सभी प्रतियोगियों का बहुत-बहुत आभार।
सभी नए और पुराने प्रतियोगियों से हमारा अनुरोध है कि आज से आरम्भ हो रहे तीसरे सेगमेण्ट के पहले अंक से एक नई ऊर्जा और नए उत्साह से इस प्रतियोगिता में भाग लेना आरम्भ करें। संभव है, इस सेगमेण्ट के विजेता आप ही हों। नए प्रतियोगियों के लिए 'सिने पहेली' महाविजेता बनने के नियम हम एक बार फिर दोहरा देते हैं। हमने इस प्रतियोगिता को दस-दस कड़ियों के सेगमेण्ट्स में विभाजित किया है। इस तरह से १००-वें अंक तक १० सेगमेण्ट्स हो जाएँगे, और हर सेगमेण्ट का एक विजेता घोषित होगा। इस तरह से १० सेगमेण्ट्स के बाद जो सर्वाधिक सेगमेण्ट का विजेता होगा, वही होगा ‘महाविजेता’ और उन्ही को 5000 रुपये की नकद राशि से सम्मानित किया जाएगा। आप सब को अग्रिम शुभकामना देते हुए आरम्भ करते हैं आज की पहेली के सवालों का सिलसिला।
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सवाल - 1 : बूझो तो जाने
इस श्रेणी में हम आपको कुछ शब्द देंगे जिनका इस्तेमाल कर आपको किसी हिन्दी फ़िल्मी गीत का मुखड़ा बनाना है। यानी कि हम आपको किसी गीत के मुखड़े के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को आगे-पीछे करके देंगे, आपको सही मुखड़ा पहचानना है। तो ये रहे आज के गीत के कुछ शब्द; ध्यान से पढ़िए और इन शब्दों को उचित स्थानों पे बिठाकर बताइए कि यह कौन सा गीत है।
बहार, फूल, गुजर, सिंगार, बाग, मीत
सवाल – 3 : सुनिए और पहचानिए
आज हम आपको सुनवा रहे हैं एक गीत का अंश, इसे ध्यान से सुनिए। इस गीत में आप फिलहाल केवल एक गायक की आवाज़ सुन रहे हैं, किन्तु गीत के अगले हिस्से में दो बाल कलाकारों की आवाज़ें भी शामिल हैं। आपको इस तीनों आवाज़ों को पहचानना है।
सवाल – 4 : कौन हूँ मैं?
मैं एक संगीतकार हूँ। फिल्मों के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत के मंचों पर भी मुझे और मेरे वाद्य को श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला। मेरी जन्मभूमि और आरम्भिक कर्मभूमि बंगाल रही है। फिल्मों में मेरा पदार्पण ‘न्यू थियेटर्स’ के माध्यम से हुआ, जहाँ मैं एक नामी संगीतकार के सहायक के तौर पर रहा। चौथे दशक के अन्त में मैं मुम्बई आ गया। बाम्बे टाकीज़ की मेरी पहली फिल्म में मेरे द्वारा स्वरबद्ध दो गीत बेहद लोकप्रिय हुए थे, जिनमें खान मस्ताना और बिब्बो के स्वर थे। बाम्बे टाकीज़ की ही एक और फिल्म के गीत भी हिट हुए, जिनमें अशोक कुमार और देविका रानी की हिट जोड़ी थी। मैंने संगीतकार अनिल विश्वास, रफीक गजनवी और शान्तिकुमार देसाई के साथ मिल कर भी कुछ फिल्मों में संगीत दिया। छठे दशक की एक फिल्म में मैंने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्य ‘वन्देमातरम...’ गीत (सुधा, मन्ना डे, शैलेश) को एक फिल्म में शामिल किया था। मुझे फिल्मों की अपेक्षा शास्त्रीय संगीत के मंचों और रेडियो से प्रस्तुति देना अधिक भाता था। अपने अन्तिम दिनों में मैं आकाशवाणी के राष्ट्रीय वाद्यवृन्द का कम्पोजर, कण्डक्टर और प्रोड्यूसर के पद पर रहा। क्या आप बता सकते हैं कि कौन हूँ मैं?
सवाल – 5 : गीत अपना धुन पराई
और अब पाँचवा और आख़िरी सवाल। सुनिए इस विदेशी धुन को और पहचानिए वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इस धुन से प्रेरित है।
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तो दोस्तों, हमने पूछ लिए हैं आज के पाँचों सवाल, और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....
१. अगर आपको सभी पाँच सवालों के जवाब मालूम है, फिर तो बहुत अच्छी बात है, पर सभी जवाब अगर मालूम न भी हों, तो भी आप भाग ले सकते हैं, और जितने भी जवाब आप जानते हों, वो हमें लिख भेज सकते हैं।
२. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।
३. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 20" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम, स्थान और पेशा लिखें।
४. आपका ईमेल हमें शुक्रवार 25मई तक मिल जाने चाहिए।
है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। जैसा कि हमने शुरु में ही कहा है कि हर सप्ताह हम सही जवाब भेजने वालों के नाम घोषित किया करेंगे, और सौवें अंक के बाद "महाविजेता" का नाम घोषित किया जाएगा।
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और अब ये रहे 'सिने पहेली-20' के सवालों के सही जवाब...
२. चित्र पहेली का सही जवाब है सोनू निगम।
३. 'सुनिये तो' में सुनवाए गए गीत के अंश में जो दो आवाज़ें हैं वो हैं सुधा मल्होत्रा और मधुबाला ज़वेरी की, और यह गीत है फ़िल्म 'नाग पद्मिनी' का "दिन हैं सुहाने", जिसके संगीतकार हैं सनमुख बाबू।
४. 'कौन हूँ मैं' का सही जवाब है सोनू निगम। उषा मंगेशकर ने उनका प्लेबैक किया था १९८२ की फ़िल्म 'उस्तादी उस्ताद से' में और गीत था "साथी तेरे नाम एक दिन जीवन कर जायेंगे"। राम लक्ष्मण इसके संगीतकार थे जिन्होने सोनू निगम की आवाज़ बाद में ली थी 'हम साथ साथ हैं' के गीत "आओ जी दुल्हन हम सब से मिलो जी" में जिसमे उन्होंने शक्ति कपूर का प्लेबैक किया था।
५. 'गीत अपना धुन पराई' में सुनवाए गए विदेशी गीत "coming through the Rye" से प्रेरित हिंदी गीत है फ़िल्म 'चोरी चोरी' का "पंछी बनूं उड़ती फिरूं"।
और अब 'सिने पहेली # 20' के विजेताओं के नाम ये रहे-
1. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ – 4 अंक
नमस्कार, दोस्तों। आज है 'सिने पहेली' की 21वीं कड़ी, यानी आज इस प्रतियोगिता के तीसरे सेगमेण्ट की पहली कड़ी है और इसे हम सबके प्रिय सुजॉय चटर्जी की व्यस्तता के कारण मैं कृष्णमोहन मिश्र, प्रस्तुत करते हुए आप सभी का स्वागत कर रहा हूँ। इससे पहले कि आज की 'सिने पहेली' का सिलसिला शुरू हो, सेगमेण्ट के विजेता की घोषणा करना आवश्यक है। यूँ तो इस प्रतियोगिता के नियमित प्रतिभागियों ने तो विजेता का अनुमान लगा ही लिया होगा।
दोस्तों, हमारे दूसरे सेगमेण्ट के विजेता हुए हैं- लखनऊ के प्रकाश गोविन्द, जिन्होने 49 अंक अर्जितकर सर्वोच्च स्थान पर रहे। बैंगलुरु के पंकज मुकेश ने प्रकाश जी को कड़ी टक्कर देते हुए दूसरा स्थान और मुम्बई के रीतेश खरे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इन दोनों प्रतिभागियों को क्रमशः 45 और 42 अंक मिले हैं। चौथे स्थान पर 34 अंक लेकर अमित चावला और पांचवें स्थान पर 32 अंक पाकर क्षिति तिवारी ने स्वयं को दर्ज़ कराया है। इन प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक बधाई। इनके साथ-साथ दूसरे सेगमेण्ट की प्रतियोगिता में उनकी हिस्सेदारी के लिए सभी प्रतियोगियों का बहुत-बहुत आभार।
सभी नए और पुराने प्रतियोगियों से हमारा अनुरोध है कि आज से आरम्भ हो रहे तीसरे सेगमेण्ट के पहले अंक से एक नई ऊर्जा और नए उत्साह से इस प्रतियोगिता में भाग लेना आरम्भ करें। संभव है, इस सेगमेण्ट के विजेता आप ही हों। नए प्रतियोगियों के लिए 'सिने पहेली' महाविजेता बनने के नियम हम एक बार फिर दोहरा देते हैं। हमने इस प्रतियोगिता को दस-दस कड़ियों के सेगमेण्ट्स में विभाजित किया है। इस तरह से १००-वें अंक तक १० सेगमेण्ट्स हो जाएँगे, और हर सेगमेण्ट का एक विजेता घोषित होगा। इस तरह से १० सेगमेण्ट्स के बाद जो सर्वाधिक सेगमेण्ट का विजेता होगा, वही होगा ‘महाविजेता’ और उन्ही को 5000 रुपये की नकद राशि से सम्मानित किया जाएगा। आप सब को अग्रिम शुभकामना देते हुए आरम्भ करते हैं आज की पहेली के सवालों का सिलसिला।
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सवाल - 1 : बूझो तो जाने
इस श्रेणी में हम आपको कुछ शब्द देंगे जिनका इस्तेमाल कर आपको किसी हिन्दी फ़िल्मी गीत का मुखड़ा बनाना है। यानी कि हम आपको किसी गीत के मुखड़े के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को आगे-पीछे करके देंगे, आपको सही मुखड़ा पहचानना है। तो ये रहे आज के गीत के कुछ शब्द; ध्यान से पढ़िए और इन शब्दों को उचित स्थानों पे बिठाकर बताइए कि यह कौन सा गीत है।
बहार, फूल, गुजर, सिंगार, बाग, मीत
सवाल – 2 : पहचान कौन?
आज की चित्र-पहेली में पहचानिए कलाकार को।
आज की चित्र-पहेली में पहचानिए कलाकार को।
सवाल – 3 : सुनिए और पहचानिए
आज हम आपको सुनवा रहे हैं एक गीत का अंश, इसे ध्यान से सुनिए। इस गीत में आप फिलहाल केवल एक गायक की आवाज़ सुन रहे हैं, किन्तु गीत के अगले हिस्से में दो बाल कलाकारों की आवाज़ें भी शामिल हैं। आपको इस तीनों आवाज़ों को पहचानना है।
सवाल – 4 : कौन हूँ मैं?
मैं एक संगीतकार हूँ। फिल्मों के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत के मंचों पर भी मुझे और मेरे वाद्य को श्रोताओं का भरपूर प्यार मिला। मेरी जन्मभूमि और आरम्भिक कर्मभूमि बंगाल रही है। फिल्मों में मेरा पदार्पण ‘न्यू थियेटर्स’ के माध्यम से हुआ, जहाँ मैं एक नामी संगीतकार के सहायक के तौर पर रहा। चौथे दशक के अन्त में मैं मुम्बई आ गया। बाम्बे टाकीज़ की मेरी पहली फिल्म में मेरे द्वारा स्वरबद्ध दो गीत बेहद लोकप्रिय हुए थे, जिनमें खान मस्ताना और बिब्बो के स्वर थे। बाम्बे टाकीज़ की ही एक और फिल्म के गीत भी हिट हुए, जिनमें अशोक कुमार और देविका रानी की हिट जोड़ी थी। मैंने संगीतकार अनिल विश्वास, रफीक गजनवी और शान्तिकुमार देसाई के साथ मिल कर भी कुछ फिल्मों में संगीत दिया। छठे दशक की एक फिल्म में मैंने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्य ‘वन्देमातरम...’ गीत (सुधा, मन्ना डे, शैलेश) को एक फिल्म में शामिल किया था। मुझे फिल्मों की अपेक्षा शास्त्रीय संगीत के मंचों और रेडियो से प्रस्तुति देना अधिक भाता था। अपने अन्तिम दिनों में मैं आकाशवाणी के राष्ट्रीय वाद्यवृन्द का कम्पोजर, कण्डक्टर और प्रोड्यूसर के पद पर रहा। क्या आप बता सकते हैं कि कौन हूँ मैं?
सवाल – 5 : गीत अपना धुन पराई
और अब पाँचवा और आख़िरी सवाल। सुनिए इस विदेशी धुन को और पहचानिए वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इस धुन से प्रेरित है।
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तो दोस्तों, हमने पूछ लिए हैं आज के पाँचों सवाल, और अब ये रहे इस प्रतियोगिता में भाग लेने के कुछ आसान से नियम....
१. अगर आपको सभी पाँच सवालों के जवाब मालूम है, फिर तो बहुत अच्छी बात है, पर सभी जवाब अगर मालूम न भी हों, तो भी आप भाग ले सकते हैं, और जितने भी जवाब आप जानते हों, वो हमें लिख भेज सकते हैं।
२. जवाब भेजने के लिए आपको करना होगा एक ई-मेल cine.paheli@yahoo.com के ईमेल पते पर। 'टिप्पणी' में जवाब न कतई न लिखें, वो मान्य नहीं होंगे।
३. ईमेल के सब्जेक्ट लाइन में "Cine Paheli # 20" अवश्य लिखें, और जवाबों के नीचे अपना नाम, स्थान और पेशा लिखें।
४. आपका ईमेल हमें शुक्रवार 25मई तक मिल जाने चाहिए।
है न बेहद आसान! तो अब देर किस बात की, लगाइए अपने दिमाग़ पे ज़ोर और जल्द से जल्द लिख भेजिए अपने जवाब। जैसा कि हमने शुरु में ही कहा है कि हर सप्ताह हम सही जवाब भेजने वालों के नाम घोषित किया करेंगे, और सौवें अंक के बाद "महाविजेता" का नाम घोषित किया जाएगा।
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और अब ये रहे 'सिने पहेली-20' के सवालों के सही जवाब...
१. पहले सवाल 'बूझो तो जाने' का सही जवाब है फ़िल्म 'एक बाप छह बटे' का मोहम्मद रफ़ी व सुलक्षणा पण्डित का गाया गीत "घड़ी मिलन की आई, आई तू छुट्टी लेकर आजा, प्यार की बीन बजे न अकेले, तु ज़रा साथ निभा जा, अजब मुसीबत आई आई यहाँ तो सुन मेरे राजा, एक साथ कई सुर बजते हैं, बंद हो कैसे बता जा..."
२. चित्र पहेली का सही जवाब है सोनू निगम।
३. 'सुनिये तो' में सुनवाए गए गीत के अंश में जो दो आवाज़ें हैं वो हैं सुधा मल्होत्रा और मधुबाला ज़वेरी की, और यह गीत है फ़िल्म 'नाग पद्मिनी' का "दिन हैं सुहाने", जिसके संगीतकार हैं सनमुख बाबू।
४. 'कौन हूँ मैं' का सही जवाब है सोनू निगम। उषा मंगेशकर ने उनका प्लेबैक किया था १९८२ की फ़िल्म 'उस्तादी उस्ताद से' में और गीत था "साथी तेरे नाम एक दिन जीवन कर जायेंगे"। राम लक्ष्मण इसके संगीतकार थे जिन्होने सोनू निगम की आवाज़ बाद में ली थी 'हम साथ साथ हैं' के गीत "आओ जी दुल्हन हम सब से मिलो जी" में जिसमे उन्होंने शक्ति कपूर का प्लेबैक किया था।
५. 'गीत अपना धुन पराई' में सुनवाए गए विदेशी गीत "coming through the Rye" से प्रेरित हिंदी गीत है फ़िल्म 'चोरी चोरी' का "पंछी बनूं उड़ती फिरूं"।
और अब 'सिने पहेली # 20' के विजेताओं के नाम ये रहे-
1. प्रकाश गोविन्द, लखनऊ – 4 अंक
2. सलमान खाँ, अलीगढ़ – 4 अंक
3. क्षिति तिवारी, जबलपुर – 3 अंक
4. पंकज मुकेश, बेंगलुरू – 3 अंक,
5. रीतेश खरे, मुंबई -2 अंक
6. इंदु पुरी गोस्वामी, चित्तौड़गढ़ - 1 अंक
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। अंक सम्बन्धित अगर आपको किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी शत-प्रतिशत सम्भावना है महाविजेता बनने की। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त कृष्णमोहन मिश्र को, नमस्कार!
सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई। अंक सम्बन्धित अगर आपको किसी तरह की कोई शिकायत हो, तो cine.paheli@yahoo.com के पते पर हमें अवश्य सूचित करें। आज के एपिसोड से जुड़ने वाले प्रतियोगियों के लिए भी शत-प्रतिशत सम्भावना है महाविजेता बनने की। इसलिए मन लगाकर और नियमित रूप से (बिना किसी एपिसोड को मिस किए) सुलझाते रहिए हमारी सिने-पहेली, करते रहिए यह सिने मंथन, और अनुमति दीजिए अपने इस ई-दोस्त कृष्णमोहन मिश्र को, नमस्कार!
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